आर जी कर मामला: मृत चिकित्सक के माता-पिता को उच्च न्यायालय में कार्यवाही जारी रखने की अनुमति मिली
राजकुमार दिलीप
- 17 Mar 2025, 07:46 PM
- Updated: 07:46 PM
नयी दिल्ली, 17 मार्च (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने आर जी कर चिकित्सा महाविद्यालय में महिला चिकित्सक से बलात्कार एवं हत्या के मामले में पीड़िता के माता-पिता को इस जघन्य घटना की अदालत की निगरानी में आगे की सीबीआई जांच कराने के लिये कलकत्ता उच्च न्यायालय में कार्यवाही को जारी रखने की सोमवार को अनुमति दे दी।
प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने मृत चिकित्सक के माता-पिता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता करुणा नंदी की इन दलीलों पर गौर किया कि कुछ अन्य व्यक्तियों की कथित भूमिका का पता लगाने के लिए और जांच की आवश्यकता है।
पीठ ने कहा, ‘‘इस बारे में कोई टिप्पणी किए बिना हम (माता-पिता के) आवेदन का निस्तारण करते हैं और हमारा कहना है कि आवेदकों को उच्च न्यायालय में कार्यवाही को जारी रखने की स्वतंत्रता है।’’
मृत चिकित्सक के माता-पिता अदालत कक्ष में मौजूद थे।
अदालत की निगरानी में इस घटना की आगे की सीबीआई जांच की मांग संबंधी मृत चिकित्सक के माता-पिता की एक अलग याचिका पहले से ही कलकत्ता उच्च न्यायालय में लंबित है। उच्च न्यायालय ने हाल में उनसे इस मुद्दे पर शीर्ष अदालत से स्पष्टीकरण लेने को कहा था।
मृत चिकित्सक के माता-पिता सीबीआई जांच से नाखुश हैं तथा उन्होंने इस मामले में और जांच के लिए शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया ।
पीठ ने कहा कि वह 13 मई से शुरू होने वाले सप्ताह में न्यायालय द्वारा नियुक्त राष्ट्रीय कार्यबल (एनटीएफ) के साथ मिलकर देश भर के अस्पतालों में लिंग आधारित हिंसा को रोकने और चिकित्सकों एवं चिकित्सा कर्मियों के लिए सुरक्षा प्रोटोकॉल तैयार करने पर सिफारिशों और सुझावों से संबंधित पहलू पर विचार करेगी।
पिछले साल अगस्त में आर जी कर अस्पताल के सेमिनार कक्ष में स्नातकोत्तर प्रशिक्षु चिकित्सक के मृत पाये जाने के बाद देशभर में अस्पतालों के कर्मचारियों और चिकित्सकों ने प्रदर्शन किया था।
जांच के दौरान, कोलकाता पुलिस ने मामले के सामने आने के अगले ही दिन नागरिक स्वयंसेवक संजय रॉय को गिरफ्तार कर लिया।
पिछले साल कोलकाता के आर जी कर चिकित्सा महाविद्यालय और अस्पताल में हुए इस जघन्य अपराध के बाद पश्चिम बंगाल में लंबे समय तक विरोध प्रदर्शन चला और देशभर में जनाक्रोश फूट पड़ा।
पिछले साल 22 अगस्त को पीठ ने देश भर में प्रदर्शन कर रहे चिकित्सकों से भावुक अपील की थी और उनसे काम पर लौटने को कहा था।
पीठ प्रशिक्षु महिला चिकित्सक के साथ बलात्कार और हत्या के मामले का स्वत: संज्ञान लेकर सुनवाई कर रही थी। बीस जनवरी को रॉय को मामले में मृत्यु होने तक आजीवन कारावास की सजा सुनायी गयी थी।
भाषा
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