जम्मू-कश्मीर के विधायकों ने विधानसभा में वक्फ अधिनियम पर चर्चा की मांग की
राखी मनीषा
- 08 Apr 2025, 02:58 PM
- Updated: 02:58 PM
जम्मू, आठ अप्रैल (भाषा) जम्मू-कश्मीर में सत्तारूढ़ गठबंधन और विपक्षी दलों के सदस्यों ने मंगलवार को विधानसभा अध्यक्ष अब्दुल रहीम राथर से वक्फ (संशोधन) अधिनियम पर चर्चा की अनुमति देने की मांग की और कहा कि यह मामला गंभीर चिंता का विषय है।
सदन में अधिनियम पर चर्चा के लिए दिए गए कार्य स्थगन प्रस्ताव को आसन द्वारा अस्वीकार किए जाने के बाद नेशनल कांफ्रेंस, कांग्रेस, पीडीपी और अन्य दलों के सदस्यों ने जोरदार विरोध जताया जिसके चलते अध्यक्ष राथर को दिन में दूसरी बार सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।
विरोध के बीच उपमुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी ने कहा, ‘‘यह सरकार जनता द्वारा चुनी गई है। यदि यह मुद्दा सदस्यों से जुड़ा है तो यह सरकार से भी जुड़ा है। हम यह नहीं कह सकते कि यह सरकार का मामला नहीं है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमें सदस्यों को सुनना चाहिए। उन्हें इस मुद्दे पर अपनी बात रखने की अनुमति दी जानी चाहिए।’’
वह सदन में विधानसभा अध्यक्ष के उस फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे जिसमें उन्होंने कहा था कि यह मामला न्यायालय में विचाराधीन है इसलिए इस पर चर्चा नहीं की जा सकती।
उनके इस बयान पर उपमुख्यमंत्री और तीन अन्य मंत्रियों सकीना इट्टू, जावेद डार और जावेद राणा ने भी अपनी सीट से खड़े होकर विरोध जताया और सत्ता पक्ष की ओर से विरोध कर रहे सदस्यों का साथ दिया।
जब सदस्यों ने चर्चा के लिए जोर दिया तो विधानसभा अध्यक्ष ने कहा, "प्रस्ताव को अनुमति नहीं दी जाए क्योंकि यह न्यायालय में विचाराधीन है।"
अध्यक्ष ने नियम 58 की उपधारा 9 का हवाला देते हुए कहा, ‘‘कोई भी प्रस्ताव उस विषय से संबंधित नहीं होना चाहिए जो मुख्य रूप से सरकार का विषय न हो। यदि यह सरकार का विषय नहीं है, तो इस पर चर्चा नहीं हो सकती।’’ उन्होंने दोहराया कि यह मुद्दा अदालत में विचाराधीन है।
उनके इस बयान का विरोध करते हुए सदस्यों ने मेज थपथपाईं और नारे लगाए।
कृषि मंत्री जावेद अहमद डार ने कहा, ‘‘आपने एक व्यवस्था का हवाला देते हुए यह कहा कि यह इस सरकार का विषय नहीं है। यह सरकार से संबंधित है। उपमुख्यमंत्री ने खुद कल इस पर चर्चा के लिए सहमति जताई थी जिसके लिए कार्य स्थगन प्रस्ताव दिए गए थे। जब पूरा सदन चर्चा चाहता है, तो चर्चा होनी चाहिए।’’
स्वास्थ्य मंत्री सकीना इट्टू ने भी कहा कि सरकार इस मुद्दे को लेकर चिंतित है।
नेशनल कांफ्रेंस के नजीर गुरेजी ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने अभी तक इस मामले को स्वीकार नहीं किया है क्योंकि कोई नोटिस जारी नहीं हुआ है इसलिए इस पर चर्चा हो सकती है।
वहीं, भाजपा के श्याम लाल शर्मा और पीपुल्स कांफ्रेंस के सज्जाद लोन ने सत्तापक्ष पक्ष के विरोध कर रहे सदस्यों से कहा कि वे अध्यक्ष को हटाने के लिए अविश्वास प्रस्ताव लाएं।
हंगामे के चलते अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी।
भाषा राखी