भीड़ के हमले में पुलिसकर्मी की मौत : मुख्यमंत्री यादव ने कहा, दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी
योगेश पारुल
- 16 Mar 2025, 04:59 PM
- Updated: 04:59 PM
भोपाल, 16 मार्च (भाषा) मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मऊगंज जिले में एक व्यक्ति को भीड़ के हमले से बचाने गए एएसआई की मौत के एक दिन बाद रविवार को कहा कि इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
विपक्षी दल कांग्रेस ने इस घटना के बाद राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर सरकार पर निशाना साधा है।
एक अधिकारी ने पहले बताया था कि शनिवार को मऊगंज में आदिवासियों के एक समूह ने कथित तौर पर एक व्यक्ति का अपहरण कर उसकी हत्या कर दी और फिर उसे बचाने का प्रयास करने वाले पुलिस दल को निशाना बनाया, जिसके परिणामस्वरूप एक सहायक उप-निरीक्षक (एएसआई) की मौत हो गई।
सूत्रों के मुताबिक, कोल जनजाति के लोगों के एक समूह ने सनी द्विवेदी नामक एक व्यक्ति को इस संदेह में अगवा कर लिया था कि उसने कुछ महीने पहले एक आदिवासी अशोक कुमार की हत्या की थी। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, कुमार की मौत एक सड़क हादसे में हुई थी।
पुलिस के मुताबिक, द्विवेदी के अपहरण की सूचना मिलने के बाद एक टीम उसे बचाने के लिए गदरा गांव पहुंची, लेकिन तब तक उसकी एक कमरे में कथित तौर पर पिटाई के बाद मौत हो चुकी थी।
पुलिस के अनुसार, जब पुलिसकर्मियों ने कमरा खोला, तो आदिवासियों के एक समूह ने उन पर लाठी और पत्थरों से हमला कर दिया, जिससे उनमें से कुछ पुलिसकर्मी घायल हो गए।
एक अधिकारी ने बताया कि घायल पुलिसकर्मियों को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन विशेष सशस्त्र बल के एएसआई चरण गौतम ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने 'पीटीआई-भाषा' के साथ बातचीत में कहा, "मऊगंज में कल जो हुआ, वह दुखद है। एक एएसआई की जान चली गई, जबकि कई अन्य घायल हो गए। स्थिति नियंत्रण में है और मैंने वरिष्ठ अधिकारियों को तुरंत घटनास्थल पर पहुंचने का निर्देश दिया है। मुझे उम्मीद है कि स्थिति जल्द ही सामान्य हो जाएगी।"
यादव ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा कि उन्होंने इस अमानवीय और दुर्भाग्यपूर्ण घटना के सभी दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने बताया, "घटना में घायल हुए अन्य पुलिसकर्मियों को इलाज के लिए रीवा के एक अस्पताल भेजा गया है।"
मुख्यमंत्री ने कहा कि घटना के तुरंत बाद क्षेत्र में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता(बीएनएसएस) की धारा 163 (निषेधाज्ञा) लागू कर दी गई और उप महानिरीक्षक (डीआईजी) रीवा, पुलिस अधीक्षक (एसपी) मऊगंज व अन्य पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे तथा स्थिति को नियंत्रित किया।
यादव ने कहा, "रीवा जोन के अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) घटनास्थल पर पहुंच रहे हैं। मैंने डीजीपी (पुलिस महानिदेशक) को भी घटनास्थल पर पहुंचकर (क्षेत्र में स्थिति का) जायजा लेने का निर्देश दिया है।"
इस बीच, कांग्रेस की मध्यप्रदेश इकाई के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने 'पीटीआई-भाषा’ से बातचीत के दौरान दावा किया कि राज्य में कानून-व्यवस्था ध्वस्त हो गई है।
उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश के मंडला जिले में हाल ही में नक्सल विरोधी अभियान के दौरान मारा गया व्यक्ति एक निर्दोष आदिवासी था, माओवादी नहीं।
पटवारी ने आगे कहा कि उन्हें यह भी जानकारी मिली है कि पुलिस ने इंदौर में कुछ वकीलों के साथ मारपीट की है और अगले ही दिन वहां वकीलों ने पुलिसकर्मियों की पिटाई कर दी।
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया, "पुलिस ने मऊगंज में आदिवासियों पर अत्याचार किया, जिसके जवाब में आदिवासियों ने पुलिस पर हमला कर दिया।"
उन्होंने कहा, "मध्यप्रदेश में कानून-व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है। गृह मंत्री (मोहन यादव) पूरी तरह विफल हो चुके हैं। प्रधानमंत्री को देखना चाहिए... अगर पिछले एक-दो दिन में पांच जगहों पर पुलिस पर हमला हुआ, तो फिर कानून-व्यवस्था कहां है?"
भाषा
योगेश