मोदी ने न्यूजीलैंड में खालिस्तान समर्थक तत्वों की गतिविधियों पर प्रधानमंत्री लक्सन से चिंता जताई
आशीष प्रशांत
- 17 Mar 2025, 07:32 PM
- Updated: 07:32 PM
(तस्वीरों के साथ)
नयी दिल्ली, 17 मार्च (भाषा) भारत और न्यूजीलैंड ने सोमवार को रक्षा संबंधों को संस्थागत बनाने के लिए एक महत्वाकांक्षी समझौते पर हस्ताक्षर किए और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने का संकल्प लिया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने न्यूजीलैंड के अपने समकक्ष क्रिस्टोफर लक्सन से मुलाकात के दौरान उनके देश में कुछ खालिस्तान समर्थक तत्वों द्वारा भारत विरोधी गतिविधियों को अंजाम दिए जाने पर चिंता से अवगत कराया।
मोदी और लक्सन के बीच वार्ता के बाद दोनों पक्षों ने शिक्षा, खेल, कृषि और जलवायु परिवर्तन सहित कई क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए छह समझौतों पर हस्ताक्षर किए तथा रक्षा उद्योग क्षेत्र में सहयोग के लिए खाका तैयार करने का निर्णय लिया।
मोदी और लक्सन ने दोनों देशों के बीच ‘‘संतुलित, महत्वाकांक्षी, व्यापक और पारस्परिक रूप से लाभकारी’’ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के लिए वार्ता शुरू करने का स्वागत किया।
विदेश मंत्रालय में सचिव (पूर्व) जयदीप मजूमदार ने संकेत दिया कि दोनों देश इस वर्ष के अंत तक एफटीए पर हस्ताक्षर करने का प्रयास करेंगे।
मोदी ने अपने मीडिया वक्तव्य में कहा कि भारत और न्यूजीलैंड एक स्वतंत्र, खुले, सुरक्षित और समृद्ध हिंद-प्रशांत क्षेत्र का समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हम विस्तारवाद की नहीं, बल्कि विकास की नीति में विश्वास करते हैं।’’ उनकी यह टिप्पणी क्षेत्र में चीन के विस्तारवादी रुख पर बढ़ती वैश्विक चिंताओं के बीच आई है।
एक संयुक्त वक्तव्य के अनुसार, दोनों नेताओं ने ऐसे हिंद-प्रशांत क्षेत्र का समर्थन करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुनः पुष्टि की जहां संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान किया जाएगा।
लक्सन रविवार को पांच दिवसीय यात्रा पर राष्ट्रीय राजधानी पहुंचे, जिसका मुख्य उद्देश्य दोनों पक्षों के बीच गहन आर्थिक भागीदारी को बढ़ावा देना है।
एफटीए वार्ता के संदर्भ में, मोदी और लक्सन ने डिजिटल भुगतान क्षेत्र में सहयोग के शीघ्र कार्यान्वयन की संभावना तलाशने के लिए दोनों पक्षों के संबंधित अधिकारियों के बीच चर्चा पर सहमति व्यक्त की।
संयुक्त वक्तव्य के अनुसार, व्यापार समझौते के लिए वार्ता के संदर्भ में, दोनों पक्षों ने पेशेवरों और कुशल कामगारों की आवाजाही को सुविधाजनक बनाने वाली व्यवस्था पर चर्चा शुरू करने को लेकर सहमति व्यक्त की, जिसका मुख्य उद्देश्य अनियमित प्रवास की चुनौती से निपटना है।
बातचीत में मोदी ने 2019 में क्राइस्टचर्च में हुए आतंकवादी हमले और 26/11 मुंबई हमले का जिक्र करते हुए कहा कि किसी भी रूप में आतंकवाद ‘‘अस्वीकार्य’’ है।
उन्होंने कहा, ‘‘आतंकवादी हमलों के दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई जरूरी है। हम आतंकवादी, अलगाववादी और कट्टरपंथी तत्वों के खिलाफ मिलकर सहयोग करना जारी रखेंगे।’’
मोदी ने कहा, ‘‘इस संदर्भ में, हमने न्यूजीलैंड में कुछ गैरकानूनी तत्वों द्वारा भारत विरोधी गतिविधियों के बारे में अपनी चिंता साझा की। हमें विश्वास है कि हमें इन सभी गैरकानूनी तत्वों के खिलाफ न्यूजीलैंड सरकार से सहयोग मिलता रहेगा।’’
प्रेस वार्ता में मजूमदार ने कहा कि मोदी-लक्सन के बीच वार्ता में न्यूजीलैंड में कुछ खालिस्तान समर्थक तत्वों की गतिविधियों का मुद्दा उठा। उन्होंने कहा, ‘‘हम अपने मित्रों को उनके देशों में भारत विरोधी तत्वों की गतिविधियों और आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले तथा हमारे राजनयिकों पर हमले की धमकी देने के लिए अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता तथा अन्य लोकतांत्रिक स्वतंत्रताओं के दुरुपयोग के बारे में सचेत करते हैं।’’
मजूमदार ने कहा, ‘‘न्यूजीलैंड की सरकार ने पहले भी हमारी चिंताओं को ध्यान में रखा है तथा इस पर विचार किया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘आज भी हमें यही जवाब मिला है।’’
मोदी ने कहा कि दोनों पक्षों ने रक्षा एवं सुरक्षा साझेदारी को मजबूत एवं संस्थागत बनाने का निर्णय लिया है तथा रक्षा उद्योग क्षेत्र में सहयोग के लिए एक खाका तैयार किया जाएगा।
न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने और मोदी ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चुनौतीपूर्ण रणनीतिक दृष्टिकोण पर चर्चा की।
लक्सन ने कहा, ‘‘मैंने समृद्ध हिंद-प्रशांत में योगदान देने के लिए अपने-अपने हितों पर साझा चिंताओं को दूर करने की हमारी मजबूत प्रतिबद्धता दोहराई।’’
प्रस्तावित एफटीए पर मोदी ने कहा कि डेयरी, खाद्य प्रसंस्करण और फार्मा जैसे क्षेत्रों में आपसी सहयोग और निवेश को बढ़ावा दिया जाएगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने भारत-न्यूजीलैंड रक्षा संबंधों पर भी विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा, ‘‘हमने अपनी रक्षा और सुरक्षा साझेदारी को मजबूत और संस्थागत बनाने का निर्णय लिया है। संयुक्त अभ्यास, प्रशिक्षण, बंदरगाह यात्राओं के साथ-साथ रक्षा उद्योग में भी आपसी सहयोग के लिए खाका बनाया जाएगा।’’
दोनों पक्षों के बीच हस्ताक्षरित समझौतों में भारत के केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) और न्यूजीलैंड की सीमा शुल्क सेवा के बीच पारस्परिक मान्यता समझौता भी शामिल है।
संयुक्त वक्तव्य में कहा गया कि रक्षा समझौता समग्र रक्षा संबंधों को और मजबूत करेगा।
समुद्री सुरक्षा के संदर्भ में, न्यूजीलैंड ने भारत के संयुक्त समुद्री बलों से जुड़ने का स्वागत किया।
मोदी और लक्सन दोनों ने न्यूजीलैंड की कमान टास्क फोर्स 150 के दौरान रक्षा संबंधों में प्रगति का स्वागत किया।
दोनों नेताओं ने वैश्विक चुनौतियों पर भी बात की। पश्चिम एशिया की स्थिति पर, मोदी और लक्सन ने क्षेत्र में शांति और स्थिरता के लिए अपने दृढ़ समर्थन की पुष्टि की।
संयुक्त वक्तव्य में कहा गया कि उन्होंने स्थायी शांति सुनिश्चित करने के लिए वार्ता जारी रखने का अपना आह्वान दोहराया, जिसमें सभी बंधकों की रिहाई और गाजा में तेज, सुरक्षित और निर्बाध मानवीय पहुंच शामिल है।
मोदी और लक्सन ने यूक्रेन में युद्ध पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया और अंतरराष्ट्रीय कानून, संयुक्त राष्ट्र चार्टर के सिद्धांतों और क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता के सम्मान के आधार पर न्यायपूर्ण और स्थायी शांति के लिए समर्थन व्यक्त किया।
संयुक्त वक्तव्य में कहा गया कि दोनों नेताओं ने सीमा पार आतंकवाद समेत सभी तरह के आतंकवाद की निंदा की। इसमें कहा गया कि मोदी और लक्सन ने सभी देशों की ओर से संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों और व्यक्तियों के खिलाफ तत्काल, निरंतर और ठोस कार्रवाई करने की तत्काल आवश्यकता पर बल दिया।
उन्होंने आतंकवाद के वित्तपोषण नेटवर्क और सुरक्षित ठिकानों को नष्ट करने, ऑनलाइन सहित आतंकवादी बुनियादी ढांचे को नष्ट करने तथा आतंकवाद के अपराधियों को शीघ्र न्याय के दायरे में लाने का आह्वान किया।
भाषा आशीष