प्रसिद्ध उड़िया कवि रमाकांत रथ का 90 वर्ष की आयु में निधन
राखी दिलीप
- 16 Mar 2025, 03:32 PM
- Updated: 03:32 PM
भुवनेश्वर, 16 मार्च (भाषा) प्रसिद्ध उड़िया कवि और पूर्व प्रशासनिक अधिकारी रमाकांत रथ का रविवार को यहां खारवेल नगर स्थित उनके आवास पर निधन हो गया। वह 90 वर्ष के थे। परिवार के सदस्यों ने यह जानकारी दी।
पद्म भूषण से सम्मानित रथ के परिवार में तीन बेटी और एक बेटा हैं।
उनके निधन पर ओडिशा के कई नेताओं और प्रतिष्ठित व्यक्तियों ने शोक व्यक्त किया और उनके घर पहुंचकर श्रद्धांजलि अर्पित की।
ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने रथ के निधन पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि रमाकांत रथ को भारतीय प्रशासनिक सेवा और साहित्य जगत में उनके योगदान के लिए हमेशा याद किया जाएगा।
माझी ने दिवंगत आत्मा की शांति के लिए भगवान जगन्नाथ से प्रार्थना की और शोक संतप्त परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की।
उन्होंने घोषणा की कि रथ का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा।
रथ की छोटी बेटी ने बताया कि उनके बेटे के विदेश से लौटने के बाद सोमवार को पुरी के स्वर्गद्वार में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
रमाकांत रथ का जन्म 13 दिसंबर 1934 को कटक में हुआ था। रेवेंशॉ कॉलेज (अब विश्वविद्यालय) से अंग्रेजी साहित्य में एमए करने के बाद वर्ष 1957 में वह भारतीय प्रशासनिक सेवा में शामिल हुए। राज्य और केंद्र सरकारों में कई महत्वपूर्ण पद संभालने के बाद वह 1992 में ओडिशा के मुख्य सचिव के पद से सेवानिवृत्त हुए।
रथ के प्रमुख काव्य संग्रहों में केते दिनारा (1962), सप्तम ऋतु (1977), सचित्र अंधारा (1982), श्री राधा (1985) और श्रेष्ठ कविता (1992) शामिल हैं। उनकी कई कविताओं का अंग्रेजी और अन्य भाषाओं में अनुवाद भी किया गया है।
उन्हें वर्ष 1977 में साहित्य अकादमी पुरस्कार, वर्ष 1984 में सरला पुरस्कार, वर्ष 1990 में विषुव सम्मान और 2009 में साहित्य अकादमी फेलोशिप से सम्मानित किया गया था।
साहित्य में उत्कृष्ट योगदान के लिए उन्हें वर्ष 2006 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।
रथ 1993 से 1998 तक केंद्रीय साहित्य अकादमी के उपाध्यक्ष और 1998 से 2003 तक अध्यक्ष भी रहे।
भाषा राखी