कांग्रेस ने सरकार पर वित्त विधेयक के जरिए पेंशनभोगियों को प्रभावित करने का आरोप लगाया
वैभव माधव
- 25 Mar 2025, 02:44 PM
- Updated: 02:44 PM
नयी दिल्ली, 25 मार्च (भाषा) कांग्रेस ने मंगलवार को सरकार पर वित्त विधेयक, 2025 में पेंशनभोगियों को प्रभावित करने वाले प्रावधान लाने का और राज्यों पर आर्थिक ‘ब्लैकमेल’ कर नियंत्रण के प्रयास का आरोप लगाया, वहीं भाजपा ने कहा कि सरकार ने संघीय ढांचे के तहत पिछले दस वर्ष में अवसंरचना पर पूंजी व्यय काफी बढ़ाया है।
लोकसभा में वित्त विधेयक, 2025 पर चर्चा में भाग लेते हुए कांग्रेस के केसी वेणुगोपाल ने सरकार पर इस विधेयक में ‘गुप्त एजेंडा’ रखने और इसके रास्ते पेंशन कानून में संशोधन करके पेंशनभोगियों को प्रभावित करने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि मध्यम वर्ग के लिए बड़े कदम उठाने का दावा करने वाली सरकार पेंशनभोगियों पर हमला क्यों कर रही है।
वेणुगोपाल ने कहा, ‘‘पेंशनभोगियों को निशाना बनाया जा रहा है। क्या वित्त मंत्री विधेयक में इससे संबंधित प्रावधान को वापस लेंगी।’’
कांग्रेस सदस्य ने केरल, तमिलनाडु समेत देश के अनेक राज्यों में मनरेगा मजदूरों का बकाया वेतन देने के लिए केंद्र द्वारा राशि जारी नहीं किए जाने का आरोप लगाया।
विपक्षी दल की ही सांसद एस जोतिमणि ने आरोप लगाया कि इस सरकार में क्रमबद्ध तरीके से अल्पसख्ंयकों को अलग-थलग किया जा रहा है।
जोतिमणि ने यह दावा भी किया कि सरकार तमिलनाडु राज्यों जैसे राज्यों को आर्थिक ‘ब्लैकमेल’ के जरिए नियंत्रित करना चाहती है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद जगदंबिका पाल ने कहा कि संप्रग सरकार के समय भारत की छवि ‘बनाना रिपब्लिक’ की बन गई थी जिसे मोदी सरकार ने फिर से उभरती अर्थव्यवस्था बनाया है।
उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी हमेशा ‘‘चीन की दुहाई’’ देते रहते हैं, लेकिन भारत की जीडीपी जहां 6.5 प्रतिशत है, वहीं चीन की जीडीपी केवल 4.6 प्रतिशत है।
पाल ने कहा कि पहली बार इस सरकार ने संघीय ढांचे के तहत राजस्व व्यय में नहीं, पूंजी व्यय में विश्वास किया है और वह पूंजी निर्माण में विश्वास करती है।
उन्होंने कहा कि इस सरकार ने पिछले साल की तुलना में 10.1 प्रतिशत पूंजी व्यय बढ़ाया है।
भाजपा सांसद ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि 2013-2014 में अवसंरचना पर पूंजी व्यय जहां 1.9 लाख करोड़ रुपये था, वहीं आज यह 11.11 लाख करोड़ रुपये है।
शिवसेना के धैर्यशील माने ने कहा कि 12 लाख रुपये की आय करमुक्त करने का सरकार का निर्णय क्रांतिकारी है जिससे आम आदमी को लाभ मिलेगा।
समाजवादी पार्टी के लालजी वर्मा ने चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि देश में
आय असमानता बढ़ रही है और सरकार को विकसित भारत के लिए किसानों को प्राथमिकता देनी चाहिए।
सपा की इकरा चौधरी ने कहा कि सरकार देश को 2027 तक तीसरी अर्थव्यवस्था बनाने की बात कर रही है लेकिन प्रति व्यक्ति जीडीपी में भारत दुनिया के कई देशों से पीछे है तो यह उपलब्धि फीकी साबित होगी।
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