एसकेएम, भाकियू (उगराहां) ने पंजाब सरकार की ओर से बुलाई बैठक में शामिल होने से इनकार किया
धीरज पारुल
- 21 Mar 2025, 11:28 PM
- Updated: 11:28 PM
(तस्वीरों के साथ)
चंडीगढ़, 21 मार्च (भाषा) संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) और भारती किसान यूनियन (उगराहां) ने शंभू और खनौरी सीमा पर धरना दे रहे किसानों को हटाने के लिए पंजाब पुलिस की कार्रवाई के बीच शुक्रवार को राज्य सरकार द्वारा बुलाई गई बैठक में हिस्सा लेने से इनकार कर दिया।
किसान संगठनों ने पुलिस कार्रवाई के लिए आम आदमी पार्टी (आप) सरकार की आलोचना की और हिरासत में लिए गए प्रदर्शनकारियों की रिहाई की मांग करते हुए बातचीत के लिए एक अनुकूल माहौल बनाने को कहा।
एसकेएम ने 26 मार्च को पंजाब विधानसभा तक प्रस्तावित अपना मार्च स्थगित करने की भी घोषणा की।
पंजाब सरकार ने शुक्रवार को राज्य के कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुडियां के साथ बैठक के लिए एसकेएम और भाकियू (उगराहां) को आमंत्रित किया था।
भाकियू (उगराहां) के अध्यक्ष जोगिंदर सिंह उगराहां ने एक वीडियो संदेश में सवाल किया, ‘‘क्या गारंटी है कि वार्ता के लिए आमंत्रित किए गए लोगों को बाद में गिरफ्तार नहीं किया जाएगा? इसलिए, हमने बैठक में शामिल नहीं होने का फैसला किया है।’’
एसकेएम और भाकियू (उगराहां) हरियाणा और पंजाब के बीच शंभू और खानौरी सीमा पर एक साल से अधिक समय तक चले किसानों के विरोध-प्रदर्शन में शामिल नहीं थे।
एसकेएम (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) ने पंजाब पुलिस द्वारा बुधवार को दोनों विरोध स्थलों को खाली कराए जाने से पहले एक साल से अधिक समय तक इस धरने की अगुवाई की।
एसकेएम नेताओं ने शुक्रवार को यहां आयोजित एक बैठक में फैसला किया कि वे पंजाब सरकार द्वारा बुलाए गई बैठक में हिस्सा नहीं लेंगे। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार ने ‘‘दमन के माध्यम से किसानों के संघर्ष को कुचलने’’ का फैसला किया है और इसलिए बातचीत के लिए वातावरण अनुकूल नहीं है।
एसकेएम ने बैठक के लिए बुलाए जाने के बाद किसानों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई की निंदा की। संगठन ने कहा कि बैठक के लिए इस समय बुलाना जले पर नमक छिड़ने जैसा है।
एसकेएम नेताओं ने हिरासत में लिए गए किसानों को रिहा करने की मांग की और कहा कि उनके सामान को वापस कर दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘पंजाब सरकार द्वारा अनुकूल माहौल बनाने के बाद एसकेएम बातचीत के लिए तैयार है।’’
एसकेएम नेताओं ने 28 मार्च को पंजाब सरकार के ‘दमन’ के खिलाफ जिला उपायुक्तों के कार्यालयों के बाहर विरोध-प्रदर्शन करने की भी घोषणा की।
एसकेएम की बैठक में किसान नेता दर्शन पाल, हरमित सिंह कादियान, रमिंदर सिंह पटियाला, रूल्दू सिंह मनसा और जंगवीर सिंह चौहान ने हिस्सा लिया।
इस बीच, किसानों के प्रदर्शन की वजह से गत एक साल से अधिक समय से बंद पंजाब-हरियाणा का खनौरी सीमा बिंदु भी शुक्रवार को यातायात के लिए खोल दिया गया।
पंजाब पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि किसानों के ‘दिल्ली कूच’ को विफल करने के लिए लगाए गए अवरोधकों को हटाने के बाद खनौरी सीमा के रास्ते वाहनों की आवाजाही शुरू हो गई है।
इससे पहले, बृहस्पतिवार को किसान आंदोलन के एक और केंद्र शंभू सीमा पर से भी अवरोधक हटा दिए गए थे और यातायात बहाल कर दिया गया था।
भाषा धीरज