सरकार ने दूध उत्पादन बढ़ाने की दो योजनाओं के लिए परिव्यय बढ़ाकर 6,190 करोड़ रुपये किया
राजेश राजेश अजय
- 19 Mar 2025, 07:38 PM
- Updated: 07:38 PM
नयी दिल्ली, 19 मार्च (भाषा) सरकार ने बुधवार को दो योजनाओं - राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम और राष्ट्रीय गोकुल मिशन - को संशोधित किया। इससे दूध उत्पादन, खरीद स्तर, प्रसंस्करण क्षमता, प्रयोगशाला परीक्षण सुविधाओं और अन्य संबंधित बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने के लिए कुल परिव्यय बढ़कर 6,190 करोड़ रुपये हो गया है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने संशोधित राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम (एनपीडीडी) और संशोधित राष्ट्रीय गोकुल मिशन (आरजीएम) को मंजूरी दे दी है।
एक सरकारी बयान में कहा गया है, ‘‘संशोधित एनपीडीडी, एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना, को अतिरिक्त 1,000 करोड़ रुपये के साथ बढ़ाया गया है, जिससे 15वें वित्त आयोग चक्र (वित्त वर्ष 2021-22 से वित्त वर्ष 2025-26) की अवधि के लिए कुल बजट 2,790 करोड़ रुपये हो गया है।’’
यह पहल डेयरी बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण और विस्तार पर केंद्रित है, जिससे इस क्षेत्र की निरंतर वृद्धि और उत्पादकता सुनिश्चित होती है।
संशोधित एनपीडीडी- दूध खरीद, प्रसंस्करण क्षमता और बेहतर गुणवत्ता नियंत्रण सुनिश्चित करने के लिए बुनियादी ढांचे का निर्माण करके डेयरी क्षेत्र को बढ़ावा देगा। इसका उद्देश्य किसानों को बाजारों तक बेहतर पहुंच पाने, मूल्य संवर्धन के माध्यम से बेहतर मूल्य निर्धारण सुनिश्चित करने और आपूर्ति श्रृंखला की दक्षता में सुधार करने में मदद करना है।
मंत्रिमंडल ने पशुधन क्षेत्र में विकास को बढ़ावा देने के लिए संशोधित आरजीएम को भी मंजूरी दी।
एक सरकारी बयान में कहा गया है कि राष्ट्रीय गोकुल मिशन के कार्यान्वयन और सरकार के अन्य प्रयासों से पिछले 10 साल में दूध उत्पादन में 63.55 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। साथ ही, प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता जो वर्ष 2013-14 में 307 ग्राम प्रतिदिन थी, वह 2023-24 में बढ़कर 471 ग्राम प्रतिदिन हो गई है। पिछले दस साल में उत्पादकता में भी 26.34 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
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