विपक्षी दलों ने नागपुर हिंसा के लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराया
आशीष रंजन
- 18 Mar 2025, 07:06 PM
- Updated: 07:06 PM
नयी दिल्ली, 18 मार्च (भाषा) विपक्षी सांसदों ने नागपुर हिंसा के लिए मंगलवार को भाजपा नीत महाराष्ट्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया जबकि केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने कहा कि फिल्म ‘छावा’ ने 17वीं सदी के मुगल शासक औरंगजेब के खिलाफ लोगों की भावनाओं को जगा दिया।
सोमवार को औरंगजेब की कब्र के खिलाफ प्रदर्शन के बाद भड़की हिंसा के मद्देनजर नागपुर शहर के कई इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। हिंसा के दौरान कई घरों और वाहनों में तोड़फोड़ की गई।
आठवले ने संसद के बाहर संवाददाताओं से कहा, ‘‘औरंगजेब की कब्र को लेकर मांग उठ रही है, आंदोलन चल रहा है। कब्र वहां 500 साल से है, लेकिन ‘छावा’ फिल्म देखने के बाद संभाजी महाराज की जिस तरह हत्या की गई, उससे लोग नाराज हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इसीलिए विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। हम प्रदर्शनकारियों से अपील करते हैं कि वे शांतिपूर्वक आंदोलन करें। कोई हिंसा नहीं होनी चाहिए।
आम आदमी पार्टी (आप) के सांसद संजय सिंह ने कहा कि नागपुर में हुई हिंसा एक सुनियोजित साजिश का हिस्सा थी।
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘भाजपा लंबे समय से नागपुर और पूरे महाराष्ट्र में नफरत फैलाने की कोशिश कर रही है। जब तक भाजपा है, भारत में शांति नहीं हो सकती। होली से पहले उन्होंने उत्तर प्रदेश में शांति भंग करने की कोशिश की, इसके पीछे क्या कारण है? ऐसा इसलिए ताकि लोग गिरते शेयर बाजार के बारे में बात न कर सकें, आर्थिक असमानता सौ साल में सबसे अधिक है, बेरोजगारी है।’’
सिंह ने कहा, ‘‘ये चिल्ला रहे हैं औरंगजेब, औरंगजेब, जनता कह रही है कट गई जेब...।’’
कांग्रेस नेता कार्ति चिदंबरम ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि 21वीं सदी के भारत में लोग 17वीं और 18वीं सदी के इतिहास को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं।
उन्होंने संसद के बाहर मीडिया से कहा, ‘‘यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस तरह की हिंसा भड़क उठी। राज्य और केंद्र सरकार को इसे रोकने के लिए कदम उठाने चाहिए। मैं हैरान हूं कि यह हिंसा क्यों हुई।’’
आजाद समाज पार्टी के सांसद चंद्रशेखर ने कहा कि सरकार बेरोजगारी और गरीबी के मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है।
चंद्रशेखर ने कहा, ‘‘दंगे, चाहे नागपुर में हों, मणिपुर में हों या उत्तर प्रदेश में, ठीक नहीं हैं। हिंसा के पीछे जो लोग हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए, चाहे वे भाजपा नेता हों या कांग्रेस नेता...।’’
उन्होंने संसद के बाहर मीडिया से कहा, ‘‘केंद्र को राज्य सरकार से स्पष्टीकरण मांगना चाहिए, जो इस सांप्रदायिक ध्रुवीकरण को बढ़ावा दे रही है। दुनिया अंतरिक्ष में जाने की बात कर रही है, हम जमीन के दो फुट नीचे जाना चाहते हैं, इससे हमें विकसित देश बनने में कैसे मदद मिलेगी? हर कोई जानता है कि यह किस पार्टी का एजेंडा है..।’’
तृणमूल कांग्रेस सांसद सागरिका घोष ने कहा कि नागपुर में हुई हिंसा ने केंद्र के ‘विकसित भारत’ नारे को खोखला कर दिया है। उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे समय में जब ध्यान रोजगार, किसान आत्महत्या, बढ़ती कीमतों पर होना चाहिए, भाजपा क्या कर रही है? वह लोगों को भटकाने का एक और हथियार बना रही है।’’
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के पी संदोष कुमार ने हिंसा की निंदा की और महाराष्ट्र सरकार से जवाबदेही की मांग की। उन्होंने कहा, ‘‘यह इतिहास को खंगालने और समाज को विभाजित करने का प्रयास है।’’
नागपुर के पुलिस आयुक्त रवींद्र सिंघल ने मंगलवार को बताया कि हिंसा के सिलसिले में 50 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया है और पांच प्राथमिकी दर्ज की गई है।
भाषा आशीष