देश भर में हर्षोल्लास के साथ मनाई गई ईद
आशीष अविनाश
- 31 Mar 2025, 09:15 PM
- Updated: 09:15 PM
(फोटो के साथ)
नयी दिल्ली, 31 मार्च (भाषा) ईद-उल-फित्र का त्योहार सोमवार को पूरे भारत में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया और लाखों लोगों ने ईदगाहों एवं मस्जिदों में नमाज अदा की, एक-दूसरे के गले मिले तथा शांति और भाईचारे के इस पर्व की बधाई दी।
ईद-उल-फित्र रमजान के महीने के समापन का प्रतीक है जो उत्सव, खुशी और एकजुटता के अवसर के रूप में समाप्त होता है। देश के विभिन्न हिस्सों से झड़पों की कुछ घटनाओं को छोड़कर कड़ी सुरक्षा के बीच शांतिपूर्ण ढंग से यह त्योहार मनाया गया।
दिल्ली में ऐतिहासिक जामा मस्जिद में ईद के अवसर पर कड़ी सुरक्षा के बीच बच्चों और बुजुर्गों समेत बड़ी संख्या में लोगों ने नमाज अदा की।
एक महीने तक सुबह से शाम तक उपवास रखने के बाद, लोग भोजनालयों और रेस्तरां में पहुंचे और अपने पड़ोसियों, मित्रों और रिश्तेदारों के यहां जाकर सेवई और मिठाइयां खाईं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोगों को ईद-उल-फित्र की बधाई देते हुए कामना की कि यह त्योहार समाज में आशा, सद्भाव और दयालुता की भावना को बढ़ाए।
उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में लिखा, ‘‘ईद-उल-फित्र की हार्दिक बधाई। यह त्योहार हमारे समाज में आशा, सद्भाव और दयालुता की भावना को बढ़ाए। यह त्योहार आपके लिए खुशहाली लाए और आपको आपके सभी प्रयासों में सफलता मिले। ईद मुबारक।’’
उत्तर प्रदेश में ईद-उल-फित्र का पर्व पारंपरिक उल्लास के साथ मनाया गया। लखनऊ की ऐशबाग ईदगाह में बड़ी संख्या में लोगों ने मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली की इमामत में ईद की नमाज पढ़ी और अमन-चैन की दुआ की।
अधिकारियों ने बताया कि राजधानी लखनऊ के अलावा संभल, अयोध्या, वाराणसी, प्रयागराज, कौशांबी, रामपुर, अमेठी, हरदोई, अलीगढ़, झांसी, गोंडा समेत विभिन्न जिलों की मस्जिदों और ईदगाहों में भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच ईद की नमाज अदा की गई। कड़ी सुरक्षा और सोशल मीडिया पर निगरानी के बीच कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) से संचालित ड्रोन से वास्तविक समय पर निगरानी की गई।
संभल में ईद की नमाज अदा करने शाही ईदगाह जा रहे लोगों का पुष्पवर्षा कर स्वागत किया गया और मुस्लिम समुदाय के लोगों ने एकता और भाईचारे का संदेश दिया।
पिछले वर्ष 24 नवंबर को शाही जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान भड़की हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई थी और कई लोग घायल हो गए थे।
उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) प्रशांत कुमार ने कहा कि राज्य में 31,500 से अधिक मस्जिदों में शांतिपूर्ण ढंग से ईद की नमाज अदा की गई।
अलीगढ़ में ईद के दौरान माहौल सामान्य था, लेकिन नमाज के लिए जुटे कुछ लोगों ने वैश्विक स्तर पर मुसलमानों के साथ एकजुटता दिखाने और संसद में पेश वक्फ विधेयक को लेकर विरोध जताने के वास्ते काली पट्टी बांध रखी थी।
मेरठ में ईद की नमाज के बाद मामूली विवाद को लेकर एक ही समुदाय के दो गुटों में हिंसक झड़प हो गयी जिसमें करीब छह लोग घायल हो गए।
सहारनपुर के अंबाला रोड पर स्थित ईदगाह में सुबह ईद की नमाज अदा करने के बाद कुछ युवकों ने फलस्तीनी झंडा लहराया और नारेबाजी की। इस घटना का एक वीडियो सामने आया है।
पूरे कश्मीर में ईद का त्योहार मनाया गया, जिसमें डल झील के किनारे हजरतबल दरगाह पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु एकत्र हुए। सुंदर परिधानों में सजे हर उम्र के मुस्लिम समुदाय के लोग ईदगाहों, मस्जिदों और दरगाहों में नमाज अदा करने के लिए एकत्र हुए।
अधिकारियों ने पुराने श्रीनगर शहर में ईदगाह और ऐतिहासिक जामा मस्जिद में ईद की नमाज की अनुमति नहीं दी। दोनों स्थानों पर सुरक्षा बलों की एक बड़ी टुकड़ी तैनात की गई थी।
कश्मीर के मुख्य मौलवी मीरवाइज उमर फारूक को ईदगाह में ईद का उपदेश देना था। उन्होंने दावा किया कि उन्हें सामूहिक नमाज से पहले नजरबंद कर दिया गया था।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं बहुत दुखी हूं और कश्मीर के मुसलमानों को ईदगाह और जामा मस्जिद में ईद की नमाज अदा करने के मूल अधिकार से एक बार फिर वंचित करने के अधिकारियों के फैसले की कड़ी निंदा करता हूं।’’
जम्मू में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच ईद का त्योहार धार्मिक उत्साह और पारंपरिक उल्लास के साथ मनाया गया और बड़ी संख्या में लोग शांति की दुआ मांगने के लिए विभिन्न ईदगाहों पर एकत्र हुए।
जम्मू के रेजीडेंसी रोड स्थित ईदगाह में नमाज अदा करने के लिए बड़ी संख्या में लोग जुटे।
राजस्थान के टोंक जिले में ईद की नमाज के बाद हजारों मुस्लिम लोगों के जुलूस के लिए एकत्र होने पर मालपुरा-केकड़ी मार्ग पर भारी जाम लग गया। पुलिस ने बताया कि जुलूस के लिए हजारों लोगों के एकत्र होने के कारण राजमार्ग करीब एक घंटे तक बंद रहा। एकत्र लोगों ने धार्मिक नारे भी लगाए।
हरियाणा के नूंह के एक गांव में ईद की नमाज के बाद एक ही समुदाय के दो गुटों के बीच झड़प में पांच से अधिक लोग घायल हो गए।
पुलिस के अनुसार, सुबह नौ बजे हुई यह घटना तिरवाड़ा गांव में राशिद और साजिद नामक व्यक्तियों के गुटों के बीच पुरानी रंजिश का नतीजा थी। सूचना मिलने के बाद कई थानों की टीम गांव पहुंची और शांति बहाल की।
गुजरात में पारंपरिक उत्साह के साथ ईद मनायी गयी और मुस्लिम समुदाय के लोगों ने नमाज अदा की एवं एक-दूसरे को बधाई दी।
अहमदाबाद में ऐतिहासिक जामा मस्जिद में बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग ईद की नमाज अदा करने के लिए एकत्र हुए।
मध्यप्रदेश के इंदौर में ईद पर सांप्रदायिक सद्भाव का अनूठा दृश्य नजर आया, जब करीब पांच दशक पुरानी परंपरा के तहत एक हिंदू परिवार शहर काजी को घोड़े की बग्घी पर बैठाकर मुख्य ईदगाह ले गया।
चश्मदीदों ने बताया कि शहर के बाशिंदे सत्यनारायण सलवाड़िया शहर काजी मोहम्मद इशरत अली को उनके राजमोहल्ला स्थित घर से घोड़े की बग्घी पर बिठाकर पूरे सम्मान से सदर बाजार के मुख्य ईदगाह ले गए और सामूहिक नमाज के बाद उन्हें वापस उनके घर छोड़ा।
सलवाड़िया ने संवाददाताओं को बताया कि ईद की यह रिवायत उनके पिता रामचंद्र सलवाड़िया ने करीब 50 साल पहले शुरू की थी और वर्ष 2017 में उनके निधन के बाद वह यह परंपरा निभा रहे हैं।
झारखंड में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच ईद का त्योहार धार्मिक उत्साह के साथ मनाया गया। सभी आयु वर्ग के लोग कुर्ता-पायजामा पहनकर नमाज अदा करने के लिए अपनी निकटतम मस्जिद में पहुंचे।
तेलंगाना में पारंपरिक उत्साह के साथ ईद मनाई गई और इस दौरान मस्जिदों तथा ईदगाहों में अकीदतमंदों ने विशेष नमाज अदा की। शहर में मीर आलम ईदगाह, मक्का मस्जिद सहित अन्य जगहों पर नमाज के लिए अकीदतमंदों की भीड़ उमड़ी।
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने हैदराबाद के मीर आलम ईदगाह में नमाज अदा की और लोगों को बधाई दी।
तमिलनाड़ु में ईद के अवसर पर विशेष नमाज अदा करने के लिए राज्य भर में मस्जिदों और निर्धारित स्थानों पर लोगों की भीड़ उमड़ी। यह त्योहार हमेशा की तरह इस बार भी हर्षोल्लास के साथ मनाया गया तथा लोगों ने एक-दूसरे को शुभकामनाएं दीं।
केरल में मुस्लिम समुदाय ने धार्मिक उत्साह और उल्लास के साथ ईद का त्योहार मनाया। रमजान के महीने के समापन पर नमाज अदा करने के लिए लोग सुबह राज्य भर में मस्जिदों और विशेष रूप से ईदगाहों में नमाज अदा करने के लिए पहुंचे।
नगालैंड में भी यह त्योहार हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। नमाज अदा करने के बाद लोगों ने एक-दूसरे को बधाई दी और दावतों में हिस्सा लिया।
भाषा आशीष