कर्नाटक: भाजपा ने कार्यकर्ता की मौत को लेकर प्रदर्शन किया. सिद्धरमैया ने राजनीति करने का लगाया आरोप
जितेंद्र देवेंद्र
- 05 Apr 2025, 04:25 PM
- Updated: 04:25 PM
बेंगलुरु/कोडागु, पांच अप्रैल (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पार्टी के एक कार्यकर्ता की कथित आत्महत्या के संबंध में दर्ज प्राथमिकी में कांग्रेस के दो विधायकों का नाम शामिल करने की मांग को लेकर शनिवार को कोडागु जिले के कुशालनगर में प्रदर्शन किया।
वहीं मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने भाजपा पर कार्यकर्ता की मौत को लेकर राजनीति करने का आरोप लगाया।
भाजपा ने कुछ अन्य स्थानों पर भी प्रदर्शन किया। पार्टी ने मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से कराने की भी मांग की।
भाजपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र, सांसद यदुवीर कृष्णदत्त चामराजा वडियार, पूर्व सांसद प्रताप सिम्हा, विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष केजी बोपैया समेत भाजपा के कई नेताओं को पुलिस ने कुशालनगर में पुलिस उपाधीक्षक (डीवाईएसपी) कार्यालय की घेराबंदी करने की कथित तौर पर कोशिश करने के लिए हिरासत में ले लिया और उन्हें बस में ले जाया गया।
नेताओं को हिरासत में लिए जाने के दौरान वहां अफरा-तफरी का माहौल रहा। बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता एकत्र हुए और पुलिस और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
कोडागु में भाजपा पदाधिकारी विनय सोमैया (40) ने शुक्रवार को कांग्रेस नेताओं पर उत्पीड़न का आरोप लगाने के बाद कथित रूप से आत्महत्या कर ली थी।
सोमैया ने एक व्हाट्सएप समूह पर कथित ‘सुसाइड नोट’ पोस्ट किया था।
मृतक के बड़े भाई जीवन केएस द्वारा कथित ‘सुसाइड नोट’ के आधार पर दर्ज कराई गई शिकायत के तहत कांग्रेस कार्यकर्ता थेनीरा महेना और अन्य के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 108 (आत्महत्या के लिए उकसाना), 3(5) (सामान्य इरादा), 351(2) (आपराधिक धमकी) और 352 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान करना) का मामला दर्ज किया गया।
हालांकि, प्राथमिकी में विराजपेट से विधायक एएस पोन्नन्ना और मडिकेरी से विधायक मंतर गौड़ा और हरीश पूवैया नाम के व्यक्ति का उल्लेख नहीं है जबकि पुलिस को सौंपी गई हस्तलिखित शिकायत में तीनों के नाम का उल्लेख किया गया था।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि इस बीच सोमैया का शव अंतिम संस्कार के लिए सोमवारपेट के गोनीमारुरु गांव ले जाया जाएगा।
मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने भाजपा पर कार्यकर्ता की मौत को लेकर राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि मामले में प्राथमिकी दर्ज हो चुकी है और जांच जारी है, इसलिए उन्होंने कोई टिप्पणी नहीं की।
उन्होंने कहा कि जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
भाजपा द्वारा प्राथमिकी में पोन्नन्ना और मंतर गौड़ा का नाम शामिल करने की मांग पर मुख्यमंत्री ने कहा, “हम भाजपा की मांगों का जवाब नहीं दे सकते। भाजपा के लोग हताश हैं और वे ऐसी बातें कह रहे हैं। वे मौत पर राजनीति कर रहे हैं। भाजपा अक्सर ऐसा करती है।”
उन्होंने कहा, “मैं केवल इतना कह सकता हूं कि प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है और जांच जारी है। इस समय मैं मामले में हस्तक्षेप नहीं करना चाहता। मैं कोई बयान नहीं देना चाहता।”
इससे पहले प्रदेश सरकार में गृह मंत्री जी. परमेश्वर ने प्राथमिकी में दो कांग्रेस विधायकों का नाम शामिल करने की मांग पर कहा था कि कानून सभी के लिए समान है और पुलिस कानून के अनुसार आवश्यक कार्रवाई करेगी।
परमेश्वर ने प्राथमिकी में विधायकों के नाम नहीं होने के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में कहा, “कानून सभी के लिए समान है, फिर चाहे वह पोन्नन्ना हो या मंतर। पुलिस कानून के अनुसार आवश्यक कार्रवाई करेगी। मामला फरवरी का है और उसने (विनय सोमैया) अब आत्महत्या कर ली है। पुलिस विभाग जांच कर रहा है।”
उन्होंने यहां पत्रकारों से कहा कि सोमैया ने व्हाट्सएप पर एक विस्तृत नोट साझा किया और पुलिस हर चीज का विश्लेषण कर कार्रवाई करेगी।
गृह मंत्री ने कहा, “शिकायत किसने दी, इसकी विषय-वस्तु क्या है, कोई चूक हुई है, इन सभी की जांच या पूछताछ की जानी चाहिए। पुलिस इसकी जांच कर रही है।”
गृह मंत्री ने यह पूछे जाने पर कि क्या मामला सीआईडी को सौंपा जा सकता है, पर कहा, “अगर आवश्यक हुआ तो ऐसा किया जा सकता है, लेकिन फिलहाल हमें इसकी जरूरत नहीं दिखती।”
भाषा जितेंद्र