छत्तीसगढ़ विधानसभा में वित्तवर्ष 2025-26 के लिए राज्य बजट पारित
संजीव धीरज
- 21 Mar 2025, 12:18 AM
- Updated: 12:18 AM
रायपुर, 20 मार्च (भाषा) छत्तीसगढ़ विधानसभा ने बृहस्पतिवार को वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए राज्य बजट को मंजूरी दे दी।
छत्तीसगढ़ विनियोग विधेयक, 2025 पर चर्चा का जवाब देते हुए राज्य के वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने कहा, ‘‘छत्तीसगढ़ सरकार वित्तीय अनुशासन बनाए रखते हुए राज्य के विकास, महिलाओं के सशक्तिकरण, किसानों के कल्याण और रोजगार के अवसर बढ़ाने की दिशा में काम कर रही है।’’
चर्चा के बाद सदन में विनियोग विधेयक ध्वनिमत से पारित कर दिया गया।
चौधरी ने कहा कि माल एवं सेवाकर (जीएसटी) संग्रह में वृद्धि के मामले में छत्तीसगढ़ देश के शीर्ष तीन राज्यों में शामिल है। उन्होंने कहा कि पंजीकरण शुल्क से प्राप्त राजस्व में 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और परिवहन तथा आबकारी राजस्व में भी ऐतिहासिक वृद्धि दर्ज की गई है।
उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट और मोबाइल नेटवर्क की समस्या को दूर करने के लिए ‘मुख्यमंत्री मोबाइल टावर योजना’ शुरू की जा रही है।
वित्त मंत्री ने कहा कि भाजपा सरकार विकास, वित्तीय अनुशासन, रोजगार और महिला सशक्तिकरण को प्राथमिकता दे रही है।
विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य सरकार लोगों के कल्याण के लिए काम कर रही है और छत्तीसगढ़ को विकसित राज्य बनाने की दिशा में आगे बढ़ रही है।
चौधरी ने कहा कि सरकारी नौकरियों के साथ-साथ निजी क्षेत्र में भी रोजगार के अवसर पैदा करने पर ध्यान दिया जा रहा है। छत्तीसगढ़ में ‘‘होम स्टे नीति’’ लागू की गई है और पर्यटन को उद्योग का दर्जा दिया गया है, जिससे युवाओं को रोजगार मिलेगा।
उन्होंने कहा कि जर्मनी ने भारत से एक लाख युवाओं की मांग की है और भारतीय पेशेवरों की दुनिया भर मांग बढ़ रही है।
वित्त मंत्री ने कहा कि भारत की औसत आयु 28 वर्ष और छत्तीसगढ़ की 24 वर्ष है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि हमारा राज्य एक युवा राज्य है और रोजगार के नए अवसर पैदा किए जाएंगे।
चौधरी ने पिछली कांग्रेस सरकार की कई नीतियों पर निशाना साधा और अपनी सरकार की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला।
राज्य सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 1,65,000 करोड़ रुपये का बजट पेश किया है, जिसमें महिलाओं और खाद्य सुरक्षा से जुड़ी कल्याणकारी योजनाओं के लिए पर्याप्त धनराशि का प्रस्ताव है। राज्य में कृषि को बढ़ावा देने के लिए 10 हजार करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं।
भाषा संजीव