संशोधित निवेश, कारोबार मानदंडों से एमएसएमई को आगे बढ़ने में मदद मिलेगी : विशेषज्ञ
राजेश राजेश अजय
- 31 Mar 2025, 07:26 PM
- Updated: 07:26 PM
नयी दिल्ली, 31 मार्च (भाषा) सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्यमों (एमएसएमई) के लिए संशोधित निवेश और कारोबार (टर्नओवर) मानदंड से वृद्धि और विस्तार के लिए अधिक अवसर मिलने की उम्मीद है, जिसके परिणामस्वरूप रोजगार सृजन में वृद्धि होगी। विशेषज्ञों ने यह राय जताई है। संशोधित मानदंड इसी सप्ताह मंगलवार से लागू हो रहे हैं।
सरकार ने एमएसएमई को वर्गीकृत करने के लिए कारोबार और निवेश मानदंडों में महत्वपूर्ण संशोधनों को अधिसूचित किया है, जो एक अप्रैल से लागू होंगे।
विशेषज्ञों के अनुसार, संशोधित मानदंडों के तहत, सभी एमएसएमई के वर्गीकरण के लिए निवेश और कारोबार सीमा को क्रमशः 2.5 और दोगुना बढ़ाया जाएगा।
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) की नेशनल एमएसएमई काउंसिल के सह-अध्यक्ष अशोक सैगल ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘संशोधित और बढ़ी हुई पात्रता, उन एमएसएमई को आगे बढ़ने में सक्षम बनाएगी, जिन्होंने अच्छी वृद्धि हासिल की है, जिससे उन्हें आगे बढ़ने के लिए और अधिक गुंजाइश मिलेगी। यह नए सूक्ष्म उद्यमों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद होना चाहिए क्योंकि वे खासकर वित्त तक पहुंच के संबंध में उपलब्ध विभिन्न राजकोषीय प्रोत्साहनों के साथ आगे बढ़ सकते हैं।’’
उन्होंने कहा कि एमएसएमई के विकास से रोजगार सृजन को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। ढाई करोड़ रुपये तक के निवेश वाले सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्यमों (एमएसएमई) को अब एक करोड़ रुपये की पिछली सीमा से हटाकर सूक्ष्म उद्यमों के रूप में वर्गीकृत किया जाएगा। कारोबार की सीमा को पांच करोड़ रुपये से संशोधित कर 10 करोड़ रुपये कर दिया गया है।
25 करोड़ रुपये तक के निवेश वाली इकाइयों को पहले के 10 करोड़ रुपये से बदलकर लघु उद्यमों के रूप में वर्गीकृत किया जाएगा। ऐसे उद्यमों के लिए कारोबार की सीमा को 50 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 100 करोड़ रुपये कर दिया गया है। 125 करोड़ रुपये तक के निवेश वाले एमएसएमई को अब पहले के 50 करोड़ रुपये की सीमा से हटाकर मझोले उद्यमों के रूप में वर्गीकृत किया जाएगा। मझोले उद्यमों के लिए कारोबार की सीमा को दोगुना करके 500 करोड़ रुपये कर दिया गया है।
अपने बजट भाषण के दौरान, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एमएसएमई के लिए नए वर्गीकरण मानदंडों की घोषणा की थी।
वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा था, ‘‘उन्हें (एमएसएमई को) उच्च दक्षता, तकनीकी उन्नयन और पूंजी तक बेहतर पहुंच प्राप्त करने में मदद करने के लिए, सभी एमएसएमई के वर्गीकरण के लिए निवेश और कारोबार की सीमा को क्रमशः 2.5 और दोगुना तक बढ़ाया जाएगा। इससे उन्हें बढ़ने और हमारे युवाओं के लिए रोजगार पैदा करने का विश्वास मिलेगा।’’
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