दो दशक में रेल दुर्घटनाओं में 90 प्रतिशत की कमी आई : रेल मंत्री
वैभव माधव
- 18 Mar 2025, 04:25 PM
- Updated: 04:25 PM
नयी दिल्ली, 17 मार्च (भाषा) रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंगलवार को लोकसभा में कहा कि 2005-06 में रेलगाड़ियों के पटरी से उतरने समेत रेल हादसों की संख्या करीब 700 प्रतिवर्ष थी, जो अब घटकर 73 रह गई है। उन्होंने कहा कि रेलवे सुरक्षा के लिए अनेक कदम उठाए जाने के परिणामस्वरूप रेल दुर्घटनाओं में 90 प्रतिशत की उल्लेखनीय कमी आयी है।
वित्त वर्ष ‘2025-26 के लिए रेल मंत्रालय के नियंत्रणाधीन अनुदान मांगों’ पर सदन में हुई चर्चा के जवाब में वैष्णव ने कहा कि 2005-06 में जब लालू प्रसाद रेल मंत्री थे, तो एक साल में रेलगाड़ियों की 234 दुर्घटनाएं घटती थीं और ट्रेनों के पटरी उतरने की घटनाओं को मिलाकर करीब 700 हादसे होते थे। उन्होंने कहा कि तब हर दिन औसतन दो हादसे होते थे।
वैष्णव ने कहा कि ममता बनर्जी के रेल मंत्री बतौर कार्यकाल में एक साल में 165 रेल हादसे और 230 घटनाएं रेलगाड़ियों के पटरी से उतरने की सामने आती थीं, यानी हर दिन औसतन एक हादसे की दर से कुल 395 मामले सामने आए।
रेल मंत्री ने कहा कि जब मल्लिकार्जुन खरगे देश के रेल मंत्री थे तो एक साल में 118 ट्रेन हादसे होते थे और पटरी से रेलगाड़ियों के उतरने की 263 घटनाएं सामने आती थीं, यानी हर दिन औसत एक हादसा होता था।
वैष्णव ने कहा कि जब 2014 में नरेन्द्र मोदी सरकार सत्ता में आयी, तो सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया गया। उन्होंने कहा कि सुरक्षा की नियमित समीक्षा की जाती है, जिसमें मूल कारण के विश्लेषण पर जोर दिया जाता है, और रखरखाव प्रक्रिया में नयी तकनीक और उपकरणों को अपनाने को प्रोत्साहित किया जाता है।
रेल मंत्री ने कहा कि 2019-20 में रेल दुर्घटनाओं का आंकड़ा कम होकर 291 पर पहुंचा और आज साल भर में 30 ट्रेन हादसे सामने आते हैं और रेलगाड़ियों के पटरी से उतरने के 43 मामले सामने आते हैं।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के प्रयासों के परिणामस्वरूप दुर्घटनाओं की कुल संख्या लगभग दो दशक पहले करीब 700 से घटकर 80 से कम रह गई है, जो 90 प्रतिशत की कमी को दर्शाता है।
वैष्णव ने कहा कि 2014-15 की तुलना में रेल दुर्घटनाओं में 80 प्रतिशत की कमी आई है।
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन हम इससे संतुष्ट नहीं हैं और रेल हादसों को रोकने के लिए लगातार प्रयास करते रहेंगे ताकि रेलवे में सुरक्षा और अधिक बढ़े।
रेल मंत्री के जवाब के बाद सदन ने ध्वनिमत से मंत्रालय की अनुदान मांगों को पारित कर दिया।
इस दौरान विपक्षी सदस्य सदन में महाकुंभ पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के वक्तव्य में भगदड़ की घटना का उल्लेख नहीं होने पर शोर-शराबा कर रहे थे।
रेल मंत्री के पूरे जवाब के दौरान विपक्षी सदस्य आसन के समीप खड़े होकर नारेबाजी करते रहे।
वैष्णव ने कहा कि रेलवे में सुरक्षा के मुद्दे पर ध्यान देते हुए सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक लॉकिंग समेत अनेक तकनीकी सुधारों पर ध्यान दिया है।
वैष्णव ने कहा कि सरकार ने पटरियों आदि के रखरखाव के बेहतर तरीके अपनाए हैं और आरसीआर नामक नया वाहन तैयार किया गया है।
उन्होंने रेलवे की ‘कवच’ सुरक्षा प्रणाली का जिक्र करते हुए कहा कि जो काम विश्व के दूसरे देशों में 1980 और 1990 में किया गया था वो काम प्रधानमंत्री मोदी के आने के बाद देश में 2016 में शुरू हुआ।
उन्होंने कहा कि जुलाई 2024 में कवच-4 को लागू किया गया। रेल मंत्री ने कहा कि कवच प्रणाली को लागू करना इतना आसान काम नहीं है, इसके लिए दूरसंचार की तरह नेटवर्क बनाना पड़ता है, उपकरण लगाने पड़ते हैं और फाइबर केबल बिछानी पड़ती है।
वैष्णव ने कहा, ‘‘कवच प्रणाली के लिए 20 हजार कर्मियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है तथा देश के 13 इंजीनियरिंग कॉलेज में कवच को पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है।’’
भाषा वैभव