रेल अवसंरचना विकास में अच्छा काम हुआ, लेकिन बजटीय आवंटन निराशाजनक: प्रेमचंद्रन
वैभव हक
- 17 Mar 2025, 07:25 PM
- Updated: 07:25 PM
नयी दिल्ली, 17 मार्च (भाषा) विपक्ष के एक सांसद ने सोमवार को देश में रेल अवसंरचना विकास के कार्यों के लिए रेल मंत्रालय और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव की तारीफ की, वहीं रेलवे को बजट में किए गए आवंटन पर निराशा जताते हुए इसे बढ़ाने की मांग की।
आरएसपी सांसद एन के प्रेमचंद्रन ने लोकसभा में ‘वर्ष 2025-26 के लिए रेल मंत्रालय के नियंत्रणाधीन अनुदानों की मांगों’ पर चर्चा में भाग लेते हुए कहा, ‘‘देश में रेल अचसंरचना विकास के लिए हुए कार्यों की मैं प्रशंसा करना चाहता हूं। इसके लिए मैं रेल मंत्री को धन्यवाद देना चाहता हूं।’’
हालांकि उन्होंने रेलवे की अनुदान मांगों का विरोध करते हुए कहा कि आगामी वित्त वर्ष के रेल बजट में वृद्धि नहीं की गई है, पिछली बार से इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया और एक भी नई परियोजना की घोषणा नहीं की गई, इसलिए इसे ‘यथास्थिति बजट’ कहा जा सकता है।
आरएसपी सांसद ने बजट की तारीफ में रेल मंत्री वैष्णव द्वारा दिए गए एक बयान का जिक्र करते हुए कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 में रेल बजट लगभग 2.6 लाख करोड़ रुपये का था जो घटकर 2025-26 के लिए 2.55 लाख करोड़ रुपये रह गया है, ऐसे में रेल मंत्री इसे ‘अद्भुत बजट’ कैसे कह सकते हैं।
उन्होंने सरकार से मांग की कि देश में रेल अवसंरचना विकास के लिए अधिक से अधिक बजटीय आवंटन किया जाए।
एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी ने सरकार से रेलवे में रिक्तियों के संबंध में प्रश्न पूछा।
उन्होंने कहा कि तेलंगाना सरकार ने केंद्र से अनेक परियोजनाओं की मांग की है लेकिन केंद्र का बर्ताव ‘सौतेला’ है।
ओवैसी ने सरकार की बुलेट ट्रेन परियोजना को ‘ख्याली पुलाव’ की संज्ञा दी।
पंजाब से आम आदमी पार्टी के सदस्य मलविंदर सिंह कंग ने श्री आनंदपुर साहिब से हुजूर साहिब तक विशेष ट्रेन चलाने की मांग की।
तृणमूल कांग्रेस की जून मलिया ने चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास की बड़ी घोषणा की लेकिन इस दिशा में काम बहुत धीमा है।
उन्होंने रेल मंत्री के रूप में ममता बनर्जी के कार्यकाल का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्हें नई ट्रेनों की शुरुआत करने, यात्री केंद्रित नीतियों एवं अन्य सुरक्षा संबंधी परियोजनाओं के लिए याद किया जाता है।
निर्दलीय सदस्य राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने सरकार से पूछा कि पिछले 11 साल में रेलवे में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़े वर्ग के बच्चों को कितनी नौकरियां दीं।
उन्होंने सरकार से मांग की कि रेलवे टिकट आरक्षण में दलाली बंद होनी चाहिए और प्रतीक्षा सूची में जितने अधिक टिकट कटें, उतने अतिरिक्त कोच लगाए जाने चाहिए।
भाषा वैभव