उत्तर प्रदेश: न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के मामले में आर-पार की लड़ाई लड़ेगा बार एसोसिएशन
राजेंद्र आशीष
- 24 Mar 2025, 09:52 PM
- Updated: 09:52 PM
प्रयागराज, 24 मार्च (भाषा) इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के दिल्ली उच्च न्यायालय से इलाहाबाद उच्च न्यायालय प्रस्तावित स्थानांतरण का सोमवार को फिर से विरोध करते हुए मंगलवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का निर्णय किया।
एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल तिवारी ने कहा कि हाईकोर्ट बार एसोसिएशन इस मुद्दे पर आर-पार की लड़ाई लड़ने के मूड में है। सोमवार शाम एसोसिएशन की एक आपात बैठक के बाद तिवारी ने संवाददाताओं को बताया, ‘‘इस मुद्दे पर एसोसिएशन आर-पार की लड़ाई के मूड में है। उच्चतम न्यायालय के पास न्यायिक अधिकार हैं, लेकिन हमारे साथ जनसमर्थन है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के स्थानांतरण के विरोध में हमें 22 संगठनों ने समर्थन पत्र दिया है। आज उच्चतम न्यायालय ने कॉलेजियम की बैठक में स्थानांतरण के निर्णय की पुष्टि कर दी है। उच्चतम न्यायालय के प्रशासन द्वारा स्थानांतरण का निर्णय करने के मद्देनजर यह बैठक की गई।’’
तिवारी ने कहा, ‘‘हमने बैठक में प्रस्ताव पारित किया है कि उच्चतम न्यायालय प्रशासन की निरंकुशता अब समाप्त होनी चाहिए। अब उच्चतम न्यायालय को आईना दिखाना पड़ेगा कि आप हमसे अलग नहीं हैं। आज उच्चतम न्यायालय ने इस मुद्दे पर यह दृष्टिकोण अपनाया है तो कल वह पाकिस्तान की तरह पूरी सरकार को सत्ता से हटाकर खुद सरकार बना लेगा तो क्या स्थिति होगी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इस मामले में शुरू से लीपापोती की जा रही है। अगले प्रस्ताव तक अधिवक्ता काम नहीं करेंगे और हम किसी भी तरह के परिणाम भुगतने को तैयार हैं।’’
तिवारी ने कहा, ‘‘हमें अगर न्यायपालिका को बचाने के लिए अपने प्राण भी देने पड़े तो प्राण देने को तैयार हैं। हम न्यायपालिका को बचाने के लिए किसी भी हद तक यह लड़ाई लड़ने को तैयार हैं। हमें जेल जाना पड़ेगा तो हम उसके लिए भी तैयार हैं। अब न्यायपालिका में कार्य तभी होगा जब स्थानांतरण का आदेश वापस होगा।’’
हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष ने कहा, ‘‘कल से हम सड़कों से आंदोलन शुरू करेंगे। यह केवल स्थानांतरण ही नहीं, बल्कि उच्चतम न्यायालय के कॉलेजियम प्रशासन के व्यवहार का मुद्दा है। एक न्यायाधीश को बचाने के लिए पूरे लोकतंत्र को दांव पर लगाया जा रहा है। हम सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप करने की अपील करते हैं।’’
उच्चतम न्यायालय के कॉलेजियम ने सोमवार को ही दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा का स्थानांतरण करने के अपने निर्णय की पुष्टि की। इस लिहाज से यह हड़ताल मायने रखती है। न्यायमूर्ति वर्मा अपने आधिकारिक आवास से भारी मात्रा में नकदी की कथित बरामदगी को लेकर जांच का सामना कर रहे हैं और उनसे न्यायिक कार्य वापस ले लिया गया है।
इससे पूर्व, हाईकोर्ट बार एसोसिएशन, इलाहाबाद ने प्रधान न्यायाधीश से सरकार से न्यायमूर्ति वर्मा के खिलाफ महाभियोग की कार्यवाही शुरू करने की सिफारिश करने और सीबीआई और ईडी को इस मामले की जांच करने की अनुमति देने की मांग की।
भाषा राजेंद्र