वक्फ विधेयक के विरोध में कर्नाटक के विभिन्न हिस्सों में काली पट्टी बांधकर लोगों ने नमाज अदा की
आशीष सुरेश
- 31 Mar 2025, 04:23 PM
- Updated: 04:23 PM
(फोटो सहित)
बेंगलुरु, 31 मार्च (भाषा) कर्नाटक के कुछ हिस्सों में सोमवार को ईद-उल-फितर के जश्न के दौरान वक्फ संशोधन विधेयक का मुद्दा छाया रहा, जहां मंत्री रहीम खान सहित विभिन्न लोगों ने केंद्र के कदम के खिलाफ अपना विरोध जताने के लिए काली पट्टी बांधकर विशेष नमाज अदा की।
उपलब्ध जानकारी के अनुसार, बीदर, मांड्या और बेलगावी में लोगों ने काली पट्टी बांधकर नमाज अदा की।
बीदर में, खेल एवं युवा सशक्तीकरण विभाग के मंत्री खान अपने समर्थकों के साथ काली पट्टी बांधकर मस्जिद पहुंचे और ईदगाह मैदान में नमाज अदा की। उनके समर्थकों ने भी नमाज अदा की और वक्फ कानून संशोधन के खिलाफ शांतिपूर्ण तरीके से अपना विरोध दर्ज कराया।
मांड्या शहरी विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष नहीम ने मांड्या में काली पट्टी बांधकर नमाज अदा की। उनके समर्थक भी काली पट्टी बांधकर नमाज अदा करने पहुंचे। नहीम ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि उन्होंने वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ शांतिपूर्ण विरोध के तौर पर ऐसा किया।
बेलगावी में सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया के कार्यकर्ताओं ने विधेयक के खिलाफ विरोध जताने के लिए काली पट्टी बांधकर नमाज में हिस्सा लिया।
संशोधन विधेयक को वापस लेने की मांग के अलावा, कित्तूर में प्रदर्शनकारी मुसलमानों ने अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष एम के फैजी की शीघ्र रिहाई की अपील की, जिन्हें इस महीने की शुरुआत में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने प्रतिबंधित संगठन पीएफआई से जुड़े धन शोधन मामले में गिरफ्तार किया था।
ईडी ने दावा किया कि दोनों संगठनों के बीच जुड़ाव के प्रमाण मिले हैं और पीएफआई राजनीतिक पार्टी के माध्यम से अपनी आपराधिक गतिविधियों को अंजाम दे रहा है।
वर्ष 2009 में गठित सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) पर पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) का राजनीतिक मोर्चा होने का आरोप है, जिसे सितंबर 2022 में केंद्र सरकार ने प्रतिबंधित कर दिया था।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हाल में वक्फ (संशोधन) विधेयक को मंजूरी दे दी है, जिसमें संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) द्वारा अनुशंसित परिवर्तनों को शामिल किया गया है। इससे इसे चर्चा और पारित करने के लिए संसद में पेश करने का मार्ग प्रशस्त हो गया है।
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रीजीजू द्वारा लोकसभा में पेश किए जाने के बाद अगस्त 2024 में विधेयक को जेपीसी को भेजा गया था। संसदीय समिति ने बहुमत से रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया, जबकि समिति में शामिल विपक्षी दलों के सभी 11 सांसदों ने इस पर आपत्ति जताई थी।
उन्होंने असहमति नोट भी पेश किए थे। छह सौ पचपन पन्नों की रिपोर्ट इस महीने की शुरुआत में संसद के दोनों सदनों में पेश की गई थी।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 28 मार्च को स्पष्ट किया कि वक्फ (संशोधन) विधेयक संसद के मौजूदा सत्र में फिर से पेश किया जाएगा। इस विधेयक को अगस्त 2024 में संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को भेजा गया था।
भाषा आशीष