देश में स्वास्थ्य क्षेत्र की स्थिति बदहाल, विभिन्न मानकों पर भारत पड़ोसी देशों से भी पीछे : विपक्ष
अविनाश माधव
- 18 Mar 2025, 05:31 PM
- Updated: 05:31 PM
नयी दिल्ली, 18 मार्च (भाषा) राज्यसभा में मंगलवार को विभिन्न विपक्षी दलों के सदस्यों ने सरकार पर निशाना साधते हुए दावा किया कि देश में स्वास्थ्य क्षेत्र की स्थिति बदहाल है और विभिन्न मानकों पर भारत अपने पड़ोसी देशों से भी पीछे है। इसके साथ ही सदस्यों ने सुझाव दिया कि सरकार को बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए आवंटन बढ़ाना चाहिए।
तृणमूल कांग्रेस के सुखेंदु शेखर राय ने स्वास्थ्य मंत्रालय के कामकाज पर उच्च सदन में हुयी चर्चा में भाग लेते हुए आरोप लगाया कि केंद्र सरकार पश्चिम बंगाल के साथ आर्थिक भेदभाव कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य की जनता इस आर्थिक भेदभाव के खिलाफ केंद्र को मुंहतोड़ जवाब देगी।
उन्होंने कहा कि विभिन्न शर्तों को पूरा करने के बाद भी पश्चिम बंगाल को मनरेगा सहित अन्य केंद्र प्रायोजित योजनाओं में राशि नहीं दी जा रही है।
राय ने फर्जी दवाइयों के खिलाफ अभियान चलाए जाने की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि विभिन्न गंभीर रोगों के मरीजों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है।
उन्होंने कहा कि सरकार को जैविक खेती को बढ़ावा देना चाहिए। उन्होंने कहा कि रसायनों से तैयार होने वाले उर्वरकों और कीटनाशकों का उपयोग खतरनाक है। उन्होंने कहा, ‘‘पानी में जहर, पवन में जहर, खाद्य में जहर... क्योंकि यह अमृत काल नहीं जहर काल है।’’
कांग्रेस के अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि मौजूदा सरकार के 11 साल पूरा हो रहे हैं लेकिन इस अवधि में स्वास्थ्य क्षेत्र में सरकार विशेष मानकों के लिहाज से नाकाम साबित हुयी।
सिंह ने कहा कि 2025 तक भारत से टीबी को खत्म करने का लक्ष्य रखा गया था लेकिन आंकड़ों के अनुसार दुनिया के 25 प्रतिशत टीबी रोगी भारत में हैं। उन्होंने कहा कि डेंगू जैसे रोगों पर रोकथाम के मामले में भी सरकार ने कोई वृहद कार्यक्रम नहीं शुरू किया है।
उन्होंने कहा कि कुपोषण के मामले में भारत की स्थिति बांग्लादेश से भी खराब है। उन्होंने जेनेरिक दवाइयों की गुणवत्ता पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि एम्स एवं विभन्न मेडिकल कॉलेजों में शिक्षकों की भारी कमी है।
कांग्रेस सदस्य ने दावा किया कि बिहार में स्वास्थ्य क्षेत्र की स्थिति काफी खराब है और एलोपैथी डॉक्टर तथा नर्सों की भारी कमी है। उन्हों कहा कि राज्य में एंबुलेंस में आवश्यक उपकरण नहीं होते वहीं जिला अस्पतालों में दवाइयों का अभाव होता है।
चर्चा में भाग लेते हुए आम आदमी पार्टी (आप) के संदीप कुमार पाठक ने कहा कि देश में सरकारी अस्पतालों की स्थिति बहुत खराब है वहीं ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में डॉक्टरों की उपलब्धता असमान है।
पाठक ने आयुष्मान स्वास्थ्य बीमा योजना की आलोचना करते हुए कहा कि यह दुनिया का अजूबा स्कीम है जो मरीज को नहीं बल्कि अस्पताल को ध्यान में रखकर बनायी गयी है। इस योजना में फर्जीवाडा़ होने का आरोप लगाते हुए आप सदस्य ने कहा कि कई बार ऐसा होता है कि जरूरी आपरेशन नहीं होते और गैर-जरूरी आपरेशन कर दिए जाते हैं।
भाजपा के कुछ सदस्यों की टोकाटोकी के बीच पाठक ने कहा कि केंद्र सरकार मध्य वर्ग की अनदेखी कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार मध्य वर्ग से कर लेती है लेकिन उसकी सुविधा के लिए कुछ नहीं किया है।
वाईएसआर कांग्रेस सदस्य गोला बाबूराव ने कहा कि राजकीय अस्पतालों में सुविधाएं बढ़ाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि गंभीर बीमारियों पर काबू के लिए सरकार को प्रयास करना चाहिए।
बीजू जनता दल सदस्य सुलता देव ने ‘‘स्वास्थ्य को संपदा’’ करार देते हुए दावा किया कि स्वास्थ्य के लिए बजट में काफी कम राशि आवंटित की जाती है और आवंटित राशि भी खर्च नहीं हो पाती है। उन्होंने विभिन्न रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि भारत कई मानकों पर लगातार नीचे जा रहा है।
उन्होंने आयुष्मान कार्ड योजना में फर्जीवाड़ा होने का आरोप लगाते हुए एक अधिकारी का हवाला दिया और कहा कि गुजरात में तीन हजार फर्जी कार्ड बने। उन्होंने दावा किया कि 1500 रुपये में ऐसे कार्ड बन रहे थे।
भाजपा के सदस्यों ने उनकी इस टिप्पणी पर आपत्ति जतायी और उनसे आरोपों को सत्यापित करने की मांग की।
इस पर पीठासीन उपाध्यक्ष एस निरंजन रेड्डी ने सुलता देव से कहा कि उन्होंने जिस दस्तावेजों के टिप्पणी की है, उन्हें वह आसन का सौंप दें और आसन इस संबंध में जरूरी कार्रवाई करेगा।
भाषा अविनाश