उत्तर प्रदेश: आठ वर्ष में मेडिकल कॉलेजों की संख्या बढ़ी, स्वास्थ्य सेवा ‘उत्कृष्टता’ मॉडल में तब्दील
सलीम जितेंद्र
- 17 Mar 2025, 08:44 PM
- Updated: 08:44 PM
लखनऊ, 17 मार्च (भाषा) उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार के पिछले आठ वर्ष के कार्यकाल में 80 नये मेडिकल कॉलेज शुरू हुए और एमबीबीएस व परास्नातक पाठ्यक्रमों में सीटों की संख्या में भी इजाफा हुआ।
राज्य के चिकित्सा शिक्षा विभाग की महानिदेशक किंजल सिंह ने यहां एक बयान में बताया कि सरकार ने पिछले आठ वर्ष में प्रदेश में मेडिकल कॉलेजों और एमबीबीएस-परास्नातक सीटों की संख्या में वृद्धि की है।
उन्होंने बताया कि सरकार ने सुपर स्पेशियलिटी अस्पतालों और शोध संस्थानों की स्थापना तथा आयुष चिकित्सा को बढ़ावा देकर चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में एक नया स्वर्णिम अध्याय लिखा है।
किंजल सिंह ने कहा कि इन प्रयासों से प्रदेश के लाखों युवाओं को बेहतर चिकित्सा शिक्षा और प्रशिक्षण का अवसर मिल रहा है, जिससे भविष्य में प्रदेश के स्वास्थ्य ढांचे को और मजबूत किया जा सकेगा।
उन्होंने बताया, “ पिछले आठ वर्ष में प्रदेश में 80 नये मेडिकल कॉलेज संचालित किए गए हैं, जिनमें 44 राजकीय एवं 36 निजी मेडिकल कॉलेज शामिल हैं। बिजनौर, बुलंदशहर, कुशीनगर, पीलीभीत, सुल्तानपुर, कानपुर देहात, ललितपुर, औरैया, चंदौली, गोंडा, सोनभद्र, लखीमपुर खीरी और कौशांबी जिलों में स्वशासी मेडिकल कॉलेजों में शिक्षण कार्य शुरू हो चुका है।”
किंजल ने बताया कि वहीं, महराजगंज, शामली और संभल में निजी-सार्वजनिक भागीदारी (पीपीपी) मॉडल के तहत मेडिकल कॉलेजों की स्थापना कर चिकित्सा शिक्षा को और अधिक सुलभ बनाया गया है।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में वर्तमान में सरकारी क्षेत्र में एमबीबीएस की 5250 सीटें उपलब्ध हैं, जबकि निजी क्षेत्र में 6550 सीटें हैं।
किंजल ने बताया कि इसके अलावा पीपीपी मॉडल पर स्थापित तीन नए मेडिकल कॉलेजों में 350 अतिरिक्त सीटें जोड़ी गई हैं।
उन्होंने बताया कि इसी तरह सरकारी क्षेत्र में एमडी-एमएस-डिप्लोमा सीटों की संख्या 900 से बढ़कर 1871 हो गई हैं जबकि निजी क्षेत्र में परास्नातक की 2,100 सीटें उपलब्ध हैं।
किंजल ने बताया कि सरकार के प्रयासों से आयुष चिकित्सा शिक्षा को भी बढ़ावा मिला है।
उन्होंने बताया कि अयोध्या में राजकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय और वाराणसी में राजकीय होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज की स्थापना की गई है।
अधिकारी ने बताया कि प्रदेश में कुल 2110 आयुर्वेदिक, 254 यूनानी और 1585 होम्योपैथिक चिकित्सालय संचालित किये जा रहे हैं।
किंजल ने बताया कि चिकित्सा सेवाओं को और अधिक सुदृढ़ करने के लिए राजधानी लखनऊ में कल्याण सिंह सुपर स्पेशियलिटी कैंसर इंस्टीट्यूट में ‘सेंटर फॉर एडवांस मॉलिक्यूलर डायग्नोस्टिक्स एंड रिसर्च फॉर कैंसर’ की स्थापना की गई है।
उन्होंने बताया कि इसके अलावा संजय गांधी पीजीआई (एसजीपीजीआई) में ‘डायबिटीज सेंटर’ की स्थापना के साथ-साथ 500 बेड के ‘एडवांस पीडियाट्रिक सेंटर’ का निर्माण कार्य प्रगति पर है।
भाषा सलीम