प्रधानमंत्री मोदी श्रीलंका के तीन दिवसीय यात्रा पर कोलंबो पहुंचे
धीरज संतोष
- 04 Apr 2025, 11:03 PM
- Updated: 11:03 PM
(तस्वीरों के साथ)
(मानस प्रतिम भुइयां)
कोलंबो, चार अप्रैल (भाषा)प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी श्रीलंका के साथ समग्र द्विपक्षीय संबंधों (विशेषकर ऊर्जा, व्यापार, ‘कनेक्टिविटी’, डिजिटलीकरण और रक्षा के क्षेत्रों में) को और मजबूत करने की संभावनाओं का पता लगाने के लिए तीन दिवसीय यात्रा पर शुक्रवार शाम को कोलंबो पहुंचे।
प्रधानमंत्री मोदी का विशेष स्वागत करने के लिए श्रीलंका के विदेश मंत्री विजिता हेराथ, स्वास्थ्य मंत्री नलिंदा जयतिस्सा और मत्स्य पालन मंत्री रामलिंगम चंद्रशेखर सहित पांच शीर्ष मंत्री हवाई अड्डे पर मौजूद रहे।
प्रधानमंत्री बैंकाक की अपनी यात्रा पूरी करने के बाद श्रीलंका की राजधानी पहुंचे। बैंकाक में उन्होंने बिम्सटेक (बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग के लिए बंगाल की खाड़ी पहल) के शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया था।
प्रधानमंत्री मोदी शनिवार को श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके के साथ व्यापक वार्ता करेंगे।
बैठक के बाद भारत और श्रीलंका द्वारा लगभग 10 क्षेत्रों को लेकर सहमति व्यक्त किये जाने की उम्मीद है, जिनमें रक्षा, ऊर्जा सुरक्षा और डिजिटलीकरण के क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देना शामिल है।
प्रधानमंत्री मोदी ने दो देशों की यात्रा पर रवाना होने से पहले बृहस्पतिवार को एक बयान में कहा, ‘‘हमारे पास ‘साझा भविष्य के लिए साझेदारी को बढ़ावा देने’ के संयुक्त दृष्टिकोण पर हुई प्रगति की समीक्षा करने और हमारे साझा उद्देश्यों को साकार करने के लिए आगे मार्गदर्शन प्रदान करने का अवसर होगा।’’
संयुक्त दृष्टिकोण को तीन महीने पहले श्रीलंकाई राष्ट्रपति की नयी दिल्ली यात्रा के दौरान अपनाया गया था।
प्रधानमंत्री मोदी की श्रीलंका यात्रा के दौरान के घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले लोगों ने बताया कि रक्षा सहयोग पर समझौता समेत सात समझौतों को अंतिम रूप दिए जाने की संभावना है, इनके अलावा तीन और समझौते भी हो सकते हैं।
उन्होंने बताया कि यदि रक्षा सहयोग पर समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर होते हैं, तो यह भारत-श्रीलंका रक्षा संबंधों में एक बड़ी पहल का संकेत होगा, तथा लगभग 35 वर्ष पहले भारत द्वारा द्वीपीय राष्ट्र से भारतीय शांति सेना (आईपीकेएफ) को वापस बुलाए जाने से संबंधित कटु अध्याय को पीछे छोड़ देगा।
प्रधानमंत्री की श्रीलंका यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब यह द्वीपीय देश आर्थिक संकट से उबरने के संकेत दे रहा है। तीन साल पहले श्रीलंका बड़े आर्थिक संकट से जूझ रहा था और भारत ने उसे 4.5 अरब अमेरिकी डॉलर की वित्तीय सहायता दी थी।
मोदी और दिसानायके के बीच वार्ता के बाद, ऋण पुनर्गठन पर श्रीलंका को भारत की सहायता तथा मुद्रा विनिमय पर भारत की सहायता से संबंधित दो दस्तावेज सार्वजनिक किए जाने की संभावना है।
श्रीलंका में भारतीय उच्चायुक्त संतोष झा ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिये साक्षात्कार में कहा कि द्वीपीय राष्ट्र को भारत की सहायता दुनिया के किसी भी देश को दी गई सहायता के संदर्भ में ‘अभूतपूर्व’ है।
झा ने कहा, ‘‘यह बहुत बड़ी सहायता थी और हम विभिन्न क्षेत्रों में सहायता प्रदान करने के लिए श्रीलंका के साथ काम करना जारी रख रहे हैं। इसकी यहां बहुत सराहना की जाती है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम उस समझ के तत्वों को आगे बढ़ा रहे हैं और संबंधों में एक नया एजेंडा जोड़ रहे हैं क्योंकि आप सभी जानते हैं कि भारत और श्रीलंका सबसे करीबी समुद्री पड़ोसी हैं।’’
मोदी और दिसानायके कोलंबो में भारत की सहयाता से बनाई गई कई परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे। दोनों नेता सामपुर सौर ऊर्जा परियोजना के ‘ऑनलाइन’ शिलान्यास के भी साक्षी बनेंगे।
मोदी का श्रीलंका के कई नेताओं से भी मिलने का कार्यक्रम है।
मोदी और दिसानायके छह अप्रैल को ऐतिहासिक शहर अनुराधापुरा जाएंगे, जहां वे महाबोधि मंदिर में पूजा-अर्चना करेंगे। दोनों नेता संयुक्त रूप से अनुराधापुरा में भारत की सहायता से तयार दो परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे।
भाषा धीरज