मणिपुर बजट पर सीतारमण के जवाब पर तृणमूल सदस्यों ने किया राज्यसभा से बहिर्गमन
अविनाश ब्रजेन्द्र
- 18 Mar 2025, 07:03 PM
- Updated: 07:03 PM
नयी दिल्ली, 18 मार्च (भाषा) राज्यसभा में मंगलवार को तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने मणिपुर बजट पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के जवाब से असंतोष जताते हुए सदन से बहिर्गमन किया।
इससे पहले, उच्च सदन में सीतारमण ने कहा कि मणिपुर ने पिछले दशकों में कई संकटों का सामना किया है, यहां तक कि कांग्रेस सरकार के दौरान भी।
वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘पिछले कुछ दशकों में मणिपुर काफी संकट से गुजरा है और जब भी इसमें सुधार होता है, तो यह किसी और स्थिति में वापस चला जाता है, हर सरकार ने इसे उसी संवेदनशीलता के साथ संभाला है...।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम में से कोई भी एक-दूसरे पर उंगली उठाकर मणिपुर की मदद नहीं करेगा।’’
सीतारमण ने कहा कि चर्चा के दौरान कुछ भावुक बयानों में ऐसा दिखाने का प्रयत्न किया गया कि जैसे राज्य में पहले कभी कुछ हुआ ही नहीं था।
उन्होंने कहा कि विगत में भी कांग्रेस की ‘डबल इंजन’ सरकार थी।
उन्होंने कहा, ‘‘जब राज्य परेशान है, तो एक पल के लिए भी चीजों का मजाक नहीं उड़ाया जा सकता...।’’ इस पर तृणमूल सदस्य साकेत गोखले ने आपत्ति जताई।
सीतारमण ने कहा, ‘‘मैं तृणमूल से विचलित नहीं होऊंगी।’’ उन्होंने कहा कि तृणमूल ‘चिल्ला-चिल्लाकर मंत्रियों को चुप करा रही है’।
तृणमूल सदस्यों ने इस टिप्पणी का विरोध करते हुए सदन से बहिर्गमन किया
संसद के बाहर मीडियाकर्मियों से बातचीत करते हुए, तृणमूल की सुष्मिता देव ने सीतारमण की टिप्पणी की निंदा करते हुए इसे ‘सतही जवाब’ बताया।
देव ने कहा, ‘‘मणिपुर बजट पर अपने जवाब में वित्त मंत्री ने स्पष्ट जवाब नहीं दिया। 22 महीनों से मणिपुर जल रहा है, लेकिन भारत सरकार, गृह मंत्री, प्रधानमंत्री ने इस तबाही को रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया।’’
तृणमूल सदस्य ने कहा , ‘‘इसके अलावा मणिपुर टेप- प्रयोगशालाओं द्वारा यह लगभग साबित हो चुका है कि यह पूर्व मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह की आवाज है जिसमें कहा गया है कि हिंसा जानबूझकर करायी थी, इसका मतलब है कि यह राज्य प्रायोजित था।’’
देव ने आरोप लगाया कि सीतारमण ने तृणमूल पर निशाना साधा क्योंकि पार्टी ने ‘कठिन सवाल पूछे।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने विरोध में बहिर्गमन किया क्योंकि हम बजट पर सतही जवाब नहीं सुनना चाहते थे, जबकि मणिपुर के लोगों को एक पैकेज, एक मरहम और चुनी हुई सरकार की ज़रूरत है। हम वित्त मंत्री के राज्यसभा के बयान की निंदा करते हैं।’’
भाषा अविनाश