राष्ट्रपति मुर्मू ने आप्रवास एवं विदेशी विषयक विधेयक-2025 को दी मंजूरी
रवि कांत रवि कांत संतोष
- 04 Apr 2025, 11:58 PM
- Updated: 11:58 PM
नयी दिल्ली, चार अप्रैल (भाषा) राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को आप्रवास एवं विदेशी विषयक विधेयक-2025 को मंजूरी दे दी। यह विधेयक विदेशियों और आप्रवास के मुद्दों से संबंधित है, और अब यह एक कानून बन गया है।
इस विधेयक को चार अप्रैल, 2025 को राष्ट्रपति की स्वीकृति प्राप्त हुई और तत्पश्चात इसे राजपत्र अधिसूचना के माध्यम से अधिसूचित किया गया।
कानून के अनुसार, अब से यदि कोई भी व्यक्ति भारत में प्रवेश करने, देश में रहने या देश से बाहर जाने के लिए जाली पासपोर्ट या वीजा का उपयोग करते हुए पाया गया तो उसे सात साल तक की जेल की सजा और 10 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।
इस विधेयक में होटलों, विश्वविद्यालयों, अन्य शैक्षणिक संस्थानों, अस्पतालों और नर्सिंग होम द्वारा विदेशियों के बारे में सूचना देना अनिवार्य करने का भी प्रावधान है, ताकि निर्धारित अवधि से अधिक समय तक ठहरने वाले विदेशियों पर नजर रखी जा सके।
सभी अंतरराष्ट्रीय एयरलाइनों और जहाजों को भारत में किसी बंदरगाह अथवा स्थान पर नागरिक प्राधिकरण या आप्रवास अधिकारी के समक्ष यात्री और चालक दल की सूची प्रस्तुत करनी होगी। ऐसे विमान, जलयान या परिवहन के अन्य साधनों पर सवार यात्रियों और चालक दल की अग्रिम सूचना देनी होगी।
कानून के अनुसार जो कोई भी जानबूझकर भारत में प्रवेश करने या भारत में रहने या भारत से बाहर जाने के लिए जाली या धोखाधड़ी से प्राप्त पासपोर्ट या अन्य यात्रा दस्तावेज या वीजा का उपयोग अथवा उसकी आपूर्ति करता है, उसे कम से कम दो वर्ष की अवधि के कारावास से दंडित किया जाएगा। लेकिन, कारावास की सजा को सात साल तक बढ़ाया जा सकता है और एक लाख रुपये से लेकर दस लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
यह विधेयक केंद्र सरकार को उन स्थानों पर नियंत्रण करने का अधिकार देता है जहां 'विदेशियों का अक्सर आना-जाना लगा रहता है' तथा इसके अंतर्गत जरूरत पड़ने पर मालिक को परिसर को बंद करना होगा, निर्दिष्ट शर्तों के तहत इसके उपयोग की सरकार को अनुमति देनी होगी, या जरूरत पड़ने पर सभी या 'निर्दिष्ट वर्ग' के विदेशियों को प्रवेश देने से मना करना होगा।
यह अधिनियम विदेशियों और आप्रवास से संबंधित सभी मामलों को विनियमित करने के लिए एक व्यापक कानून है।
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