एमसीडी महापौर चुनाव के लिए उम्मीदवार के नाम को अंतिम रूप देने में लगी भाजपा
वैभव नेत्रपाल
- 07 Apr 2025, 08:01 PM
- Updated: 08:01 PM
नयी दिल्ली, सात अप्रैल (भाषा) विधानसभा चुनाव में जीत के बाद दिल्ली के महापौर पद पर नजर टिकाए भाजपा ने इस महीने के तीसरे सप्ताह में संभावित महापौर चुनाव के लिए अपने पार्षदों में से उपयुक्त उम्मीदवार की तलाश शुरू कर दी है।
पार्टी नेताओं ने बताया कि दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के सदन में विपक्ष के नेता राजा इकबाल सिंह, केशवपुरम जोनल कमेटी के अध्यक्ष योगेश वर्मा और शाहदरा दक्षिण जोनल कमेटी के संदीप कपूर समेत कई भाजपा पार्षदों के नाम महापौर पद के संभावित उम्मीदवारों के रूप में चर्चा में हैं।
आम आदमी पार्टी ने 2022 के चुनावों में 250 में से 134 वार्ड जीतकर एमसीडी पर नियंत्रण कर लिया था, जबकि भाजपा को 104 वार्ड मिले।
गत 15 फरवरी को आप के तीन पार्षदों के पाला बदलने के बाद भाजपा एमसीडी में सबसे बड़ी पार्टी बन गई। नगर निकायों में दलबदल रोधी कानून लागू नहीं होता।
पिछले कुछ महीनों में आप के कई पार्षदों के पार्टी छोड़कर जाने के बाद अब भाजपा पार्षदों की संख्या 119 हो गई है।
दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष द्वारा 14 विधायकों, जिनमें से 11 भाजपा के हैं, को एमसीडी में मनोनीत किए जाने के बाद भाजपा के महापौर पद पर जीतने की संभावना और बढ़ गई है।
पार्टी ने 2024 के लोकसभा चुनाव में दिल्ली की सात लोकसभा सीट पर जीत हासिल की थी। सांसद और मनोनीत विधायक इस महीने के अंत में संभावित महापौर और उपमहापौर चुनाव में मतदान करेंगे।
पिछले साल नवंबर में हुए चुनाव में आप ने महापौर पद पर मात्र तीन वोट से जीत हासिल की थी। दिल्ली के महापौर का कार्यकाल एक वर्ष का होता है और नए चुनाव अप्रैल में होते हैं।
पिछले महीने विधानसभा चुनाव में शानदार जीत दर्ज करने वाली भाजपा महापौर का पद हासिल करके दिल्ली में “ट्रिपल इंजन सरकार” की उम्मीद कर रही है। पार्टी पहले से ही केंद्र में सत्ता में है।
दिल्ली भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘‘हमें महापौर पद पर जीत का भरोसा है, जिसके लिए पार्टी के एक पार्षद के नाम को अंतिम रूप दिया जा रहा है।’’
आप नेताओं ने भी कहा कि पार्टी महापौर चुनाव के लिए अपनी रणनीति बना रही है और एक उपयुक्त उम्मीदवार को मैदान में उतारेगी।
भाजपा की दिल्ली इकाई के एक पदाधिकारी ने कहा, ‘‘एमसीडी में पार्टी के 11 विधायकों के मनोनयन के साथ ही महापौर पद पर जीत की संभावना और अधिक सुनिश्चित हो गई है।’’
पार्टी नेताओं ने दावा किया कि महापौर चुनाव होने तक आप के और पार्षदों के पार्टी छोड़ने की संभावना है।
भाषा वैभव