द्रमुक के मंत्रियों को उत्तर भारत के लोगों को ‘नीचा दिखाने’ में बड़ा मजा आता है: अन्नामलाई
आशीष प्रशांत
- 18 Mar 2025, 10:48 PM
- Updated: 10:48 PM
चेन्नई, 18 मार्च (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की तमिलनाडु इकाई के अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने मंगलवार को आरोप लगाया कि द्रमुक नीत राज्य सरकार के मंत्रियों को उत्तर भारत के लोगों को ‘‘नीचा दिखाने’’ में बहुत मजा आता है।
भाजपा नेता ने ‘एक्स’ पर तमिलनाडु के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) मंत्री टी.एम. अनबरसन का एक कथित वीडियो क्लिप पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने उत्तरी राज्यों के प्रवासी श्रमिकों का परोक्ष रूप से संदर्भ देते हुए हिंदी भाषा और इसे सीखने वालों की स्थिति पर टिप्पणी की।
वीडियो में मंत्री कथित तौर पर पूछ रहे हैं, ‘‘हिंदी पढ़ने वाले कहां हैं? वे मेरे घर में मवेशी पाल रहे हैं; यह सच है और मैं मजाक नहीं कर रहा हूं।’’
अनबरसन ने तमिलनाडु में उत्तरी राज्यों के लोगों द्वारा किए जाने वाले कामों की सूची दी। इसमें पानी पूरी बेचने का भी जिक्र किया गया।
अनबरसन ने कहा कि वे सभी निर्माण कार्य और बढ़ईगीरी में लगे हुए हैं। मंत्री ने कथित तौर पर कहा, ‘‘अगर हम हिंदी पढ़ते हैं तो हमें भी उत्तर भारत जाकर पानी पूरी खानी पड़ेगी।’’
यह वीडियो क्लिप उस समय की प्रतीत होती है जब अनबरसन चेन्नई के एक उपनगर में पार्टी के एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। हालांकि इसकी सत्यता की फिलहाल पुष्टि नहीं की जा सकी है तथा कार्यक्रम की तारीख भी ज्ञात नहीं है।
सोशल मीडिया पर पोस्ट में अन्नामलाई ने आरोप लगाया, ‘‘हमारे तमिल मूल्यों और संस्कृति को भूलकर द्रमुक (द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम) के मंत्रियों को उत्तर भारत के हमारे भाइयों और बहनों को नीचा दिखाने में बहुत मजा आता है।’’
अन्नामलाई ने कहा, ‘‘शराब की अनियंत्रित बिक्री और नशीले पदार्थों की आसान पहुंच से हमारे राज्य की युवा आबादी को नशे में धुत करने के बाद, द्रमुक को उन लोगों का अपमान करने के लिए शर्म आनी चाहिए जिन्होंने हमारे राज्य के श्रम घाटे को पूरा किया है।’’
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस पार्टी द्वारा जारी की गई पिछली शिक्षा नीतियों की तरह राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी)-2020 हिंदी के बारे में नहीं है। उन्होंने कहा कि यह सभी भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देने के बारे में है, जिसमें शिक्षा के माध्यम के रूप में मातृभाषा (तमिल) पर जोर दिया गया है, और सरकारी स्कूल के छात्रों को माध्यमिक स्तर पर तीसरी भाषा और विदेशी भाषाएं सीखने का अवसर दिया गया है।
भाषा आशीष