शेयर बाजार में लगातार गिरावट पर कांग्रेस ने जताई चिंता, सरकार से ठोस कदम उठाने का किया आह्वान
ब्रजेन्द्र ब्रजेन्द्र मनीषा
- 18 Mar 2025, 02:10 PM
- Updated: 02:10 PM
नयी दिल्ली, 18 मार्च (भाषा) कांग्रेस ने मंगलवार को राज्यसभा में शेयर बाजार में लगातार गिरावट का मुद्दा उठाया और इस पर चिंता जताते हुए निवेशकों को राहत पहुंचाने के लिए सरकार से ठोस कदम उठाने का अनुरोध किया।
उच्च सदन में शून्यकाल के दौरान इस मुद्दे को उठाते हुए कांग्रेस के प्रमोद तिवारी ने दावा किया कि दलाल स्ट्रीट ‘रक्तरंजित’ हो गया है, चारों तरफ तबाही मची हुई है और शेयर बाजार में 30 साल की रिकॉर्ड गिरावट दर्ज की गई है।
उन्होंने कहा, ‘‘पिछले पांच महीने में 95 लाख करोड़ रुपये स्वाहा हो गए। विदेशी निवेशकों को भारतीय बाजार अब आकर्षक नहीं लग रहा। पिछले छह महीने में विदेशी निवेशकों ने 1.67 लाख करोड़ रुपये बाजार से निकाल लिए हैं।’’
तिवारी ने कहा कि इन विदेशी निवेशकों को अमेरिका और चीन के बाजार आकर्षक नजर आ रहे हैं और यही वजह है कि पिछले छह महीने में चीन के बाजार में 17 प्रतिशत की उछाल दर्ज की गई है जबकि इस अवधि में भारतीय बाजार में 12 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है।
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘इस तबाही के बीच सरकार मौन साधे हुए है।’’
कांग्रेस के वरिष्ठ सदस्य ने कहा कि भारतीय शेयर बाजार विश्व में सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले शेयर बाजारों में शामिल हो गया है और इस गिरावट का असर सबसे ज्यादा छोटे निवेशकों पर पड़ रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘विदेशी निवेशकों की बिकवाली, अमेरिकी के नए टैरिफ से जुड़ी चिंताओं के चलते बाजार में यह गिरावट देखी जा रही है। लेकिन इस गिरावट में कई घरेलू कारण भी है, जैसे- देश में आर्थिक मंदी की चिंता, उम्मीद से कम कमाई, रुपए की लगातार कमजोरी, कम उपभोग और जीडीपी में गिरावट।’’
तिवारी ने अर्थशास्त्रियों का हवाला देते हुए कहा कि वित्त वर्ष 2025-26 में जीडीपी वृद्धि पूर्वानुमान से कम रहेगी क्योंकि वित्तीय वर्ष की पहली तीन तिमाहियों में आर्थिक विकास तुलनात्मक रूप से धीमा है।
उन्होंने कहा, ‘‘रुपये की कमजोरी ने विदेशी पूंजी निकासी को बढ़ा दिया है, जिससे बाजार की धारणा पर और दबाव पड़ा है। दिसंबर-जनवरी में एक करोड़ से ज्यादा लोगों ने एसआईपी बंद कर दी है। भारतीय शेयर बाजार देश की आर्थिक सेहत का पैमाना माना जाता है। सरकार से शेयर बाजार में गिरावट को रोकने के लिए दखल देने की मांग बढ़ गई है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं सरकार से आग्रह करता हूं कि वह निवेशकों को राहत पहुंचाने के लिए ठोस कदम उठाए।’’
तिवारी ने आरोप लगाया कि मौजूदा सरकार की आर्थिक नीति देश को ‘तबाही और बर्बादी’ की ओर ले जा रही है।
उन्होंने इसमें सुधार की जरूरत पर बल देते हुए सरकार से दखल देने का अनुरोध किया।
भाषा ब्रजेन्द्र ब्रजेन्द्र