छत्तीसगढ़: पत्रकार हत्या मामले में चार आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल
राजकुमार
- 18 Mar 2025, 10:03 PM
- Updated: 10:03 PM
बीजापुर, 18 मार्च (भाषा) छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले की एक अदालत में मंगलवार को पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या के चार आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया।
जिले में सड़क निर्माण कार्य में अनियमितता की ‘रिपोर्टिंग’ करने पर स्वतंत्र पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या कर दी गई थी। आरोप पत्र के अनुसार हत्या की साजिश एक ठेकेदार ने अपने दो भाइयों और ‘सुपरवाइजर’ के साथ मिलकर रची थी।
पुलिस को गुमराह करने के लिए आरोपियों ने पत्रकार के शव को सेप्टिक टैंक में फेंक दिया था और उसे ‘कंक्रीट स्लैब’ से ढक दिया था।
बीजापुर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मयंक गुर्जर ने बताया कि 1,200 पन्नों का आरोप पत्र बीजापुर जिले की एक अदालत में दाखिल की गई जिसमें ठेकेदार सुरेश चंद्राकर, (उसके भाई) रितेश चंद्राकर और दिनेश चंद्राकर तथा ‘सुपरवाइजर’ महेंद्र रामटेके नामजद हैं।
गुर्जर ने बताया कि सुरेश चंद्राकर मुख्य आरोपी है, जिसने पत्रकार की हत्या की साजिश रची थी, क्योंकि मुकेश ने सुरेश और उसके साथियों द्वारा किए गए नेलसनार-मिरतुर-गंगालूर सड़क निर्माण कार्य में अनियमितताओं को उजागर किया था।
विशेष जांच दल (एसआईटी) का नेतृत्व कर रहे गुर्जर ने बताया कि चारों आरोपियों पर भारतीय न्याय संहिता की संबंधित धाराएं लगायी गयी हैं।
गुर्जर ने बताया कि जांच के दौरान डिजिटल और भौतिक साक्ष्यों की सावधानीपूर्वक जांच की गई और उन्हें केस डायरी में शामिल किया गया।
उन्होंने कहा, ‘‘हम यह सुनिश्चित करने का प्रयास करेंगे कि सभी आरोपियों को अदालत से कड़ी से कड़ी सजा मिले।’’
मुकेश चंद्राकर (33) इस वर्ष एक जनवरी को लापता हो गए थे। दो दिन बाद, उनका शव बीजापुर शहर में सुरेश चंद्राकर की संपत्ति पर एक सेप्टिक टैंक में मिला। जांच के बाद 72 घंटे के भीतर (शव बरामद होने के बाद) सुरेश, उसके भाइयों-- रितेश और दिनेश तथा ‘सुपरवाइजर’ महेंद्र रामटेके को गिरफ्तार कर लिया गया।
मुकेश चंद्राकर एक खबरिया चैनल के लिए स्वतंत्र पत्रकार के तौर पर काम करते थे और एक यूट्यूब चैनल 'बस्तर जंक्शन' भी चलाते थे।
आरोप पत्र का संक्षिप्त विवरण देते हुए, पुलिस ने एक बयान में कहा है कि ठेकेदार सुरेश चंद्राकर, उसके दो भाइयों और सुपरवाइजर ने हत्या की साजिश रची थी।
पुलिस ने बताया, ‘‘सुरेश और उसके साथियों द्वारा नेलसनार-मिरतुर-गंगालूर सड़क निर्माण कार्य में अनियमितताओं से संबंधित समाचार हत्या का मुख्य कारण बना।’’
पुलिस ने बताया, ‘‘पुलिस को गुमराह करने के लिए, आरोपियों ने शव को सेप्टिक टैंक में फेंक दिया था और उसे कंक्रीट स्लैब से ढक दिया था। पुलिस ने 72 घंटे के भीतर सभी चार आरोपियों को तुरंत गिरफ्तार कर लिया।’’
पुलिस ने कहा है कि इस प्रकरण में फॉरेंसिक टीम ने वैज्ञानिक एवं तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर विवेचना पूरी की है तथा गवाह सूची में 72 गवाहों को शामिल किया गया है।
भाषा सं संजीव