महाराष्ट्र : नागपुर हिंसा के मुख्य आरोपी का मकान ढहाया गया
जितेंद्र पारुल
- 24 Mar 2025, 05:02 PM
- Updated: 05:02 PM
नागपुर, 24 मार्च (भाषा) महाराष्ट्र के नागपुर शहर में पिछले हफ्ते हुई हिंसा के मुख्य आरोपी फहीम खान के दो मंजिला मकान को अनधिकृत निर्माण के कारण नगर निकाय के प्राधिकारियों ने भारी संख्या में पुलिस बलों की मौजूदगी में सोमवार सुबह ध्वस्त कर दिया।
अधिकारियों ने बताया कि प्राधिकारियों ने एक अन्य आरोपी यूसुफ शेख के महल इलाके स्थित मकान के अवैध रूप से निर्मित हिस्से को भी ढहा दिया।
नागपुर के महल इलाके में 17 मार्च को हिंसा हुई थी।
हिंसा के सिलसिले में ‘माइनॉरिटी डेमोक्रेटिक पार्टी’ (एमडीपी) के नेता खान के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया है। वह 17 मार्च को महाराष्ट्र के नागपुर शहर में हुई हिंसा के सिलसिले में गिरफ्तार किए गए 100 से अधिक लोगों में शामिल हैं।
सूत्रों के मुताबिक, नागपुर नगर निगम ने खान को कुछ दिन पहले नोटिस जारी किया था, जिसमें (उनके मकान के लिए) भवन योजना की मंजूरी न होने और निर्माण में कई चूक का जिक्र किया गया था।
यशोधरा नगर क्षेत्र की संजय बाग कॉलोनी में स्थित मकान को सोमवार सुबह करीब साढ़े 10 बजे नागपुर नगर निगम की तीन जेसीबी मशीन की मदद से ढहाना शुरू किया गया। ध्वस्तिकरण की कार्रवाई के दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे और पूरे इलाके पर ड्रोन से नजर रखी जा रही थी।
जिस क्षेत्र में तोड़फोड़ की जा रही थी, वहां अवरोधक लगाए गए थे।
नगर निकाय के एक अधिकारी ने बताया कि खान की मां के नाम पर दर्ज यह मकान ‘नागपुर सुधार न्यास’ (पट्टा) के एक भूखंड पर स्थित था और पट्टे की अवधि 2020 में समाप्त हो गई थी।
अधिकारी के अनुसार, इमारत के लिए कोई स्वीकृत भवन योजना नहीं थी और पूरा निर्माण अनधिकृत था।
उन्होंने बताया कि ध्वस्तिकरण की कार्रवाई एमआरटीपी (एकाधिकार और प्रतिबंधात्मक व्यापार व्यवहार) अधिनियम के तहत की गई।
अधिकारी के मुताबिक, कार्रवाई से 24 घंटे पहले इमारत को गिराने का नोटिस दिया गया था।
खान फिलहाल जेल में बंद हैं।
वहीं, नगर निगम के एक अधिकारी ने बताया कि नागपुर हिंसा के एक अन्य आरोपी शेख के महल क्षेत्र के जोहरीपुरा स्थित मकान की अवैध रूप से निर्मित बालकनी को भी धवस्त कर दिया।
छत्रपति संभाजीनगर जिले में स्थित मुगल बादशाह औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और बजरंग दल के नेतृत्व में हुए प्रदर्शन के दौरान आयत लिखी चादर जलाए जाने की अफवाह फैलने के बाद हिंसक भीड़ ने 17 मार्च को नागपुर के कई इलाकों में पथराव और आगजनी की घटनाओं को अंजाम दिया था।
नागपुर हिंसा के दौरान पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) स्तर के तीन अधिकारियों सहित 33 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शनिवार को कहा था कि हिंसा के दौरान क्षतिग्रस्त हुई संपत्तियों की कीमत दंगाइयों से वसूली जाएगी और भुगतान न करने पर नुकसान की भरपाई के लिए उनकी संपत्तियों को जब्त कर बेच दिया जाएगा।
गृह मंत्रालय का भी प्रभार संभाल रहे फडणवीस ने कहा था, “मेरी सरकार तब तक चैन से नहीं बैठेगी, जब तक पुलिस पर हमला करने वालों को पकड़कर उनके साथ सख्ती नहीं की जाती।”
मुख्यमंत्री ने कहा था कि भड़काऊ सामग्री प्रसारित करने वालों पर हिंसा भड़काने में उनकी भूमिका के लिए सह-आरोपी के रूप में आरोप लगाए जाएंगे।
फडणवीस ने यह भी कहा था कि दंगों की साजिश के तार विदेश या बांग्लादेश से जुड़े होने के बारे में टिप्पणी करना जल्दबाजी होगा, क्योंकि जांच जारी है।
उन्होंने राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार खान का नाम लिए बिना कहा था, “हालांकि, मालेगांव से संबंध (हिंसा में) देखा जा सकता है, क्योंकि आरोपियों में से एक मालेगांव के एक राजनीतिक दल से जुड़ा हुआ है, जिसे दंगाइयों की मदद करते देखा जा सकता है।”
भाषा जितेंद्र