पाकिस्तान: इमरान खान की पार्टी ने राष्ट्रीय सुरक्षा पर महत्वपूर्ण सुरक्षा बैठक का बहिष्कार किया
अमित रंजन
- 18 Mar 2025, 04:11 PM
- Updated: 04:11 PM
(सज्जाद हुसैन)
इस्लामाबाद, 18 मार्च (भाषा) पाकिस्तान के प्रमुख विपक्षी दल पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने देश में मौजूदा सुरक्षा स्थिति पर चर्चा के लिए मंगलवार को आहूत की गई महत्वपूर्ण सुरक्षा बैठक का बहिष्कार किया।
नेशनल असेंबली के अध्यक्ष अयाज सादिक ने प्रतिबंधित बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) के विद्रोहियों द्वारा 11 मार्च को एक ट्रेन के अपहरण की घटना के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा पर संसदीय समिति की बंद कमरे में हुई बैठक की अध्यक्षता की।
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पीटीआई ने इस बैठक का बहिष्कार किया। खान वर्तमान में जेल में बंद हैं।
बीएलए ने बलूचिस्तान के बोलन क्षेत्र में ट्रेन का अपहरण कर लिया था, जिसमें लगभग 425 यात्री सवार थे।
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की सलाह पर बुलाई गई बैठक में प्रमुख मंत्रियों, विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं, प्रांतीय मुख्यमंत्रियों, गर्वनर और सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने भाग लिया।
सैन्य नेतृत्व ने संसदीय समिति को वर्तमान सुरक्षा स्थिति के बारे में जानकारी दी। बैठक में हुई चर्चा का विवरण तत्काल उपलब्ध नहीं है।
हालांकि, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने सरकार के निमंत्रण के बावजूद बैठक में शामिल होने से इनकार कर दिया क्योंकि पार्टी ने बैठक से पहले 72 वर्षीय खान के साथ बैठक की मांग की थी। सरकार ने मांग स्वीकार नहीं की।
पीटीआई के नेतृत्व वाले विपक्षी गठबंधन तहरीक तहफ्फुज-ए-आयीन पाकिस्तान (टीटीएपी) ने भी बैठक से दूरी बनायी। टीटीएपी प्रमुख महमूद खान अचकजई ने एक संवाददाता सम्मेलन में मांग की कि खान को बैठक में आमंत्रित किया जाए।
उन्होंने कहा, ‘‘पीटीआई संस्थापक को भी आमंत्रित किया जाना चाहिए क्योंकि उनके बिना किसी भी बैठक का कोई महत्व नहीं होगा।’’
अचकजई, जातीय पश्तूनख्वा मिल्ली अवामी पार्टी (पीकेएमएपी) के भी प्रमुख हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा पर किसी भी बैठक में हर राजनीतिक दल के प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘पाकिस्तान की विकट परिस्थितियों के लिए संसद के संयुक्त सत्र की आवश्यकता है। सभी को संयुक्त सत्र में बोलने का मौका मिलना चाहिए।’’
जाफर एक्सप्रेस ट्रेन अपहरण और नुश्की में सुरक्षाबलों के कारवां पर हमले के अलावा, पिछले हफ्ते खैबर-पख्तूनख्वा (केपी) प्रांत में विद्रोहियों ने कई हमलों में पुलिस और अन्य सुरक्षा संगठनों को निशाना बनाया।
खैबर-पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान के दो प्रांतों में सुरक्षा स्थिति अस्थिर है, जहां तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) और बीएलए से जुड़े उग्रवादियों ने सुरक्षा कर्मियों और नागरिकों पर हमले किये हैं।
भाषा अमित