आंध्र प्रदेश में बाजार हस्तक्षेप योजना से लाल मिर्च की कीमतों में सुधार, किसानों को राहत
अनुराग अजय
- 16 Mar 2025, 01:14 PM
- Updated: 01:14 PM
विजयवाड़ा, 16 मार्च (भाषा) लाल मिर्च के भाव में आई उल्लेखनीय गिरावट के बाद में घोषित आंध्र प्रदेश सरकार की बाजार हस्तक्षेप योजना (एमआईएस) से कीमतों में उछाल आया है और किसानों के लिए ये लाभकारी स्तर पर स्थिर हो गई हैं।
राज्य को इसी साल लाल मिर्च की कीमतों में भारी गिरावट का सामना करना पड़ा था। मिर्च की कीमतें पिछले सत्र में 28,000 रुपये प्रति क्विंटल से गिरकर 7,000 रुपये प्रति क्विंटल से भी नीचे आ गई थीं। इस तेज गिरावट के कारण खासकर रायलसीमा, गुंटूर और पालनाडु क्षेत्रों के मिर्च किसानों के लिए वित्तीय संकट पैदा हो गया।
इस स्थिति से निपटने के लिए आंध्र प्रदेश सरकार ने केंद्र से कीमतों के लिए बाजार हस्तक्षेप योजना शुरू करने का अनुरोध किया। 25 फरवरी को केंद्र सरकार ने आंध्र प्रदेश सरकार के साथ मिलकर बाजार हस्तक्षेप योजना शुरू की।
इसका उद्देश्य मिर्च की कीमतों को स्थिर करना था। इसके लिए 11,781 रुपये प्रति क्विंटल की खरीद कीमत तय की गई थी। इस योजना के तहत सरकार ने निर्धारित कीमत पर 25 प्रतिशत तक उपज खरीदने पर सहमति जताई थी, जिसमें केंद्र और राज्य के बीच घाटे को बराबर-बराबर बांटा जाता था।
बाजार के आंकड़ों से पता चला है कि इस योजना के कारण एक सप्ताह के भीतर खुले बाजार में कीमतों में 15-20 प्रतिशत की वृद्धि हुई, तथा दरें 3,000 रुपये प्रति क्विंटल तक बढ़ गई हैं।
व्यापारियों ने कुछ किस्मों के लिए 14,000 रुपये प्रति क्विंटल तक की ऊंची कीमत की पेशकश की, जो एमआईएस खरीद मूल्य से भी अधिक थी, क्योंकि उन्हें आगे भी कीमतों में बढ़ोतरी की उम्मीद है।
आंकड़ों के अनुसार, 11 फरवरी को किस्म 334 और नंबर पांच की कीमतें 11,500 रुपये प्रति क्विंटल पर थीं, लेकिन एमआईएस दरें क्रमशः 12,500 रुपये प्रति क्विंटल और 13,000 रुपये हो गईं।
इसी तरह, किस्म 341 की कीमतें 13,000 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़कर 13,900 रुपये हो गईं।
सूत्रों ने बताया कि इस मंजूरी आदेश के जारी होने के बाद, आंध्र प्रदेश सरकार ने बाजार हस्तक्षेप योजना के कार्यान्वयन के संबंध में सभी हितधारकों (किसानों, कृषिविदों, व्यापारियों) के साथ बैठक की।
सूत्रों ने बताया कि किसानों ने सरकार को बताया कि एमआईएस की घोषणा होने के बाद से कीमतें स्थिर होने लगी हैं।
भाषा अनुराग