राबड़ी देवी ईडी के समक्ष पेश; नौकरी के बदले जमीन मामले में लालू, बेटे तेज प्रताप को तलब किया गया
खारी नेत्रपाल
- 18 Mar 2025, 01:11 PM
- Updated: 01:11 PM
पटना, 18 मार्च (भाषा) बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी कथित ‘‘नौकरी के बदले जमीन’’ घोटाले से संबंधित धनशोधन मामले में मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष पेश हुईं। इसके अलावा ईडी ने उनके पति एवं राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद तथा उनके बेटे तेज प्रताप यादव को भी पूछताछ के लिए तलब किया है। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।
राबड़ी देवी अपनी सांसद बेटी मीसा भारती के साथ पटना में बैंक रोड स्थित ईडी के कार्यालय पहुंचीं।
तेज प्रताप यादव को भी मंगलवार को पेश होने के लिए कहा गया था। सूत्रों ने बताया कि हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि विधायक एजेंसी के समक्ष पेश होंगे या नहीं क्योंकि बिहार विधानसभा का सत्र जारी है।
उन्होंने बताया कि प्रसाद को बुधवार को पटना में संघीय जांच एजेंसी के समक्ष पेश होने के लिए कहा गया है। उन्होंने कहा कि तीनों के बयान धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत दर्ज किए जाने हैं।
इस मामले में प्रसाद, देवी और उनके छोटे बेटे तेजस्वी यादव से ईडी पहले भी पूछताछ कर चुकी है।
पिछले साल ईडी ने दिल्ली की एक अदालत में प्रसाद के परिवार के सदस्यों के खिलाफ इस मामले में आरोपपत्र दाखिल किया था, जिसमें राबड़ी देवी और उनकी बेटी मीसा भारती तथा हेमा यादव के अलावा कुछ अन्य को भी आरोपी बनाया गया था।
यह मामला 2004-2009 के दौरान रेलवे में समूह ‘डी’ नियुक्तियों से संबंधित है। उस समय लालू यादव संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार में रेल मंत्री थे।
ईडी ने पहले एक बयान में कहा था कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की प्राथमिकी के अनुसार अभ्यर्थियों को रेलवे में नौकरी के बदले में ‘‘रिश्वत के तौर पर जमीन हस्तांतरित करने’’ के लिए कहा गया था।
धनशोधन का मामला सीबीआई की शिकायत पर आधारित है।
एजेंसी के मामले के अनुसार, लालू प्रसाद के परिवार के सदस्यों- राबड़ी देवी, मीसा भारती और हेमा यादव ने अभ्यर्थियों के परिवारों से (जो भारतीय रेलवे में ग्रुप डी के विकल्प के रूप में चुने गए थे) मामूली रकम पर जमीन हासिल कर ली थी।
ईडी ने कहा, ‘‘आरोपपत्र में नामजद एक अन्य आरोपी हृदयानंद चौधरी, राबड़ी देवी की गौशाला का पूर्व कर्मचारी है, जिसने एक अभ्यर्थी से संपत्ति अर्जित की थी और बाद में उसे हेमा यादव को हस्तांतरित कर दिया था।’’
एजेंसी ने कहा कि ‘ए.के. इन्फोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड’ और ‘ए.बी. एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड’ जैसी फर्जी कंपनियां थीं, जिन्होंने प्रसाद के परिवार के सदस्यों के लिए अपराध की आय प्राप्त की। इसने कहा कि मुखौटे के तौर पर काम करने वाले लोगों द्वारा उक्त कंपनियों के नाम पर अचल संपत्तियां अर्जित की गईं।
ईडी ने दावा किया कि बाद में प्रसाद के परिवार के सदस्यों को नाममात्र की राशि में हिस्सेदारी हस्तांतरित की गई।
भाषा खारी