छत्तीसगढ़ में वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित लोगों को मुख्यधारा से जोड़ने का काम अंतिम दौर में: मुर्मू
संजीव नेत्रपाल पारुल
- 24 Mar 2025, 03:43 PM
- Updated: 03:43 PM
रायपुर, 24 मार्च (भाषा) राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को कहा कि छत्तीसगढ़ में वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित लोगों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने का काम अंतिम और निर्णायक दौर में पहुंच गया है। उन्होंने विश्वास जताया कि राज्य जल्द ही इस बुराई से मुक्ति पा लेगा।
छत्तीसगढ़ विधानसभा के रजत जयंती वर्ष समारोह के तहत विधानसभा को संबोधित करते हुए मुर्मू ने कहा कि सदन ने लोकतांत्रिक परंपराओं के उच्चतम मानदंड स्थापित किए हैं और न केवल शेष भारत, बल्कि दुनिया की सभी लोकतांत्रिक प्रणालियों के लिए उत्कृष्ट संसदीय आचरण का अनूठा उदाहरण पेश किया है।
राष्ट्रपति ने इस बात की सराहना की कि छत्तीसगढ़ की 90 सदस्यीय विधानसभा में 19 महिला विधायक हैं और 2023 के राज्य विधानसभा चुनावों में अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने वाली महिलाओं की संख्या पुरुषों से अधिक थी।
मुर्मू ने कहा कि सभी विधायकों को कोशशि करनी चाहिए कि अगली विधानसभा में महिला सदस्यों की संख्या और बढ़े।
उन्होंने कहा, “वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित लोगों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने का काम अंतिम और निर्णायक दौर में पहुंच गया है। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित इलाकों के लोग विकास के मार्ग पर आगे बढ़ना चाहते हैं।”
राष्ट्रपति ने कहा, “मुझे भरोसा है कि छत्तीसगढ़ को उग्रवाद से पूरी तरह से मुक्त करने के प्रयास में आप सब जल्द ही सफलता हासिल करेंगे और राज्य के इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय जोड़ेंगे।”
उन्होंने सदन में महिला विधायकों की संख्या पर संतुष्टि जताई और कहा, “मुझे बताया गया है कि इस सदन में 19 महिला विधायक हैं। वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव में महिला मतदाताओं की कुल संख्या पुरुषों के मुकाबले अधिक थी। इस तरह, इस सदन को छत्तीसगढ़ की माताओं, बहनों और बेटियों का विशेष समर्थन प्राप्त हुआ है।”
मुर्मू ने कहा, “मैं विधायक बहनों से अनुरोध करती हूं कि आप सब जीवन के हर क्षेत्र में कार्यरत अन्य सभी बहनों को आगे बढ़ाने में हमेशा तत्पर रहें। जब आप सभी बहनें राज्य में विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत महिलाओं को आगे बढ़ाएंगी, तो उन महिलाओं पर सबका ध्यान जाएगा और उनके विकास का मार्ग प्रशस्त होगा।
उन्होंने कहा, “चाहे वे शिक्षक हों या अधिकारी, समाज-सेविका हों या उद्यमी, वैज्ञानिक हों या कलाकार, मजदूर हों या किसान, हमारी बहनें आमतौर पर रोजमर्रा की घरेलू जिम्मेदारियों को निभाते हुए तथा कठिन संघर्ष करते हुए बाहर की दुनिया में अपनी जगह बनाती हैं। जब सभी बहनें एक-दूसरे को सशक्त बनाएंगी, तब हमारा समाज और भी अधिक मजबूत एवं संवेदनशील बनेगा।”
मुर्मू ने कहा, “इस सदन के सभी विधायकों को, खासकर महिला विधायकों को, यह कोशिश करनी चाहिए कि अगली विधानसभा में महिला सदस्यों की संख्या में बढ़ोतरी हो। महिला विधायकों की संख्या में वृद्धि ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ की
भावना के अनुरूप होगी। हर क्षेत्र में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी ‘महिलाओं के नेतृत्व में विकास’ की हमारी राष्ट्रीय सोच को भी साकार करेगी।”
राष्ट्रपति ने मिनी माता को याद करते हुए कहा, “नारी-शक्ति के संदर्भ में छत्तीसगढ़ की महिला विभूति मिनी-माता का पुण्य स्मरण सहज ही होता है। भारत की संसदीय परंपरा में उन्हें बहुत ही सम्मानित स्थान हासिल है। वह पहली लोकसभा के कार्यकाल के दौरान छत्तीसगढ़ के अंचल से संसद के लिए चुनी जाने वाली पहली महिला जन-सेवक थीं और लगातार पांच बार लोकसभा सदस्य रही थीं। खुद वंचित वर्ग से आने वाली मिनी-माता ने लोगों के कल्याण और उत्थान के लिए लगातार काम किया था।”
छत्तीसगढ़ विधानसभा की सराहना करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि उसने सदन की कार्यवाही के दौरान गर्भगृह में जाने वाले सदस्यों के स्वत: निलंबन का असाधारण नियम बनाया है और इसका पालन किया है।
मुर्मू ने राज्य के नीति निर्माताओं से विकास के पथ पर आगे बढ़ते हुए पर्यावरण का संरक्षण सुनिश्चित करने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा, “छत्तीसगढ़ में विकास की असीम संभावनाएं हैं। सीमेंट, खनिज उद्योग, इस्पात, एल्यूमिनियम और विद्युत उत्पादन जैसे क्षेत्रों में विकास के ढेरों अवसर हैं। यहां के पारंपरिक लोक शिल्प की देश-विदेश में तारीफ होती है। आपका यह सुंदर राज्य हरे-भरे जंगलों, झरनों और अन्य प्राकृतिक वरदानों से समृद्ध है।”
मुर्मू ने कहा, “आपके राज्य को महानदी, हसदेव, इंद्रावती और शिवनाथ जैसी नदियों का आशीर्वाद प्राप्त है। आपके राज्य को आधुनिक विकास के मार्ग पर आगे बढ़ने के साथ-साथ पर्यावरण का संरक्षण भी सुनिश्चित करना है। राज्य के आप सब नीति-निर्माताओं पर विकास और प्रकृति के बीच संतुलन स्थापित करने की जिम्मेदारी है। इसके साथ ही समाज के सभी वर्गों को आधुनिक विकास-यात्रा से जोड़ने का उत्तरदायित्व भी आप पर है।”
उन्होंने छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध संत और समाज सुधारक बाबा गुरु घासीदास को याद करते हुए कहा, “आप सभी विधायकों के मार्गदर्शन के लिए गुरु घासीदास जी का ‘मनखे-मनखे एक समान’ अर्थात ‘सभी मनुष्य एक समान हैं’ आदर्श मौजूद है। आज से लगभग 250 साल पहले उन्होंने वंचितों, पिछड़ों और महिलाओं की समानता के लिए समाज सुधार का जो संकल्प लिया था, उसे आप सबको सिद्ध करना है तथा समानता एवं सामाजिक समरसता पर आधारित श्रेष्ठ छत्तीसगढ़ का निर्माण करना है।”
राष्ट्रपति ने कहा, “मुझे यकीन है कि छत्तीसगढ़ की विधानसभा राज्य की समग्र उन्नति को समुचित दिशा प्रदान करती रहेगी। जिस तरह आप सबने आदर्श विधानसभा का उदाहरण पेश किया है, उसी तरह आप सब आदर्श राज्य के रूप में विकसित छत्तीसगढ़ का आदर्श भी पेश करेंगे।”
इस मौके पर राज्यपाल रमेन डेका और विधानसभा अध्यक्ष रमन सिंह ने भी विधायकों को संबोधित किया।
इससे पहले, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और विपक्ष के नेता चरणदास महंत ने सदन में राष्ट्रपति मुर्मू का स्वागत किया और उनके प्रति आभार जताया।
भाषा
संजीव नेत्रपाल