नागपुर में हिंसा पूर्व नियोजित थी: फडणवीस; 50 लोग गिरफ्तार, कर्फ्यू लगाया गया
आशीष रंजन
- 18 Mar 2025, 05:42 PM
- Updated: 05:42 PM
नागपुर, 18 मार्च (भाषा) औरंगजेब की कब्र के खिलाफ प्रदर्शन के बाद हिंसा के संबंध में 50 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया है और नागपुर के कुछ हिस्सों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। वहीं, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने दावा किया कि हिंसा पूर्व नियोजित थी।
फडणवीस ने कहा कि फिल्म ‘छावा’ से लोगों की भावनाएं उमड़ी हैं, जिसमें संभाजी महाराज के खिलाफ औरंगजेब द्वारा किए गए क्रूर अत्याचारों को दर्शाया गया है।
नागपुर के पुलिस आयुक्त रविन्द्र कुमार सिंघल ने बताया कि हिंसा के सिलसिले में पांच प्राथमिकी दर्ज की गई है।
अधिकारियों ने बताया कि सोमवार की रात साढ़े सात बजे के करीब मध्य नागपुर में हिंसा भड़क गई और पुलिस पर पथराव किया गया। उन्होंने बताया कि यह हिंसा इस अफवाह के बाद फैली कि औरंगजेब की कब्र हटाने के लिए एक दक्षिणपंथी संगठन द्वारा किए जा रहे प्रदर्शन के दौरान एक समुदाय के धार्मिक ग्रंथ को जला दिया गया।
पुलिस के अनुसार, पुराने भंडारा रोड के पास हंसपुरी इलाके में रात साढ़े 10 से साढ़े 11 बजे के बीच एक और झड़प हुई। अनियंत्रित भीड़ ने कई वाहनों को जला दिया और इलाके में घरों तथा एक क्लिनिक में तोड़फोड़ की।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष और नागपुर के प्रभारी मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने मंगलवार को नागपुर के एक अस्पताल में घायल पुलिसकर्मियों से मिलने के बाद बताया कि हिंसा में 34 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘माहौल को खराब करने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल किया गया और गृह विभाग की ओर से कोई चूक नहीं हुई, क्योंकि पुलिस हिंदू और मुस्लिम समुदायों के बीच (हिंसा के दौरान) ढाल बनकर खड़ी रही, जिसमें कई पुलिसकर्मी भी घायल हुए।’’
बावनकुले ने कहा कि फिलहाल स्थिति थोड़ी तनावपूर्ण है, लेकिन पर्याप्त पुलिस बल तैनात होने के कारण शहर में शांति है।
पुलिस ने बताया कि कोतवाली, गणेशपेठ, तहसील, लकडगंज, पाचपावली, शांति नगर, सक्करदरा, नंदनवन, इमामवाडा, यशोधरा नगर और कपिल नगर पुलिस थाना क्षेत्र में आने वाले इलाकों में कर्फ्यू लगाया गया है।
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख मायावती ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘महाराष्ट्र में किसी की भी कब्र व मजार आदि को क्षति पहुंचाना व तोड़ना ठीक नहीं है, क्योंकि इससे वहां आपसी भाईचारा, शांति और सौहार्द बिगड़ रहा है। सरकार ऐसे मामलों में खासकर नागपुर के अराजक तत्वों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करे वरना हालात काफी बिगड़ सकते हैं, जो ठीक नहीं होगा।''
शिवसेना (उबाठा) की राज्यसभा सदस्य प्रियंका चतुर्वेदी ने भी नागपुर में सोमवार को हुई हिंसा को लेकर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार पर निशाना साधा।
चतुर्वेदी ने महाराष्ट्र की ‘महायुति’ सरकार पर निशाना साधते हुए 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘हिंसा भड़काना, राज्य में अस्थिरता पैदा करना, नागरिकों को पिछले इतिहास में उलझाए रखना और राज्य की वित्तीय दुर्दशा, बढ़ते कर्ज के बोझ, बढ़ती बेरोजगारी और किसानों की आत्महत्या जैसे कठिन सवालों से बचना...। महाराष्ट्र को रणनीतिक रूप से निवेश के लिए अनाकर्षक बनाने की दिशा में ले जाया जा रहा है, इसका उद्देश्य पड़ोसी राज्य को लाभ उठाने में मदद करना है।’’
राज्यसभा सदस्य ने कहा, ‘‘पूर्व मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में सभी व्यवसायों को महाराष्ट्र से गुजरात की ओर ले जाया गया और मौजूदा मुख्यमंत्री के नेतृत्व में राज्य को निवेश के लिए अलाभकारी बना दिया गया है, जिससे व्यवसायों को बाहर जाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। यह बेशर्मी है।’’
राज्य विधानपरिषद में नेता प्रतिपक्ष अंबादास दानवे ने नागपुर में हुई हिंसा के लिए मुख्यमंत्री फडणवीस और उनकी सरकार को जिम्मेदार ठहराया तथा दावा किया कि सत्तारूढ़ भाजपा राज्य में सद्भाव बिगाड़ने की कोशिश कर रही है।
दानवे ने कहा, ‘‘मैं स्पष्ट रूप से कह रहा हूं कि महाराष्ट्र सरकार और राज्य के मुख्यमंत्री एवं गृह विभाग भी संभाल रहे फडणवीस नागपुर हिंसा के लिए जिम्मेदार हैं।’’
शिवसेना (उबाठा) नेता दानवे ने कहा कि मुख्यमंत्री के पास गृह विभाग का भी प्रभार है, लेकिन उन्हें अपने पैतृक स्थान में हिंसा भड़कने के बारे में जानकारी नहीं है।
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘इस सरकार ने पिछले एक महीने से राज्य में हिंदू-मुस्लिम हिंसा भड़काने की कोशिश की है। हिंसा से हिंदुओं के साथ-साथ मुसलमानों की दिनचर्या भी प्रभावित होगी, लेकिन (सरकार) इसका राजनीतिक लाभ उठाना चाहती है। भाजपा और उससे जुड़े संगठन राज्य में सद्भाव को बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं।’’
विश्व हिंदू परिषद के नेता विनोद बंसल ने कहा कि नागपुर हिंसा एक साजिश का हिस्सा थी। उन्होंने कहा, ‘‘हमें पूरा भरोसा है कि महाराष्ट्र सरकार इसमें शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है।’’
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने फडणवीस और मंत्रियों की आलोचना करते हुए कहा, ‘‘हमें हाल के हफ्तों में मुख्यमंत्री और मंत्रियों द्वारा दिए गए बयानों पर गौर करने की जरूरत है। सबसे बड़ी उकसावे की कार्रवाई सरकार की ओर से हो रही है, और वे खुद को जिम्मेदार भी नहीं मानते।’’
ओवैसी ने कहा, ‘‘एक बादशाह की तस्वीरों को आग के हवाले कर दिया गया और शिकायतों के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई। मैं हिंसा की निंदा करता हूं, लेकिन इस घटना को समग्रता में देखा जाना चाहिए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘सरकार की ओर से भड़काऊ बयान बेहद अनुचित हैं। सरकार अपनी जिम्मेदारी निभाने में विफल रही है और यह खुफिया तंत्र की विफलता को दर्शाता है। यह घटना मुख्यमंत्री के गृहनगर और केंद्रीय मंत्री के आवास के पास हुई।’’
उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि नागपुर में हुई हिंसा सांप्रदायिक अशांति फैलाने के उद्देश्य से की गई एक पूर्व नियोजित घटना थी। शिंदे ने कहा, ‘‘करीब 2,000 से 3,000 लोग एकत्र हुए और मोमिनपुरा, चिटनिस नगर और अन्य इलाकों में घरों पर हमला किया। उन्होंने पत्थरबाजी की और हमला किया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने न केवल आम लोगों पर हमला किया, बल्कि पुलिस अधिकारियों पर भी हमला किया। ये लोग सांप्रदायिक हिंसा फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।’’
इस बीच, फडणवीस और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने शांति और सद्भाव की अपील की है। उन्होंने शांति बनाए रखने का आह्वान करते हुए लोगों से अफवाहों पर विश्वास न करने को कहा।
भाषा आशीष