मणिपुर: लापता युवक की मां ने बेटे की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की
प्रीति सुभाष
- 18 Mar 2025, 08:36 PM
- Updated: 08:36 PM
इंफाल, 18 मार्च (भाषा) मणिपुर में दो दिन पहले लापता हुए एक युवक की मां ने मंगलवार को अधिकारियों से अपने बेटे की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की।
युवक की मां इंफाल में एक प्रदर्शन में भी शामिल हुईं और मांग की कि सुरक्षाबलों को तुरंत उसे बचाना चाहिए।
मेइती समुदाय के 20 वर्षीय युवक का एक दिन पहले कथित तौर पर अपहरण कर लिया गया था।
इस घटना के खिलाफ लोगों ने केइसमपत इलाके में प्रदर्शन किया और मांग की कि निर्दोष नागरिकों की जान बचाई जाए।
मेइती समुदाय का लुवांगथेम मुकेश रविवार दोपहर को घर से कार में सवार होकर कहीं गया था, लेकिन इसके बाद उसका कुछ पता नहीं चल पाया है।
मुकेश की कार आखिरी बार बिष्णुपुर जिले के चिनिकॉन के पास देखी गई। यह इलाका कुकी समुदाय बहुल कांगपोकपी जिले के पास है। उसके मोबाइल फोन की आखिरी लोकेशन से पता चला कि वह नोनी जिले के जौजांगटेक क्षेत्र में था और इस इलाके में भी कुकी समुदाय बहुसंख्यक हैं।
युवक की मां लुवांगथेम ओंगबी ओमिला देवी ने अपील की कि उनके बेटे को बचाया जाए।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘कोई भी माता-पिता अपने बच्चों को खोने का दुख सहन नहीं कर सकता। मैं अपने बेटे की जिंदगी की भीख मांगती हूं।’’ संवाददाताओं से बात करते हुए वह रोने लगीं।
प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि लापता युवक के पिता असम के निवासी और बंगाली हैं, जबकि उसकी मां मेइती समुदाय से हैं।
एक प्रदर्शनकारी ने कहा, ‘‘उसके पिता ने अपनी पत्नी का उपनाम लुवांगथेम रखा था। इसलिए युवक वास्तव में मेइती समुदाय से नहीं है बल्कि वह बंगाली है। इसलिए, अगर मेइती होने के कारण उसका अपहरण किया गया है तो उसे रिहा कर दिया जाना चाहिए।’’
एक अन्य प्रदर्शनकारी रनिता चानू ने दावा किया कि मणिपुर में साल 2023 में जातीय हिंसा भड़कने के बाद से मेइती समुदाय के 30 युवा इसी तरह लापता हुए हैं।
चानू ने कहा, ‘‘वह कहां हैं, उसके बारे में अभी पता नहीं चल पाया है। सुरक्षा बल जांच कर रहे हैं लेकिन हमें नहीं पता कि वह जिंदा हैं या नहीं। क्या लोकतांत्रिक देश में यही जीवन जीने का तरीका है?’’
इस बीच, रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (अठावले) की दिल्ली युवा शाखा ने भी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को एक ज्ञापन सौंपकर मुकेश को बचाने के लिए तत्काल कार्रवाई की मांग की है।
भाषा
प्रीति