विपक्ष ने कामरा के कार्यक्रम स्थल पर तोड़फोड़ की निंदा की, शिवसेना ने ‘स्वभाविक प्रतिक्रिया’ बताया
जितेंद्र पारुल
- 24 Mar 2025, 06:38 PM
- Updated: 06:38 PM
नयी दिल्ली, 24 मार्च (भाषा) विपक्षी दलों के नेताओं ने स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा के कार्यक्रम स्थल पर कथित तोड़फोड़ की सोमवार को निंदा की। कार्यक्रम में कामरा ने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर कटाक्ष करते हुए उन्हें ‘गद्दार’ कहा था।
हालांकि, शिवसेना के नेताओं ने इस तोड़फोड़ को एक राजनीतिक दल द्वारा उसके ‘एजेंट’ के माध्यम से कॉमेडी के नाम पर उसके एजेंडे को आगे बढ़ाने के कथित प्रयासों के खिलाफ ‘स्वभाविक प्रतिक्रिया’ करार देते हुए इसे उचित ठहराया।
शिवसेना कार्यकर्ताओं ने मुंबई के ‘यूनिकॉन्टिनेंटल होटल’ के हैबिटेट कॉमेडी क्लब में तोड़फोड़ की थी, जिसकी विपक्षी नेताओं ने कड़ी निंदा की है।
कामरा ने अपने कार्यक्रम में फिल्म ‘दिल तो पागल है’ के एक गाने के संशोधित संस्करण का इस्तेमाल 2022 में शिंदे द्वारा उद्धव ठाकरे के खिलाफ की गई बगावत का वर्णन करने के लिए किया था।
शिवसेना-उद्धव बालासाहेब ठाकरे (शिवसेना-उबाठा) नेता और राज्यसभा सदस्य प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, “यह सत्ता में रहते हुए हिंसा का बेशर्मी से इस्तेमाल करने और कानून-व्यवस्था को अपने हाथ में लेने के समान है, क्योंकि आपको कॉमेडी पर आपत्ति है।”
उन्होंने कहा कि वही कामरा 2014 से पहले पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह व संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार पर और भी गंभीर चुटकुले सुनाते थे, लेकिन कभी भी उनके खिलाफ किसी तरह की हिंसा नहीं हुई।
चतुर्वेदी ने संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा, “यह एकनाथ शिंदे की पार्टी की ओर से वही करने का बेशर्मी भरा प्रयास है, जो वे करते हैं-लोगों को धमकाने की कोशिश, लोगों को डराने की कोशिश।”
वहीं, शिवसेना नेताओं ने कामरा को एक ‘पेड एजेंट’ करार दिया, जो बंबई उच्च न्यायालय में एक युवती की मौत के मामले में सवालों के घेरे में आई पार्टी को बचाने का प्रयास कर रहे हैं।
शिवसेना नेता और राज्यसभा सदस्य मिलिंद देवड़ा ने कहा, “ऑटोरिक्शा चालक से भारत के दूसरे सबसे बड़े राज्य के मुख्यमंत्री पद तक का सफर तय करने वाले एकनाथ शिंदे का मजाक उड़ाना वर्गवादी अहंकार को दर्शाता है। भारत चाटुकारिता के पारिस्थितिकी तंत्र को खारिज कर रहा है, जो योग्यता और लोकतंत्र का समर्थन करने का दिखावा करता है।”
शिवसेना नेता धैर्यशील माने ने कहा कि उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा की गई कार्रवाई शिंदे के खिलाफ कामरा की ओर से कई गई ‘अपमानजनक टिप्पणियों’ पर ‘स्वभाविक प्रतिक्रिया’ थी।
माने ने कहा, “शिवसेना कार्यकर्ता अपने नेतृत्व से भावनात्मक रूप से जुड़े हुए हैं और कोई भी कार्यकर्ता अपने नेतृत्व पर लक्षित इस तरह की टिप्पणी को बर्दाश्त नहीं करेगा। रविवार को जो कुछ भी हुआ, वह एक स्वभाविक प्रतिक्रिया थी।”
कांग्रेस सदस्य मणिकम टैगोर ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि चुटकुले लोगों को गुस्सा दिला रहे हैं और इस तरह की प्रवृत्ति बढ़ती असहिष्णुता की परिचायक है।
उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री (नरेन्द्र) मोदी के शासन में यह नया भारत है, जहां अगर कॉमेडी शो भी आयोजित किया जाता है, तो स्थानीय पुलिस के सहयोग से कार्यक्रम स्थल पर तोड़फोड़ की जाती है।”
समाजवादी पार्टी (सपा) की सांसद जया बच्चन ने कहा कि अगर बोलने पर प्रतिबंध लगाया जाता है, तो इससे बहुत बुरी स्थिति पैदा हो जाएगी।
उन्होंने कहा, “आपको सिर्फ इसी (किसी खास विषय) पर बोलने के लिए कहा जाएगा और कुछ नहीं। अभिव्यक्ति की आजादी कहां है? अभिव्यक्ति की आजादी तभी है, जब हंगामा हो, विपक्ष को पीटें, महिलाओं से दुष्कर्म करें, उन्हें मार डालें।”
जया ने कहा कि शिंदे ने सत्ता के लालच में अपनी पुरानी पार्टी छोड़कर दूसरी पार्टी से हाथ मिला लिया। उन्होंने पूछा, “क्या यह बालासाहेब ठाकरे का अपमान नहीं है?”
कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने शिवसेना कार्यकर्ताओं की हरकत को ‘गुंडागर्दी’ करार दिया। उन्होंने कहा, “संविधान हमें अभिव्यक्ति की आजादी देता है और अगर किसी ने किसी का अपमान किया है, तो आपको मामले की जांच करनी चाहिए।”
भाषा जितेंद्र