ईडी ने बेंगलुरु में सोरोस की फंडिंग एजेंसी और निवेश शाखा पर छापेमारी की
धीरज दिलीप
- 18 Mar 2025, 06:21 PM
- Updated: 06:21 PM
नयी दिल्ली/बेंगलुरु, 18 मार्च (भाषा)प्रवर्तन निदेशालय ने अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरोस द्वारा स्थापित ‘निजी वित्तपोषण एजेंसी’’ ओएसएफ और इसकी निवेश शाखा ईडीएफ के खिलाफ कथित विदेशी मुद्रा विनिमय कानून के उल्लंघन मामले में मंगलवार को बेंगलुरु में छापेमारी की कार्रवाई की। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।
सूत्रों ने बताया कि ओपन सोसाइटी फाउंडेशन (ओएसएफ) और इकनॉमिक डेवलपमेंट फंड (ईडीएफ) के कुछ लाभार्थियों के आठ परिसरों की विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के तहत तलाशी ली गई। इनमें से कुछ अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार निकायों से जुड़े लोग और एस्पाडा इन्वेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी शामिल है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सूत्रों ने बताया कि एस्पाडा इन्वेस्टमेंट्स भारत में सोरोस ईडीएफ (एसईडीएफ) का निवेश सलाहकार या कोष प्रबंधक है। यह मॉरीशस की एक इकाई की ‘पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी’ है।
उन्होंने बताया कि एसईडीएफ ‘‘ओपन सोसाइटी फाउंडेशन (ओएसएफ) की प्रभाव निवेश शाखा है’’।
यह जांच सोरोस की दो संस्थाओं द्वारा कथित रूप से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) प्राप्त करने तथा कुछ लाभार्थियों द्वारा फेमा दिशानिर्देशों का कथित उल्लंघन करते हुए इन निधियों का उपयोग करने से संबंधित है।
ईडी सूत्रों ने बताया कि प्रारंभिक जांच में पाया गया कि ओएसएफ को 2016 में गृह मंत्रालय ने ‘पूर्व संदर्भ श्रेणी’ में रखा था और इसे भारत में गैर सरकारी संगठनों को ‘अनियंत्रित तरीके से’ दान देने से ‘प्रतिबंधित’ किया गया था।
उन्होंने कहा कि इस प्रतिबंध को निष्प्रभावी करने के लिए ओएसएफ ने भारत में सहायक कंपनियां बनाईं और एफडीआई तथा परामर्श शुल्क के रूप में धन लाया तथा इन निधियों का उपयोग एनजीओ की गतिविधियों को वित्तपोषित करने के लिए किया गया, जो फेमा का उल्लंघन है।
सूत्रों ने बताया कि एजेंसी सोरोस ईडीएफ और ओएसएफ द्वारा एफडीआई के जरिये लाई गई अन्य राशि के अंतिम उपयोग की भी जांच कर रही है।
‘पीटीआई-भाषा’ने ओएसएफ को ईमेल भेजकर इस संबंध में उससे जानकारी मांगी है और जवाब की प्रतीक्षा है।
केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने जॉर्ज सोरोस पर भारत के हितों के खिलाफ काम करने का आरोप लगाया है। अदाणी-हिंडनबर्ग विवाद के दौरान उनके बयानों की भी पार्टी ने आलोचना की थी।
ओएसएफ के मुताबिक वह मानवाधिकार, न्याय और जवाबदेह सरकार का समर्थन करने वाले समूहों की दुनिया की सबसे बड़ी निजी वित्तपोषण एजेंसियों में से एक है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 2021 के दौरान भारत के लिए इसका कुल व्यय 4,06,000 अमेरिकी डॉलर था।
ओएसएफ ने 1999 में भारत में काम करना शुरू किया तथा भारतीय संस्थानों में अध्ययन और शोध करने के लिए छात्रों को छात्रवृत्ति और अध्येतावृत्ति प्रदान की।
भाषा धीरज