आरक्षण मुद्दे पर राज्यसभा में हंगामा, भाजपा ने कांग्रेस पर लगाया संविधान बदलने का आरोप
माधव मनीषा अविनाश
- 24 Mar 2025, 03:30 PM
- Updated: 03:30 PM
नयी दिल्ली, 24 मार्च (भाषा) राज्यसभा में सोमवार को सत्ता पक्ष के सदस्यों ने कर्नाटक विधानसभा में मुसलमानों को सरकारी ठेकों में चार प्रतिशत आरक्षण देने के प्रावधान वाला विधेयक पारित होने पर कड़ा विरोध जताया तथा कांग्रेस पर संविधान बदलने का प्रयास करने का आरोप लगाया। इस कारण हंगामे के चलते उच्च सदन की बैठक दो बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजकर 35 मिनट पर पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गयी।
हंगामे की वजह से उच्च सदन में शून्यकाल और प्रश्नकाल नहीं हो पाया।
सत्ता पक्ष के सदस्यों के हंगामे के बीच नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने दावा किया कि डॉ. बी आर आंबेडकर के बनाये संविधान को कोई भी ताकत नहीं बदल सकती है।
सदन की बैठक शुरू होते ही भाजपा सदस्यों ने आरक्षण का मुद्दा उठाया और हंगामा करने लगे। हंगामे के बीच ही संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने कहा कि जो लोग संविधान के रक्षक होने का दावा करते हैं, वे लोग संविधान की धज्जियां उड़ा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि एक महत्वपूर्ण संवैधानिक पद पर बैठे एक कांग्रेस नेता ने कहा है कि आरक्षण के मुद्दे पर जरूरत पड़ी तो संविधान में बदलाव किया जाएगा। उन्होंने यद्यपि किसी का नाम नहीं लिया किंतु माना जाता है कि उनका संकेत कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार की ओर था।
रीजीजू ने कहा कि यह बयान किसी सामान्य व्यक्ति ने नहीं बल्कि ऐसे व्यक्ति ने दिया है जो संवैधानिक पद पर है। उन्होंने कहा कि यह बहुत गंभीर मामला है तथा संविधान बदल कर धर्म आधारित आरक्षण दिये जाने को ‘बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।’
सदन के नेता एवं केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जे पी नड्डा ने कहा कि बहुत दुख के साथ यह कहना पड़ रहा है कि जो लोग खुद को संविधान का रक्षक बताते हैं, उनकी सोच बिल्कुल उनके दावे के विपरीत है।
उन्होंने कहा कि कर्नाटक विधानसभा में मुसलमानों को सरकारी ठेकों में चार फीसदी आरक्षण देने के प्रावधान वाला एक विधेयक पारित हुआ है। उन्होंने कहा, ‘‘इतना ही नहीं, वहां के उपमुख्यमंत्री ने बयान दिया है कि अगर जरूरत पड़ी तो संविधान में बदलाव किया जाएगा।’’
संसदीय कार्य मंत्री रीजीजू ने कहा कि कांग्रेस नेता संविधान की पुस्तक साथ लेकर चलते हैं किंतु हर काम इसे नीचा दिखाने के लिए करते हैं।
सभापति जगदीप धनखड़ ने जब उनसे पूछा कि वह और उनकी पार्टी आखिर क्या चाहती है तो रीजीजू ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष, जो सदन में नेता प्रतिपक्ष भी हैं, को उनकी पार्टी का इस मुद्दे पर रुख स्पष्ट करना चाहिए। उन्होंने कहा कि खरगे को देश को यह भी बताना चाहिए कि कांग्रेस संविधान बदलकर मुस्लिमों को आरक्षण क्यों देना चाहती है?
रीजीजू ने कहा कि ये (कांग्रेस) लोग बाबा साहेब आंबेडकर की तस्वीर रखकर केवल दिखावा करते हैं और उनके आदर्शों को नहीं मानते।
सदन के नेता एवं भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष नड्डा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस संविधान को तार-तार करना चाहती है।
धनखड़ ने रीजीजू को निर्देश दिया कि उन्होंने जो बयान दिया है, उसकी पुष्टि करने के लिए वह सदन के पटल पर संबंधित दस्तावेज भी रखें। इसके जवाब में रीजीजू ने कहा कि वह यह करने के लिए तैयार हैं।
इसके बाद सभापति ने जब खरगे को बोलने का अवसर दिया तो उन्होंने कहा, ‘‘आंबेडकर के बनाये संविधान को कोई नहीं बदल सकता।’’
उन्होंने कहा ‘‘हम संविधान की रक्षा करने वाले लोग हैं। हम वो लोग हैं जिन्होंने कन्याकुमारी से कश्मीर तक भारत जोड़ो यात्रा निकाली और ये वो लोग हैं जो भारत तोड़ो में विश्वास रखते हैं।’’
खरगे कुछ और कहना चाह रहे थे किंतु इसी बीच सभापति धनखड़ ने 11 बजकर 10 मिनट पर बैठक दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
दोपहर दो बजे सदन की बैठक शुरू होने पर उपसभापति हरिवंश ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाये। इस बीच कांग्रेस के सदस्यों ने नेता प्रतिपक्ष को बोलने का अवसर देने की मांग करते हुए नारेबाजी और हंगामा शुरू कर दिया।
उपसभापति से अनुमति मिलने के बाद खरगे ने कहा, ‘‘मुझे यही कहना है कि कर्नाटक के मंत्री ने ऐसी कोई बात (संविधान बदलने की बात) नहीं कही है।’’ उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी की तरफ से न तो किसी ने संविधान बदलने की बात कही है और न ही कहेगा।
खरगे ने दावा किया कि संविधान बदलने की बात बार-बार सत्ता पक्ष के नेताओं द्वारा कही जाती है, उनकी तरफ से नहीं। उन्होंने एक संगठन के प्रमुख का नाम लेते हुए कहा कि यह बात उनके द्वारा कही गयी है तथा सत्ता पक्ष के कई सांसद भी यह बात कह चुके हैं।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सत्ता पक्ष के एक नेता तो यहां तक कह चुके हैं कि यदि उनकी पार्टी को दो तिहाई बहुमत मिल गया तो वो संविधान बदल देंगे। खरगे ने कहा कि उनकी पार्टी संविधान की रक्षा करती रहेगी और किसी को इसे बदलने नहीं देगी।
उन्होंने दावा किया कि एक न्यायाधीश के घर धन मिलने के मुद्दे को दबाने के लिए सत्ता पक्ष के सदस्य यह मुद्दा लेकर आए हैं।
इसके बाद सदन के नेता नड्डा ने आसन की अनुमति से अपनी बात रखते हुए कहा आंबेडकर और सरदार पटेल ने स्पष्ट रूप से कहा था कि धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं होगा।
नड्डा ने कहा कि तेलंगाना में कांग्रेस की सरकार ने अनुसूचित जाति, जनजाति और ओबीसी का हक मारकर मुस्लिमों और अल्पसंख्यकों को आरक्षण दिया। ‘‘इन्होंने ओबीसी में मुस्लिमों को पीछे के दरवाजे से प्रवेश देने का कुत्सित प्रयास भी किया।’’
नेता सदन ने कहा कि उनके बयान के बाद भी कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार ने फिर कहा है कि संविधान कांग्रेस ने दिया है और इसे बदलने का काम भी वही करेगी। उन्होंने कहा, ‘‘कोई पछातावा नहीं है। बदलने का काम यह है कि सरकारी नौकरी तो छोड़ो, ठेकेदारी में भी आरक्षण होगा।’’
उन्होंने कहा कि कांग्रेस सत्ता से बाहर रहकर इतनी छटपटा और बौखला गयी है कि वह ऐसे काम कर रही है।
इसके बाद विपक्षी सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया जिसके कारण उपसभापति ने बैठक को दो बजकर 16 मिनट पर पंद्रह मिनट के लिए स्थगित कर दिया।
बैठक फिर शुरू होने पर सदन में वही नजारा दिखायी दिखा। हंगामे के बीच उपसभापति ने तेल क्षेत्र (विनियमन तथा विकास) संशोधन विधेयक को सरकारी संशोधन के साथ ध्वनिमत से पारित करवाया। इसके बाद उन्होंने बैठक को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया।
भाषा माधव अविनाश मनीषा
माधव मनीषा