केंद्रीय मंत्रिमंडल के फैसलों से किसानों के लिए बेहतर मूल्य, रोजगार सृजन सुनिश्चित होगा: मोदी
ब्रजेन्द्र ब्रजेन्द्र रंजन
- 19 Mar 2025, 07:43 PM
- Updated: 07:43 PM
नयी दिल्ली, 19 मार्च (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कहा कि संशोधित राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम (एनपीडीडी) को मंजूरी दिए जाने के केन्द्रीय मंत्रिमंडल के फैसले से इस क्षेत्र में व्यापक बदलाव आएगा, किसानों के लिए बेहतर मूल्य सुनिश्चित करेगा और साथ ही रोजगार सृजन भी करेगा।
मोदी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘भारत के डेयरी क्षेत्र को बड़ी मजबूती! संशोधित राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम के लिए मंत्रिमंडल की मंजूरी इस क्षेत्र के परिवर्तन में योगदान देगी, जिससे किसानों के लिए बेहतर मूल्य निर्धारण, रोजगार सृजन और बहुत कुछ सुनिश्चित होगा।’’
प्रधानमंत्री ने पशुधन क्षेत्र में विकास को बढ़ावा देने के लिए संशोधित राष्ट्रीय गोकुल मिशन (आरजीएम) को मंजूरी दिए जाने का उल्लेख करते हुए कहा कि इससे दूध उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा, स्वदेशी नस्लों में सुधार होगा और कई डेयरी किसानों को सशक्त बनाया जाएगा।
उन्होंने इसे पशुधन क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम करार दिया।
प्रधानमंत्री ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए ‘व्यक्ति से व्यापारी (पी2एम) तक कम मूल्य वाले भीम-यूपीआई लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए ‘प्रोत्साहन योजना’ को मंजूरी दिए जाने का जिक्र करते हुए कहा कि यह डिजिटल भुगतान को प्रोत्साहित करेगा और 'जीवन की सुगमता' को बढ़ावा देगा।
मोदी ने महाराष्ट्र में जेएनपीए पोर्ट (पगोटे) से चौक (29.219 किमी) तक 6-लेन पहुंच नियंत्रित ग्रीनफील्ड राजमार्ग के निर्माण संबंधी केंद्रीय मंत्रिमंडल के फैसले को ‘पीएम गतिशक्ति’ के दृष्टिकोण के अनुरूप बताया और कहा कि यह परियोजना मुंबई और पुणे के आसपास के क्षेत्रों के विकास को गति देगी।
ब्रह्मपुत्र वैली फर्टिलाइजर कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीवीएफसीएल), नामरूप असम के मौजूदा परिसर में 12.7 लाख मीट्रिक टन (एलएमटी) वार्षिक यूरिया उत्पादन क्षमता का एक नया ब्राउनफील्ड अमोनिया-यूरिया कॉम्प्लेक्स स्थापित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दिए जाने के फैसले को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे घरेलू यूरिया उत्पादन में वृद्धि होगी, पूर्वोत्तर और पूर्वी भारत में किसानों को लाभ होगा और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘यह उर्वरक सुरक्षा सुनिश्चित करके और ऊर्जा कुशल उत्पादन को बढ़ावा देकर आत्मनिर्भर भारत के हमारे दृष्टिकोण को भी मजबूत करेगा।’’
भाषा ब्रजेन्द्र ब्रजेन्द्र