दिल्ली बजट: यमुना सफाई और अपजल प्रबंधन के लिए 1,500 करोड़ रुपये की योजना
प्रीति रंजन
- 25 Mar 2025, 09:13 PM
- Updated: 09:13 PM
नयी दिल्ली, 25 मार्च (भाषा) राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने विधानसभा में वित्त वर्ष 2025-26 के लिए मंगलवार को पेश किए गए बजट में यमुना नदी को साफ करने और अपजल (सीवेज) के बुनियादी ढांचे में सुधार करने के वास्ते 1500 करोड़ रुपये की परियोजना की घोषणा की है।
इस परियोजना के तहत 40 ‘सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट’ (एसटीपी) का निर्माण, मौजूदा एसटीपी का आधुनिकीकरण और अपशिष्ट एवं प्रदूषण से निपटने के लिए उन्नत मशीनरी में निवेश किया जाएगा।
दिल्ली सरकार नालों के गंदे पानी को यमुना में गिरने से रोकने हेतु 500 करोड़ रुपये की लागत से 40 ‘सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट’ का निर्माण करवाएगी। इसके अतिरिक्त, मौजूदा एसटीपी को उन्नत करने के लिए उनकी परिचालन क्षमता को बढ़ाया जाएगा।
गुप्ता ने बजट भाषण के दौरान कहा, ‘‘यमुना सिर्फ एक नदी नहीं है; यह हमारी सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत है। यमुना की सफाई हमारे घोषणापत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और इस बजट में भी यह सर्वोच्च प्राथमिकता है।’’
दिल्ली सरकार ने ‘सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट’ (एसटीपी) की मरम्मत और विकास के लिए 500 करोड़ रुपये, पुरानी सीवर लाइन को बदलने के लिए 250 करोड़ रुपये तथा जल उपचार संयंत्रों में सुधार के लिए 250 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।
अपजल प्रबंधन प्रणाली को और मजबूत करने के लिए ‘सुपर सकर’ (सीवर लाइन, सेप्टिक टैंक और अन्य जल निकासी प्रणालियों को साफ करता है) और ‘डिकी मशीनों’ की खरीदने के लिए 20 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे, जिससे कीचड़ सहित अन्य चीजों को हटाने में मदद मिलेगी। इसके अलावा, ‘वजीराबाद ट्रंक सीवर’ के नवीनीकरण के लिए अतिरिक्त 10 करोड़ रुपये भी आवंटित किए गए हैं।
यमुना में अनुपचारित अपशिष्ट जल के सीधे प्रवाह को रोकने के लिए शुरू की गई एक परियोजना के लिए 250 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। इसके तहत, प्रमुख नालों के गंदे पानी को साफ किया जाएगा।
यमुना के प्रदूषण का सबसे अहम कारण ‘नजफगढ़ नाले’ के रूपांतरण और अवरोधन के लिए 200 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा।
नदी को स्वच्छ बनाए रखने के लिए 40 करोड़ रुपये के आधुनिक उपकरण खरीदे जाएंगे, जिसमें कचरा हटाने वाली मशीनें, खरपतवार हटाने वाली मशीनें और ‘ड्रेज यूटिलिटी मशीनें’ शामिल हैं।
दिल्ली सरकार ने राजधानी के जल और अपजल के बुनियादी ढांचे को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप लाने के लिए केंद्र सरकार से 2,000 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता देना का भी अनुरोध किया है।
इसके अलावा, वित्त वर्ष 2025-26 के बजट में दिल्ली की वायु गुणवत्ता, जल प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण और अपशिष्ट प्रबंधन पर लगातार निगारानी के लिए एकीकृत कमान और नियंत्रण केंद्र का भी प्रस्ताव दिया गया है।
गुप्ता ने बजट में पर्यावरण और वन विभाग के लिए 506 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।
पर्यावरण अनुकूल सुधारों को लागू करने के लिए ‘‘प्रदूषण नियंत्रण और आपातकालीन उपायों’’ के वास्ते 300 करोड़ रुपये की राशि निर्धारित की गई है। साथ ही पार्क और सार्वजनिक स्थानों को हरा-भरा बनाने में निवासी कल्याण संघ (आरडब्ल्यूए), गैर सरकारी संगठनों और अन्य संगठनों को मदद करने के लिए ‘‘दिल्ली पार्क और गार्डन सोसाइटी’’ योजना के तहत 20 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
गुप्ता ने बताया कि दिल्ली के हरित क्षेत्र का विस्तार करने, वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने और शहरी जैव विविधता को बढ़ावा देने के लिए बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण अभियान शुरू किया जाएगा। इसके तहत, 70 लाख से अधिक पौधें लगाए जाएंगे।
जल प्रदूषण पर लगातार नजर रखने के लिए यमुना नदी और प्रमुख नालों के किनारे 32 जल गुणवत्ता निगरानी स्टेशन स्थापित किए जाएंगे।
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