केरल में विपणन कंपनी पर कर्मचारियों को प्रताड़ित करने का आरोप
राखी जोहेब
- 06 Apr 2025, 01:02 PM
- Updated: 01:02 PM
कोच्चि, छह अप्रैल (भाषा) केरल के कोच्चि में स्थित एक निजी विपणन कंपनी पर अपेक्षा के अनुरूप प्रदर्शन न कर पाने वाले अपने कर्मचारियों के साथ अनुचित व्यवहार करने का आरोप लगा है।
घटना के दृश्य स्थानीय टीवी चैनलों पर शनिवार को प्रसारित होने के बाद राज्य श्रम विभाग ने जांच का आदेश दिया। घटना के एक दृश्य में एक व्यक्ति को कुत्ते की तरह गले में पट्टा बांधकर ले जाते हुए देखा जा सकता है।
पुलिस और श्रम विभाग ने भी दृश्य की प्रामाणिकता की जांच शुरू कर दी है।
हालांकि, इस मामले में एक नया मोड़ आ गया जब वीडियो में प्रताड़ित किये जा रहे व्यक्ति ने मीडिया को बताया कि कंपनी में किसी भी तरह का उत्पीड़न नहीं हुआ।
व्यक्ति ने दावा किया, “मैं अब भी कंपनी में काम कर रहा हूं... ये दृश्य कुछ महीने पहले के हैं और तत्कालीन प्रबंधक ने इन्हें जबरन रिकॉर्ड किया था। बाद में प्रबंधन ने उनकी सेवा समाप्त कर दी और अब वह इन दृश्यों का इस्तेमाल मालिक की छवि खराब करने के लिए कर रहे हैं।”
बताया जा रहा है कि संबंधित व्यक्ति ने पुलिस और श्रम विभाग के अधिकारियों के सामने भी यही बयान दिया है।
इससे पहले दिन में श्रम मंत्री वी. शिवनकुट्टी ने इस घटनाक्रम की जांच के आदेश दिए और जिला श्रम अधिकारी को तत्काल रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया।
वीडियो में देखा गया कि एक व्यक्ति को कुत्ते की तरह घुटनों के बल रेंगने के लिए मजबूर किया जा रहा है।
बाद में, खुद को कंपनी का कर्मचारी बताते हुए कुछ लोगों ने एक टीवी चैनल से कहा कि निर्धारित कार्य को पूरा नहीं करने वाले कर्मचारियों को प्रबंधन इस तरह की सजा देता है।
पुलिस के अनुसार, यह घटना कालूर में स्थित एक निजी विपणन कंपनी से जुड़ी बताई जा रही है जबकि कथित अपराध पेरुम्बवूर में हुआ।
पुलिस ने पत्रकारों को बताया कि उन्हें इस संबंध में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है और कंपनी के मालिक ने आरोपों से इनकार किया है।
एक अधिकारी ने बताया, “अब तक कोई मामला दर्ज नहीं हुआ है, लेकिन जांच जारी है।”
केरल के श्रम मंत्री शिवनकुट्टी ने इन दृश्यों को “चौंकाने वाला और परेशान करने वाला” बताया और कहा कि केरल जैसे राज्य में इसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता।
उन्होंने कहा, “मैंने इस घटना की जांच के आदेश दिए हैं और जिला श्रम अधिकारी को निर्देश दिया है कि वे जांच कर इस संबंध में रिपोर्ट सौंपें।”
इस घटना पर उच्च न्यायालय के वकील कुलथूर जयसिंह की शिकायत के आधार पर राज्य मानवाधिकार आयोग ने स्वतः संज्ञान लेते हुए मामला दर्ज किया है।
केरल राज्य युवा आयोग ने भी इस घटना में हस्तक्षेप करते हुए स्वतः संज्ञान लेकर मामला दर्ज किया है।
आयोग ने जिला पुलिस प्रमुख को इस संबंध में रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है।
आयोग के अध्यक्ष एम शाजर ने एक बयान में कहा कि इस तरह की अमानवीय गतिविधियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए।
उन्होंने कहा, “एक सभ्य समाज के तौर पर हमें ऐसी असामाजिक प्रवृत्तियों के खिलाफ सामूहिक रूप से प्रतिक्रिया देनी चाहिए।”
भाषा राखी