भारत पाकिस्तान और अफगानिस्तान में सिखों के उत्पीड़न की खबरों पर नज़र रखता है: सरकार
मनीषा माधव
- 04 Apr 2025, 01:40 PM
- Updated: 01:40 PM
नयी दिल्ली, चार अप्रैल (भाषा) विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने कहा कि सरकार पाकिस्तान और अफगानिस्तान में सिख समुदाय के सदस्यों के उत्पीड़न की खबरों पर नियमित रूप से नज़र रखती है।
विदेश राज्य मंत्री सिंह ने राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। विदेश मंत्रालय से पूछा गया था कि क्या वह पाकिस्तान और अफगानिस्तान में सिख समुदाय के सदस्यों के उत्पीड़न के आंकड़े रखता है; और दुनिया भर में सिखों की सुरक्षा और बचाव के लिए विदेश मंत्रालय द्वारा उठाए गए कदमों का विवरण क्या है?
सिंह ने कहा, ‘‘भारत सरकार पाकिस्तान और अफगानिस्तान में सिख समुदाय के सदस्यों के उत्पीड़न की खबरों पर नियमित रूप से नज़र रखती है। पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदायों, जिनमें सिख समुदाय भी शामिल है, के खिलाफ अत्याचारों में उत्पीड़न, धमकी, जबरन विवाह, जबरन धर्मांतरण, उनके धार्मिक पूजा स्थलों पर तोड़फोड़ आदि शामिल हैं।’’
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ अत्याचार की खबरों के आधार पर भारत सरकार राजनयिक चैनलों के माध्यम से पाकिस्तान के समक्ष ऐसे मामलों को उठाती है।
उन्होंने कहा, ‘‘पाकिस्तान सरकार से आग्रह है कि वह अल्पसंख्यक समुदायों सहित अपने नागरिकों के प्रति अपने संवैधानिक दायित्वों का निर्वहन करे तथा सांप्रदायिक हिंसा, अति पूर्वाग्रहों और धार्मिक असहिष्णुता को समाप्त करे।’’
सिंह ने कहा कि 2021 में अफगानिस्तान में सुरक्षा स्थिति में ‘‘तेजी से गिरावट’’ के मद्देनजर, अफगानिस्तान से अल्पसंख्यक समुदाय के 74 सदस्यों, मुख्य रूप से अफगान सिखों को ‘‘ऑपरेशन देवी शक्ति के तहत भारत सरकार ने विशेष भारतीय वायु सेना की और एयर इंडिया की उड़ानों के जरिये वहां से निकाला है।’’
उन्होंने कहा कि भारत, विदेशों में अपने राजनयिक मिशन और पोस्ट के माध्यम से, सिख समुदाय सहित अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा, संरक्षा और कल्याण के मुद्दों को हल करने के लिए मेजबान सरकारों के संपर्क में रहता है।
सिंह ने कहा कि सरकार समय-समय पर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद सहित बहुपक्षीय मंचों पर भी इन मुद्दों को उठाती है।
एक अन्य प्रश्न में, विदेश मंत्रालय से सरकार द्वारा पेश किए गए चिप-आधारित ई-पासपोर्ट का विवरण, उनकी विशेषताएं, लाभ और उनके कार्यान्वयन की वर्तमान स्थिति सहित पूछा गया था।
इसके लिखित जवाब में सिंह ने बताया कि ई-पासपोर्ट एक संयुक्त कागज और इलेक्ट्रॉनिक पासपोर्ट है, जिसमें एक ‘रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन’ (आरएफआईडी) चिप और एंटीना लगा होता है।
उन्होंने बताया कि ई-पासपोर्ट का मुख्य लाभ इसके डेटा की अखंडता को बनाए रखने की इसकी विस्तारित क्षमता है।
सिंह ने कहा, ‘‘चूंकि ई-पासपोर्ट में बुकलेट पर मुद्रित रूप में डेटा होता है, साथ ही चिप में यह कूट रूप में संग्रहित किया जाता है, इसलिए इसके साथ जालसाजी करना कठिन होता है।’’
उन्होंने बताया कि ई-पासपोर्ट का आरंभ एक अप्रैल, 2024 को पासपोर्ट सेवा कार्यक्रम (पीएसपी) के दूसरे संस्करण की शुरूआत के साथ प्रायोगिक तौर पर शुरू हुआ है। वर्तमान में, नागपुर, भुवनेश्वर, जम्मू, गोवा, शिमला, रायपुर, अमृतसर, जयपुर, चेन्नई, हैदराबाद, सूरत और रांची में क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय भारतीय नागरिकों को ई-पासपोर्ट जारी कर रहे हैं।
सिंह ने कहा कि आने वाले समय में और अधिक पासपोर्ट कार्यालय भारतीय नागरिकों को ई-पासपोर्ट जारी करेंगे।
भाषा मनीषा