शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के पिता का निधन, राष्ट्रपति मुर्मू और प्रधानमंत्री मोदी ने जताया शोक
पारुल दिलीप
- 17 Mar 2025, 06:06 PM
- Updated: 06:06 PM
भुवनेश्वर/नयी दिल्ली, 17 मार्च (भाषा) शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के पिता और पूर्व केंद्रीय मंत्री देबेंद्र प्रधान का सोमवार को निधन हो गया। वह 84 साल के थे।
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में मंत्री रहे भाजपा के वरिष्ठ नेता देबेंद्र प्रधान के परिवार में उनके दो बेटे हैं। इनमें धर्मेंद्र प्रधान शामिल हैं, जो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली मौजूदा केंद्र सरकार में मंत्री हैं।
भाजपा की ओडिशा इकाई के पूर्व अध्यक्ष देबेंद्र प्रधान ने नयी दिल्ली में अपने बेटे के तीन मूर्ति लेन स्थित सरकारी आवास पर अंतिम सांस ली।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देबेंद्र प्रधान के निधन पर शोक जताया।
मुर्मू ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ नेता देबेंद्र प्रधान के निधन से दुखी हूं। मैं उन्हें कई वर्षों से जानती थी। इस कारण मुझे जनसेवा के प्रति उनके समर्पण और ओडिशा तथा राष्ट्र के विकास में उनके योगदान की गवाह बनने का मौका मिला। उनके बेटे एवं केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, परिवार के अन्य सदस्यों और प्रशंसकों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएं।”
वहीं, प्रधानमंत्री मोदी ने देबेंद्र प्रधान के पार्थिव शरीर पर पुष्पांजलि अर्पित की और ओडिशा में भाजपा को मजबूत करने के उनके प्रयासों की सराहना की।
मोदी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “डॉ. देबेंद्र प्रधान जी ने एक मेहनती और विनम्र नेता के रूप में अपनी पहचान बनाई। उन्होंने ओडिशा में भाजपा को मजबूत करने के लिए कई प्रयास किए। सांसद और मंत्री के रूप में उनका योगदान गरीबी उन्मूलन और सामाजिक सशक्तिकरण पर जोर देने के लिए भी उल्लेखनीय है। उनके निधन से दुखी हूं। मैं उनके अंतिम दर्शन करने गया और उनके परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की। ओम शांति।”
वहीं, ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने कहा कि देबेंद्र प्रधान एक लोकप्रिय जननेता और योग्य सांसद थे।
उन्होंने कहा, “देबेंद्र प्रधान ने 1999 से 2001 तक केंद्रीय परिवहन एवं कृषि मंत्री के रूप में अपने कर्तव्यों का कुशलतापूर्वक निर्वहन किया। एक जनप्रतिनिधि एवं सांसद के रूप में उन्होंने कई कल्याणकारी कार्य किए, जिसके लिए उन्हें आम जनता का काफी स्नेह मिला। उन्होंने अपना पूरा जीवन राज्य के विकास के लिए समर्पित कर दिया।”
ओडिशा के राज्यपाल हरिबाबू कंभमपति ने कहा कि देबेंद्र प्रधान राज्य की प्रगति के लिए समर्पित थे।
उन्होंने कहा, “देबेंद्र प्रधान ने अटूट प्रतिबद्धता और दृढ़ संकल्प के साथ अपना जीवन लोगों के कल्याण के लिए समर्पित कर दिया। उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा। उनके बेटे एवं केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और शोक संतप्त परिवार के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएं।”
ओडिशा विधानसभा में विपक्ष के नेता एवं बीजू जनता दल (बीजद) प्रमुख नवीन पटनायक ने कहा कि देबेंद्र प्रधान को उनके अद्वितीय संगठनात्मक कौशल और अडिग व्यक्तित्व के लिए हमेशा याद किया जाएगा।
पटनायक ने कहा, “डॉ. देबेंद्र प्रधान के निधन से राज्य ने एक लोकप्रिय और कद्दावर नेता खो दिया है।’’
देबेंद्र प्रधान को श्रद्धांजलि देने कई केंद्रीय मंत्री भी धर्मेंद्र प्रधान के तीन मूर्ति लेन स्थित सरकारी आवास पर पहुंचे।
पेशे से डॉक्टर देबेंद्र प्रधान ने 1980 के दशक में तालचेर के एक साधारण कार्यकर्ता के रूप में अपना सियासी सफर शुरू किया था। वह 1988 में पहली बार भाजपा की ओडिशा इकाई के अध्यक्ष चुने गए थे और 1993 तक लगातार दो कार्यकाल के लिये इस पद पर बने रहे। 1995 में उन्होंने एक बार फिर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष पद पर वापसी की थी और 1997 तक राज्य में पार्टी की कमान संभाली।
देबेंद्र प्रधान ने 1998 के लोकसभा चुनाव में देवगढ़ सीट से जीत हासिल की थी और 1999 में एक बार फिर सांसद निर्वाचित हुए थे।
भाषा पारुल