‘मेड इन बिहार’ बूट अब रूसी सेना के साजो-समान का हिस्सा बन गये हैं : वित्त मंत्री सीतारमण
माधव वैभव
- 18 Mar 2025, 05:13 PM
- Updated: 05:13 PM
नयी दिल्ली, 18 मार्च (भाषा) ‘मेक इन इंडिया’ के बारे में विपक्ष की आलोचनाओं को सिरे से खारिज करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को राज्यसभा में कहा कि इसके ‘अच्छे परिणाम’ सामने आ रहे हैं तथा ‘मेड इन बिहार’ बूट अब रूसी सेना के साजो-समान का हिस्सा बन गये हैं।
उच्च सदन में अनुदान की अनुपूरक मांगों और मणिपुर के बजट पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए वित्त मंत्री सीतारमण ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के अच्छे परिणाम सामने आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस योजना के माध्यम से 1.5 लाख करोड़ रूपये का निवेश आकर्षित हुआ और करीब 9.5 लाख रोजगार के अवसर सृजित हुए।
उन्होंने कहा, ‘‘मेक इन इंडिया ने वास्तव में हमें अच्छे परिणाम दिये हैं। हमने एक के बाद एक कदम इस देश के विनिर्माण को मजबूती देने के लिए उठाये हैं।’’
‘मेक इन इंडिया’ पहल की शुरुआत 25 सितंबर 2014 को की गयी थी ताकि निवेश की सुविधा प्रदान की जा सके, नूतन प्रयासों को बढ़ावा दिया जा सके, आधारभूत ढांचे का निर्माण हो सके तथा भारत को विनिर्माण, डिजाइन और नूतन प्रयासों का केंद्र बनाया जा सके।
वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘मेक इन इंडिया में भरोसा रखिए। यह आपको परिणाम दे रही है।’’
उन्होंने कहा कि ‘मेड इन बिहार’ बूट (जूते) अब रूसी सेना के साजो-समान का हिस्सा बन गये हैं जिसके कारण वैश्विक रक्षा बाजार में भारतीय उत्पादों ने महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है तथा भारत के उच्च विनिर्माण मानकों का प्रदर्शन किया है।
उन्होंने कांग्रेस पर अपनी सरकारों के समय राष्ट्रीय विनिर्माण नीति बनाने में बहुत समय लगाने और कई देशों के साथ ‘जल्दबाजी’ में मुक्त व्यापार समझौते करने को लेकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि ऐसे कई समझौतों पर फिर से चर्चा कर इनमें सुधार किया जा रहा है।
सीतारमण ने कहा, ‘‘आप दावा करते हैं कि मेक इन इंडिया काम नहीं कर रहा है। क्या इसका मतलब यह नहीं है कि राष्ट्रीय विनिर्माण नीति त्रुटिपूर्ण थी। क्या आप यह सुझाव दे रहे हैं? यह आपकी नीति है। किंतु यह एक नीति बनी रहेगी। इसमें कोई कार्य समूह नहीं है। और हमने जब इसे काम करने लायक नीति बनाया, हम मेक इन इंडिया लेकर आये, उनको समस्याएं हो रही हैं...।’’
उन्होंने कहा कि कांग्रेस भ्रमित है क्योंकि ‘मेक इन इंडिया’ में राष्ट्रीय विनिर्माण नीति को शामिल कर लिया गया है जिसे संप्रग ने बनाया था। उन्होंने दावा किया कि ‘मेक इन इंडिया’ से यह पता चल रहा है कि निर्यात कैसे संभव हो सकता है। उन्होंने कहा कि उदाहरण के तौर पर रक्षा क्षेत्र को देखा जा सकता है।
वित्त मंत्री ने संप्रग के शासनकाल में जल्दबाजी में मुक्त व्यापार समझौते किए जाने की आलोचना की और कहा कि इन गलतियों को दुरूस्त करने के लिए अब वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है।
भाषा माधव