म्यांमा की ऊर्जा कमी को दूर करने के लिए काम कर रहा है भारत : भारतीय दूत ठाकुर
निहारिका सुरेश
- 04 Apr 2025, 03:05 PM
- Updated: 03:05 PM
(ऋषिकेश कुमार)
यांगून (म्यांमा), चार अप्रैल (भाषा) म्यांमा में भारतीय राजदूत अभय ठाकुर ने शुक्रवार को कहा कि भारत इस दक्षिण पूर्व एशियाई (म्यांमा) की ऊर्जा कमी को दूर करने के लिए ग्रिड संपर्क बढ़ाने और पेट्रोलियम उत्पादों की आपूर्ति के लिए समझौतों पर सक्रियता से काम कर रहा है।
ठाकुर ने ‘पीटीआई-भाषा’ के साथ बातचीत में म्यांमा के साथ अपने संबंधों के प्रमुख स्तंभ के रूप में ऊर्जा सहयोग पर भारत के रणनीतिक रूप से ध्यान देने का उल्लेख किया।
उन्होंने कहा, ‘‘चूंकि हमारा पूर्वोत्तर क्षेत्र अब डीओएनईआर (पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास) विभाग के तहत भारत सरकार के विशेष प्रयासों से तेजी से विकसित हो रहा है, इसलिए म्यांमा में ऊर्जा की कमी को दूर करने के लिए ग्रिड संपर्क, सहयोग का एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है।’’
राजदूत ने इस बात पर जोर दिया कि इन पहलों से न केवल म्यांमा की ऊर्जा आपूर्ति को स्थिर करने में मदद मिलेगी, बल्कि द्विपक्षीय संबंध भी मजबूत होंगे। इससे म्यांमा को अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं में विविधता लाने में भी मदद मिलेगी, जिसके लिए वह फिलहाल चीन पर निर्भर है।
भारत ग्रिड संपर्क के अलावा म्यांमा को पेट्रोल एवं डीजल जैसे पेट्रोलियम उत्पादों की आपूर्ति को सुव्यवस्थित करने के लिए तटीय पोत परिवहन समझौते पर बातचीत कर रहा है।
ठाकुर ने भारत के पूर्वी तट के लॉजिस्टिक लाभ का उल्लेख किया और कहा कि म्यांमा के लिए पोत परिवहन का समय अन्य मार्गों की तुलना में कम से कम 24 घंटे कम है।
उन्होंने कहा, ‘‘इससे म्यांमा के लिए हमारी पेट्रोलियम उत्पादों की आपूर्ति विशेष रूप से आकर्षक हो गई है। हम इस सहयोग को औपचारिक रूप देने के लिए तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।’’
राजदूत ने रुपये और क्यात (म्यांमार की मुद्रा) में व्यापारिक लेनदेन को बढ़ाने के प्रयासों का भी उल्लेख करते हुए कहा कि इससे ऊर्जा लेनदेन में और सुविधा होगी तथा तीसरे देश की मुद्राओं पर निर्भरता कम होगी।
उन्होंने कहा, ‘‘ऊर्जा पर संयुक्त कार्य समूह के तहत सौर ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग एक अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्र है, जिसमें भारत, म्यांमा को अपनी नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता का दोहन करने में मदद करने के वास्ते विशेषज्ञता एवं प्रौद्योगिकी साझा कर रहा है।’’
भारत ने हाल ही में आए 7.7 तीव्रता के भूकंप के बाद पुनर्वास एवं पुनर्निर्माण के कामों में भी म्यांमा की सहायता करने का वादा किया है। भूकंप से मांडले, सगाइंग और नेपीता जैसे क्षेत्रों में पुलों, सांस्कृतिक स्थलों और सरकारी भवनों सहित महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचा है।
भाषा निहारिका