मांग बढ़ने से सरसों तेल-तिलहन, सोयाबीन तिलहन और बिनौला में सुधार
राजेश राजेश अजय
- 20 Mar 2025, 09:10 PM
- Updated: 09:10 PM
नयी दिल्ली, 20 मार्च (भाषा) तेल पेराई मिलों और स्टॉकिस्टों की मांग बढ़ने के बीच देश के तेल-तिलहन बाजार में बृहस्पतिवार को सरसों तेल-तिलहन के साथ-साथ सोयाबीन तिलहन और बिनौला तेल के दाम सुधार के साथ बंद हुए। दूसरी ओर, सामान्य और सुस्त कारोबार के बीच मूंगफली तेल-तिलहन, सोयाबीन तेल, कच्चा पामतेल (सीपीओ) एवं पामोलीन तेल के थोक दाम यथावत बने रहे।
शिकॉगो एक्सचेंज में गिरावट है जबकि मलेशिया एक्सचेंज में सुधार का रुख है।
बाजार सूत्रों ने कहा कि स्टॉकिस्टों और तेल पेराई मिलों की मांग निकलने से सरसों तेल-तिलहन कीमतों में सुधार आया। सरसों की पैदावार और इसकी आवक भी कम है। स्टॉकिस्ट जान-बूझकर मंडियों में सरसों की आवक बढ़ने की खबर फैलाते हैं और इस कारण सरसों दाम में घट-बढ़ जारी है। इसका केवल एक मकसद किसानों को दबाव में लेकर उनकी उपज को सस्ते में खरीदना होता है।
उन्होंने कहा कि सरकार को सरसों खरीद शुरू करने में जल्दबाजी करनी चाहिये और हो सके तो इसका स्टॉक भी रखना चाहिये क्योंकि इस बार पैदावार कम है।
सूत्रों ने कहा कि प्लांट वालों की मांग निकलने के कारण सोयाबीन तिलहन के दाम सुधार दर्शाते बंद हुए। दूसरी ओर, बंदरगाहों पर स्टॉक की कमी और आयात कम रहने के बीच पामोलीन जैसे तेल के मुकाबले 8-9 रुपये किलो सस्ते सोयाबीन तेल की मांग बढ़ी है जिसकी वजह से शिकॉगो एक्सचेंज की गिरावट का भी इस पर कोई असर नहीं दिखा। इस परिस्थिति में सोयाबीन तेल के दाम पूर्वस्तर पर बंद हुए।
सूत्रों ने कहा कि मंडियों में कपास नरमा की आवक काफी घटी है। इस दिशा में गुजरात के मेहसाणा जिले के पाटन में मात्र डेढ़-दो महीने पहले जिस कपास नरमा की आवक लगभग 25 ट्रक की हो रही थी, वह अब घटकर मात्र चार ट्रक रह गई है। जबकि देखा यह जा रहा है कि कुछ लोग जानबूझकर इसकी आवक पहले जैसा ही बता रहे हैं। इसका साफ मकसद किसानों में घबराहट फैलाना और उनका माल सस्ते में खरीदना है। कपास की आवक घटने के बीच बिनौला तेल के दाम में भी सुधार दर्ज हुआ।
उन्होंने कहा कि कमजोर कारोबार के बीच मूंगफली तेल-तिलहन, मलेशिया में तेजी के बावजूद महंगे दाम पर कमजोर मांग रहने के बीच कच्चा पामतेल (सीपीओ) एवं पामोलीन के दाम पूर्वस्तर पर बने रहे। पाम-पामोलीन के केवल दाम ही अधिक बोले जा रहे हैं, जबकि लिवाली कमजोर बनी हुई है।
तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:
सरसों तिलहन - 6,175-6,225 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली - 5,700-6,025 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) - 14,450 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली रिफाइंड तेल - 2,240-2,540 रुपये प्रति टिन।
सरसों तेल दादरी- 13,325 रुपये प्रति क्विंटल।
सरसों पक्की घानी- 2,355-2,455 रुपये प्रति टिन।
सरसों कच्ची घानी- 2,355-2,480 रुपये प्रति टिन।
सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 13,850 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 13,500 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 9,725 रुपये प्रति क्विंटल।
सीपीओ एक्स-कांडला- 13,050 रुपये प्रति क्विंटल।
बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 13,825 रुपये प्रति क्विंटल।
पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 14,600 रुपये प्रति क्विंटल।
पामोलिन एक्स- कांडला- 13,500 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।
सोयाबीन दाना - 4,125-4,175 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन लूज- 3,825-3,875 रुपये प्रति क्विंटल।
भाषा राजेश राजेश