प्रधानमंत्री ने निर्वाचन आयोग की सराहना की, कहा- वैश्विक समुदाय को इसके कामकाज का अध्ययन करना चाहिए
देवेंद्र दिलीप
- 16 Mar 2025, 09:39 PM
- Updated: 09:39 PM
नयी दिल्ली, 16 मार्च (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत के ‘‘तटस्थ और स्वतंत्र’’ निर्वाचन आयोग की सराहना की और कहा कि दुनिया की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक प्रक्रिया का उसके द्वारा किये जाने वाले प्रबंधन का वैश्विक समुदाय को अध्ययन करना चाहिए।
पॉडकास्टर लेक्स फ्रीडमैन के साथ एक पॉडकास्ट में मोदी ने भारत की चुनावी प्रक्रिया के व्यापक पैमाने पर प्रकाश डाला और इसकी जटिलता तथा नागरिकों के बीच उच्च स्तर की राजनीतिक भागीदारी पर जोर दिया।
मोदी ने कहा, ‘‘भारत में, हमारे पास एक तटस्थ और स्वतंत्र निर्वाचन आयोग है, जो चुनाव कराता है और सभी निर्णय लेता है। यह अपने आप में इतनी बड़ी सफल कहानी है कि दुनियाभर के प्रमुख विश्वविद्यालयों को इसके प्रबंधन पर अध्ययन करना चाहिए।’’
उन्होंने कहा कि वैश्विक समुदाय को भारत की चुनाव प्रणाली के पैमाने और राजनीतिक जागरूकता को देखते हुए इसका विश्लेषण करना चाहिए।
फ्रीडमैन ने कहा कि भारत में चुनाव कई दिलचस्प पहलू सामने लाते हैं और उन्होंने पूछा कि क्या ऐसी कोई कहानी है, जो मोदी को विशेष रूप से प्रभावशाली लगी हो।
वर्ष 2024 के आम चुनाव का जिक्र करते हुए मोदी ने बताया कि 98 करोड़ पंजीकृत मतदाता हैं - जो उत्तरी अमेरिका की जनसंख्या से दोगुने से भी अधिक और यूरोपीय संघ की संयुक्त आबादी से भी अधिक है।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘98 करोड़ पंजीकृत मतदाताओं में से 64.6 करोड़ मतदाता मतदान करने के लिए अपने घरों से बाहर निकले, यहां तक कि मई की भीषण गर्मी में भी जब कुछ स्थानों पर तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था।’’
मोदी ने बताया कि देशभर में 10 लाख से अधिक मतदान केंद्र बनाये गये और 2,500 से अधिक राजनीतिक दलों ने इसमें हिस्सा लिया।
उन्होंने लोकतंत्र को मजबूत बनाने में मीडिया की भूमिका का भी उल्लेख किया, जिसमें 900 से अधिक टीवी चैनल और 5,000 समाचार पत्र इस प्रक्रिया में योगदान दे रहे हैं।
मोदी ने कहा, ‘‘हमारे देश के सबसे गरीब नागरिकों ने भी तेजी से प्रौद्योगिकी को अपना लिया है, इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन के माध्यम से मतदान किया है और हम एक ही दिन में परिणाम घोषित करने में सक्षम हैं।’’
उन्होंने मतदाता भागीदारी और चुनावी पारदर्शिता में सुधार के लिए निरंतर प्रयासों के माध्यम से लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया।
भाषा
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