भारत की वित्तीय प्रणाली अधिक जुझारू, विविधता से भरपूर हुईः आईएमएफ रिपोर्ट
प्रेम प्रेम अजय
- 24 Mar 2025, 09:43 PM
- Updated: 09:43 PM
मुंबई, 24 मार्च (भाषा) भारत की वित्तीय प्रणाली तीव्र आर्थिक वृद्धि और महामारी का अच्छी तरह सामना करने की वजह से अधिक जुझारू और विविधतापूर्ण हो गई है। अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने एक रिपोर्ट में यह बात कही है।
आईएमएफ और विश्व बैंक की संयुक्त पहल ‘वित्तीय क्षेत्र मूल्यांकन कार्यक्रम’ (एफएसएपी) के तहत किसी भी देश के वित्तीय क्षेत्र का व्यापक और गहन विश्लेषण किया जाता है।
मुद्राकोष ने 2024 के दौरान किए गए मूल्यांकन के आधार पर नवीनतम भारत-एफएसएपी रिपोर्ट जारी की है जबकि पश्चिम बंगाल की वित्तीय क्षेत्र मूल्यांकन रिपोर्ट का अभी प्रकाशन होने वाला है।
रिजर्व बैंक ने सोमवार को एक बयान में कहा, ‘‘आईएमएफ-विश्व बैंक की संयुक्त टीम द्वारा उच्चतम अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप भारतीय वित्तीय प्रणाली के मूल्यांकन का भारत स्वागत करता है।’’
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2017 में पिछला एफएसएपी आने के बाद से भारत की वित्तीय प्रणाली अधिक जुझारू और विविधतापूर्ण हो गई है, जो तीव्र आर्थिक वृद्धि से प्रेरित है।
इसके मुताबिक, भारतीय वित्तीय प्रणाली 2010 के दशक के संकटपूर्ण प्रकरणों से उबर गई और महामारी का भी अच्छी तरह सामना किया। एनबीएफआई और बाजार वित्तपोषण में वृद्धि हुई है, जिससे वित्तीय प्रणाली अधिक विविध और परस्पर जुड़ी हुई है। सरकारी स्वामित्व वाले वित्तीय संस्थानों की हिस्सेदारी महत्वपूर्ण बनी हुई है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि दबाव परीक्षण से पता चलता है कि मुख्य ऋण देने वाले क्षेत्र कुछ कमजोरियों के बावजूद व्यापक रूप से वृहद वित्तीय झटकों को लेकर जुझारू बने हुए हैं। बैंकों और एनबीएफसी के पास गंभीर वृहद वित्तीय परिदृश्यों में भी मध्यम ऋण देने के लिए पर्याप्त कुल पूंजी है।
गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के विनियमन और पर्यवेक्षण पर मुद्राकोष ने नियामकीय ढांचे के साथ एनबीएफसी की विवेकपूर्ण जरूरतों के लिए भारत के व्यवस्थित दृष्टिकोण को स्वीकार किया।
मुद्राकोष ने यह भी स्वीकार किया कि उभरते जोखिमों के प्रबंधन और उन पर लगाम के लिए प्रतिभूति बाजारों में नियामकीय ढांचे को अंतरराष्ट्रीय अभ्यास के अनुरूप बढ़ाया गया है।
रिपोर्ट कहती है कि भारत का बीमा क्षेत्र मजबूत होने के साथ बढ़ रहा है, जिसमें जीवन और साधारण बीमा दोनों में महत्वपूर्ण उपस्थिति है।
इस रिपोर्ट ने पाया कि भारतीय अधिकारियों ने खासकर बैंकों के लिए साइबर सुरक्षा जोखिम निगरानी को उन्नत किया है।
भाषा प्रेम प्रेम