मुर्मू ने आदिवासियों से शिक्षित बनने और कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठाने का आह्वान किया
प्रीति राजकुमार
- 24 Mar 2025, 10:00 PM
- Updated: 10:00 PM
(तस्वीरों सहित)
भुवनेश्वर/नयागढ़, 24 मार्च (भाषा) राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आदिवासी समुदाय के पुरुषों और महिलाओं से विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठाने का सोमवार को आह्वान किया।
राष्ट्रपति ने कहा कि यदि वे शिक्षित होंगे तभी वे उनके लिए उपलब्ध कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठा पाएंगे।
ओडिशा के दो दिवसीय दौरे पर आईं राष्ट्रपति ने राज्य की सबर जनजातियों के संगठन भारतीय विश्वबासु सबर समाज के स्थापना दिवस पर आयोजित समारोह में उक्त बातें कहीं।
इस संगठन का नाम प्राचीन सबर राजा विश्वबासु के नाम पर रखा गया है। सबर राजा विश्वबासु को भगवान विष्णु का पहला सेवक माना जाता था।
राष्ट्रपति मुर्मू ने ‘‘जय जगन्नाथ, जय नीलमाधव और विश्वबासु जिंदाबाद’’ का नारा लगाते हुए अपने भाषण शुरुआत की और कहा कि प्रकृति के अनुकूल जीवनशैली भारतीय संस्कृति की विशेषता है एवं यह आदिवासी जीवन का भी अभिन्न अंग है।
उन्होंने कहा, ‘‘आदिवासी भाई-बहन जंगल, पेड़ आदि को देवता मानकर पूजते हैं। आदिवासी मान्यताओं के अनुसार, उनके पूर्वजों की आत्माएं जंगल में निवास करती हैं। यह मान्यता वन संरक्षण का महामंत्र है।’’
राष्ट्रपति ने सरकार द्वारा आदिवासी समुदाय के लोगों के सशक्तीकरण तथा उनकी कला एवं संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन के लिए मौजूद विभिन्न योजनाओं का जिक्र करते हुए समुदाय से कल्याणकारी योजनाओं के बारे में जागरूक बनने और उनका लाभ उठाने का आग्रह किया।
मुर्मू आदिवासी समुदाय से ताल्लुक रखती हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘सरकारी योजनाएं तभी सफल होंगी जब लोगों का सहयोग और भागीदारी होगी। अगर आप (आदिवासी) योजनाओं के बारे में नहीं जानते तो आपको लाभ नहीं मिल सकता और अगर आप शिक्षित हैं तो योजनाओं के बारे में जान सकते हैं। इसलिए मेरा आपसे आग्रह है कि आप शिक्षित और जागरूक बनें।’’
नयागढ़ जिले के कांतिलो क्षेत्र की पहाड़ियों और नदियों की प्राकृतिक सुंदरता का उल्लेख करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि यह एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल बन सकता है।
उन्होंने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि इस क्षेत्र में बुनियादी ढांचे का विकास होने से ये पर्यटकों और तीर्थयात्रियों को आकर्षित करेगा। मुर्मू ने कहा कि इससे क्षेत्र की अर्थव्यवस्था भी बढ़ेगी।
उन्होंने कहा, ‘‘कृषि, हस्तशिल्प, पर्यटन आदि विभिन्न क्षेत्रों में नयागढ़ की संभावनाओं को आकार देने के लिए सभी को आगे आना चाहिए।’’
राष्ट्रपति ने इससे पहले नयागढ़ जिले में श्री नीलमाधव मंदिर में पूजा-अर्चना की थी।
राष्ट्रपति के साथ ओडिशा के राज्यपाल हरि बाबू कंभमपति और मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी भी मौजूद थे।
श्री नीलमाधव मंदिर महानदी के तट पर कांतिलो में स्थित है।
मंदिर के पुजारी ने कहा, ‘‘राष्ट्रपति ने आरती की। वह प्रसिद्ध भगवान विष्णु मंदिर में पूजा-अर्चना कर के प्रसन्न थीं।’’
उन्होंने कहा कि स्वतंत्र भारत में पहली बार किसी राष्ट्रपति ने इस मंदिर में पूजा-अर्चना की है।
श्री नीलमाधव मंदिर दो पहाड़ियों के पास स्थित है और घने जंगलों से घिरा हुआ है। प्राचीन काल में सबर जनजाति श्री नीलमाधव की पूजा करती थी।
श्री जगन्नाथ संस्कृति के शोधकर्ता भास्कर मिश्रा के अनुसार, ऐसा माना जाता है कि भगवान जगन्नाथ की मूर्ति के निर्माण और पुरी मंदिर में स्थापित होने से पहले भगवान विष्णु को मूल रूप से श्री नीलमाधव के रूप में पूजा जाता था।
इससे पहले, बीजू पटनायक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने राष्ट्रपति मुर्मू का स्वागत किया था।
मुर्मू इसके बाद सबर राजा बिस्वबासु के गांव कालियापल्ली गईं, जहां उन्होंने उनकी (सबर राजा बिस्वबासु) प्रतिमा का अनावरण किया।
अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रपति मुर्मू मंगलवार सुबह 9:20 बजे दिल्ली के लिए रवाना होंगी।
भाषा
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