मध्यप्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान के जंगल में ‘गामिनी’ चीता और उसके चार शावक छोड़े गये
प्रीति रंजन
- 17 Mar 2025, 09:23 PM
- Updated: 09:23 PM
श्योपुर/भोपाल, 17 मार्च (भाषा) मध्यप्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान (केएनपी) में मादा चीता 'गामिनी' और उसके चार शावकों को सोमवार को जंगल में छोड़ा गया। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
अधिकारी ने बताया कि गामिनी और उसके चार शावकों को जंगल में छोड़े जाने के बाद केएनपी में खुले में विचरण करने वाले चीतों की संख्या बढ़कर 17 हो गयी है, जबकि नौ चीते बाड़ों में हैं।
अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक उत्तम कुमार शर्मा ने एक बयान में बताया कि दक्षिण अफ्रीकी मादा चीता 'गामिनी' और उसके चार शावकों (दो नर और दो मादा, उम्र 12 महीने) को श्योपुर जिले के खजुरी वन क्षेत्र में सफलतापूर्वक छोड़ा गया है और सभी चीते स्वस्थ हैं।
पर्यटन क्षेत्र में चीतों को छोड़े जाने के बाद अब आगंतुकों को सफारी के दौरान चीतों को देखने का अवसर मिल सकता है।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने उनको जंगल में छोड़े जाने को चीता परियोजना और वन्यजीव संरक्षण के लिए एक ‘‘महत्वपूर्ण दिन’’ करार दिया।
यादव ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका से मध्यप्रदेश में लाए गए चीते न केवल भारत के लिए बल्कि जैव विविधता की दृष्टि से एशिया के लिए भी एक महत्वपूर्ण परियोजना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केएनपी क्षेत्र में चीतों की बढ़ती संख्या से पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा, रोजगार उपलब्ध होगा और चंबल क्षेत्र की समग्र अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।
उन्होंने मीडिया को दिए संदेश में कहा कि इस अंतरमहाद्वीपीय परियोजना के लिए कूनो (श्योपुर) का चयन करना प्रदेश के लिए सौभाग्य की बात है।
यादव ने चीता परियोजना के सफल कार्यान्वयन के लिए राज्य वन विभाग के समर्पण और कड़ी मेहनत की सराहना की।
शर्मा ने एक विज्ञप्ति में कहा, ‘‘गामिनी और सभी चार शावक स्वस्थ हैं। यह वन क्षेत्र अहेरा पर्यटन क्षेत्र का हिस्सा है।’’
विज्ञप्ति में कहा गया, ‘‘गामिनी और उसके चार शावकों को छोड़े जाने के बाद अब कुनो राष्ट्रीय उद्यान के जंगल में 17 चीते (जिनमें से 11 शावकों ने यहं जन्म लिया है) हैं। सभी चीते स्वस्थ हैं और जंगल में ठीक-ठाक रह रहे हैं।
अधिकारियों के अनुसार, गामिनी ने 10 मार्च 2024 को छह शावकों को जन्म दिया था, लेकिन बाद में दो शावकों की मौत हो गई थी।
इससे पहले, 21 फरवरी को चीता 'ज्वाला' और उसके चार शावकों को कूनो राष्ट्रीय उद्यान के जंगल में छोड़ा गया था।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 17 सितंबर 2022 को नामीबिया से लाए गए आठ चीतों को कूनो राष्ट्रीय उद्यान में छोड़कर चीता पुनर्वास परियोजना की शुरुआत की थी।
भाषा।
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