आईएनएस त्रिकांड ने अरब सागर में घायल पाकिस्तानी नागरिक की मदद की
धीरज संतोष
- 06 Apr 2025, 06:53 PM
- Updated: 06:53 PM
नयी दिल्ली, छह अप्रैल (भाषा) भारतीय नौसेना के स्टील्थ फ्रिगेट आईएनएस त्रिकांड मध्य अरब सागर में अपना मार्ग बदलकर ओमान के तट के नजदीक एक मछली पकड़ने वाली नौका तक पहुंचा और उसपर सवार चालक दल के घायल पाकिस्तानी सदस्य को चिकित्सा सहायता प्रदान की। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी।
नौसेना के एक प्रवक्ता ने बताया कि आईएनएस त्रिकांड को शुक्रवार सुबह ईरानी पोत अल ओमीदी से आपात संदेश मिला।
अधिकारियों ने बताया कि आगे की जांच करने पर जानकारी मिली कि नौका पर सवार चालक दल के एक सदस्य को ‘‘इंजन पर काम करते समय उंगलियों में गंभीर चोटें आईं’’ और उसकी हालत गंभीर थी, तथा उसे एफवी अब्दुल रहमान हंजिया नामक एक अन्य नौका पर स्थानांतरित किया गया है, जो ईरान की ओर बढ़ रही है।
उन्होंने बताया कि जानकारी मिली कि व्यक्ति को कई जगह गंभीर चोटें आईं थीं,उसकी कई हड्डियां टूट गई थीं और बहुत ज्यादा खून बह गया था।
प्रवक्ता ने कहा, ‘‘त्रिकांड ने घायल चालक दल के सदस्य को चिकित्सा सहायता प्रदान करने के लिए तुरंत अपना मार्ग बदल दिया।’’
उन्होंने बताया कि एफवी अब्दुल रहमान हंजिया के चालक दल में 11 पाकिस्तानी - नौ बलूच और दो सिंधी - और पांच ईरानी कर्मी शामिल थे।
प्रवक्ता ने बताया, ‘‘घायल व्यक्ति पाकिस्तानी (बलूच) नागरिक है और उसके हाथ में कई फ्रैक्चर और गंभीर चोटें आईं, उसका बहुत अधिक खून बह गया था।’’
भारतीय नौसेना के अधिकारी ने बताया कि मध्य अरब सागर में कार्यरत इस फ्रिगेट ने ओमान तट से लगभग 350 समुद्री मील पूर्व में मछली पकड़ने वाली नौका के पाकिस्तानी चालक दल को तत्काल महत्वपूर्ण चिकित्सा सहायता प्रदान की।
उन्होंने बताया कि आईएनएस त्रिकांड के चिकित्सा अधिकारी, मार्कोस (मरीन कमांडो) और जहाज की बोर्डिंग टीम के साथ, सहायता प्रदान करने के लिए एफवी (मछली पकड़ने वाली नौका) पर सवार हुए।
अधिकारियों ने बताया कि स्थानीय एनेस्थीसिया देने के बाद जहाज की मेडिकल टीम ने घायल व्यक्ति की उंगलियों पर टांके लगाए और मरहमपट्टी की।
उन्होंने बताया कि तीन घंटे से अधिक समय तक चली शल्य चिकित्सा सफलतापूर्वक पूरी कर ली गई और समय रहते रक्तस्राव को नियंत्रित कर लिया गया, जिससे गैंग्रीन के कारण घायल उंगलियों को होने वाले संभावित स्थायी नुकसान को रोका जा सका।
उन्होंने बताया कि इसके अलावा, ईरान पहुंचने तक चालक दल के सदस्य की हालत स्थिर रखने के लिए उसे एंटीबायोटिक्स सहित अन्य दवाएं दी गईं।
अधिकारियों ने बताया कि पूरे चालक दल ने अपने साथी की जान बचाने में समय पर सहायता के लिए भारतीय नौसेना के प्रति आभार व्यक्त किया।
भाषा धीरज