ड्रोन के जरिये सीमा पार से हथियार, मादक पदार्थों की बढ़ती तस्करी चिंताजनक : कांग्रेस सांसद अजय माकन
मनीषा माधव
- 21 Mar 2025, 02:48 PM
- Updated: 02:48 PM
नयी दिल्ली, 21 मार्च (भाषा) कांग्रेस ने ड्रोन के जरिये सीमा पार से मादक पदार्थ एवं हथियारों की तस्करी पर चिंता जताते हुए शुक्रवार को राज्यसभा में कहा कि सीमा प्रबंधन की जिम्मेदारी गृह मंत्रालय की है और वह विभिन्न मदों में आवंटित राशि को खर्च ही नहीं कर पा रहा है।
गृह मंत्रालय के कामकाज पर चर्चा में हिस्सा ले रहे कांग्रेस के अजय माकन ने कहा कि देश की युवा आबादी दुनिया में सबसे अधिक है। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे देश में 65 फीसदी लोगों की उम्र 25 साल से कम है और हमारी आधी आबादी 28 साल से कम उम्र की है। 2050 आते आते हमारी आधी आबादी की उम्र 28 साल से बढ़ कर 50 साल से ऊपर होगी।’’
माकन ने कहा ‘‘यह युवा आबादी देश के स्वर्णिम युग की सूत्रधार बन सकती है लेकिन देश में फैलता नशे का जाल चिंता पैदा करता है। मादक पदार्थ युवाओं को बहुत तेजी से अपनी गिरफ्त में लेते हैं।’’
उन्होंने कहा ‘‘पाकिस्तान से ड्रोन के जरिये सीमावर्ती राज्य पंजाब में पांच पांच किलोग्राम मादक पदार्थ आ रहे हैं और जेल से गिरोह संचालित किए जा रहे हैं। ड्रोन के जरिये राज्य में हथियार भेजे जा रहे हैं। अलगाववादी गतिविधियां, हत्या के मामले हुए हैं।’’
माकन ने कहा कि जिन हथियारों का उपयोग वहां हो रहा है, उनका उपयोग मुंबई हमले और संसद हमले में भी हुआ। उन्होंने कहा ‘‘ऐसे हथियार वहां कहां से आ रहे हैं। यह गंभीर चिंता की बात है। ये हथियार सीमा पार से आ रहे हैं और सीमा प्रबंधन गृह मंत्रालय का काम है।’’
उन्होंने कहा कि सीमा अवसंरचना प्रबंधन योजना पर गृह मंत्री को खास तौर पर ध्यान देना चाहिए अन्यथा मंत्रालय के बजट की राशि पूरी तरह खर्च नहीं हो पाएगी और नुकसान होता रहेगा। उन्होंने दावा किया कि पिछले पांच साल में सीमा संबंधी मदों में गृह मंत्रालय के बजट की राशि खर्च ही नहीं हुई।
माकन ने कहा ‘‘2022 से 2026 तक पुलिस के आधुनिकीकरण के लिए 1523 करोड़ रुपये रखे गए लेकिन केवल 287 करोड़ रुपये खर्च हुए। केवल 17 फीसदी ही खर्च हुए और 83 फीसदी खर्च नहीं किए गए। फिर सीमा पार से ड्रग और हथियारों की तस्करी पर रोक कैसे लगेगी?’’
उन्होंने कहा कि अर्द्धसैनिक बल, पुलिस बल में रिक्तियां हैं जिन पर भर्ती जरूरी है। उन्होंने दावा किया कि दिल्ली में महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों के खिलाफ अपराध की दर देश के विभिन्न राज्यों की तुलना में और देश में हो रहे अपराधों की दर की तुलना में अधिक है जबकि दिल्ली देश की राजधानी है।
माकन ने कहा कि दिल्ली में 77 हजार मामले अदालतों में लंबित हैं जबकि अन्य राज्यों में यह संख्या कम है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को और दिल्ली सरकार को मिल कर काम करने की जरूरत है क्योंकि अगर न्याय समय पर मिले तो ज्यादा बेहतर होगा।
उन्होंने दावा किया कि पाठ्यपुस्तकों में, एनसीईआरटी की किताबों में से कई आंदोलन का जिक्र ही हटा दिया गया। उन्होंने कहा कि इसके दूरगामी नकारात्मक परिणाम होंगे। उन्होंने कहा कि हर आंदोलन अपराध की श्रेणी में नहीं आता।
माकन ने कहा कि 2011 की जनगणना का काम संप्रग सरकार ने 2009 में शुरू कर दिया था। उन्होंने कहा कि जनगणना इसलिए जरूरी है क्योंकि जन कल्याण के सभी काम आबादी के आधार पर काम शुरु किए जाते हैं। ‘‘अगर समय पर जनगणना नहीं कराई जाएगी तो अलग अलग योजनाओं के लाभार्थी कहां से तय होंगे। 2020-21 में जनगणना का 85 फीसदी पैसा व्यपगत (लेप्स) हो गया। तब कोविड था। लेकिन बाद में इसके लेप्स होने का कारण क्या है।’’
उन्होंने कहा कि अब जनगणना कब होगी, यह स्पष्ट नहीं है और इस साल का बजट देख कर तो इसके पूरे होने की संभावना ही नहीं है।
भाषा मनीषा